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बिजली चोरों पर नकेल के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत - उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की ओर से बिजली चोरी रोकने के लिए एक मई को बिजली मित्र पोर्टल शुरू किया गया है. इस पोर्टल पर कोई भी शिकायत दर्ज कर सकता है.

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Published : Jun 29, 2023, 9:18 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं, लेकिन यह प्रयास ज्यादातर घरेलू उपभोक्ताओं के यहां देखा जा रहा है, जबकि इससे कई गुना ज्यादा बिजली चोरी व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए की जाने वाली सप्लाई से होती है. सरकारी तंत्र को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए. यह अच्छी बात है कि पहली बार ड्रोन का उपयोग कर बिजली चोरों को बेनकाब किया गया है. तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना भी चाहिए. हां, व्यावसायिक उपयोग में मिलीभगत से होने वाली चोरी रोकने के लिए भी तंत्र बनाने की जरूरत है. वहीं विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों के यहां भी नियम विरुद्ध बिजली के उपयोग पर भी लगाम लगाने की जरूरत है.


बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)
बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने इसी वर्ष एक मई को 'बिजली मित्र' लिंक की शुरुआत की थी, जिसमें शिकायतकर्ता अपनी पहचान छिपाकर ऑनलाइन बिजली चोरी की शिकायत कर सकता है. सीएम के निर्देश पर शुरू किए गए बिजली मित्र पोर्टल के माध्यम से खूब शिकायतें आईं और इन शिकायतों पर विभाग ने खूब कार्रवाई भी की. नतीजतन प्रदेश में अब तक लगभग तीन हजार बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं. यदि चोरी के मामलों की बात करें, तो लखनऊ स्थित जेसी गेस्ट हाउस में 51 किलोवाट की चोरी पकड़ी गई थी, वहीं लखनऊ के ही अलीगंज स्थित एक इमारत में 26 किलोवाट की चोरी उजागर की गई. यदि अन्य जिलों की बात करें, तो फर्रुखाबाद में 23 किलोवाट, एटा में 17 किलोवाट और रामपुर में 15 किलोवाट के बड़े बिजली चोरी के मामले सामने आए हैं. बिजली चोरी करने वालों पर केस दर्ज किए जाने के साथ ही राजस्व वसूली भी की जा रही है.

बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)
बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)

जानकार मानते हैं कि इतने बड़े बीस करोड़ से ज्यादा आबादी वाले प्रदेश में तीन हजार चोरी के मामले समंदर में एक बूंद की तरह है. यदि ईमानदारी से प्रयास किए जाएं, तो बड़े पैमाने पर हो रहे बिजली चोरी के तमाम मामले भी सामने आ सकते हैं. कुछ फैक्ट्रियों और बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी बिजली चोरी की जाती रही है और ऐसे मामलों में विभागीय कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आती रही है. यदि प्रदेश स्तर पर इसके लिए कोई अलग से टीम गठित कर छापेमारी की जाए, तो न सिर्फ बड़ी चोरियां पकड़ी जाएंगी, बल्कि सरकार को राजस्व का लाभ भी होगा. इसके अलावा बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी नियमों को धता बताकर बिजली की बर्बादी करते हैं. ऐसे लोगों पर भी नकेल कसने की जरूरत है. बिजली चोरी और बर्बादी रुके तो इसका सीधा फायदा ईमानदार उपभोक्ताओं को भी मिलेगा.



उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने जनता से अपील की है कि बिजली चोरी रोक कर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कारपोरेशन के प्रयास में सहयोग करें. उन्होंने बताया कि बिजली चोरी की शिकायत अपना नाम-पता छिपाकर विभाग की वेबसाइट पर की जा सकती है. शिकायतकर्ता अब बिजली चोर का पता बताने के लिए कारपोरेशन की वेबसाइट www.upenergy.in के होमपेज पर जाकर बिजली मित्र लिंक bijlimitra.uppcl.org का प्रयोग कर अपनी सूचना दे सकते हैं. शिकायतकर्ता को अपना नाम, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर और पता बताने की जरूरत नहीं होती है. शिकायतकर्ता यह सूचना घर बैठे मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें : GEM Study : पांच साल पहले ही इस लक्ष्य को हासिल किया चीन ने, पूरी दुनिया को छोड़ा पीछे !
यह भी पढ़ें : हाई टेंशन तार की चपेट में आने से महिला और दो बच्चे झुलसे

लखनऊ : प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं, लेकिन यह प्रयास ज्यादातर घरेलू उपभोक्ताओं के यहां देखा जा रहा है, जबकि इससे कई गुना ज्यादा बिजली चोरी व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए की जाने वाली सप्लाई से होती है. सरकारी तंत्र को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए. यह अच्छी बात है कि पहली बार ड्रोन का उपयोग कर बिजली चोरों को बेनकाब किया गया है. तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना भी चाहिए. हां, व्यावसायिक उपयोग में मिलीभगत से होने वाली चोरी रोकने के लिए भी तंत्र बनाने की जरूरत है. वहीं विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों के यहां भी नियम विरुद्ध बिजली के उपयोग पर भी लगाम लगाने की जरूरत है.


बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)
बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने इसी वर्ष एक मई को 'बिजली मित्र' लिंक की शुरुआत की थी, जिसमें शिकायतकर्ता अपनी पहचान छिपाकर ऑनलाइन बिजली चोरी की शिकायत कर सकता है. सीएम के निर्देश पर शुरू किए गए बिजली मित्र पोर्टल के माध्यम से खूब शिकायतें आईं और इन शिकायतों पर विभाग ने खूब कार्रवाई भी की. नतीजतन प्रदेश में अब तक लगभग तीन हजार बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं. यदि चोरी के मामलों की बात करें, तो लखनऊ स्थित जेसी गेस्ट हाउस में 51 किलोवाट की चोरी पकड़ी गई थी, वहीं लखनऊ के ही अलीगंज स्थित एक इमारत में 26 किलोवाट की चोरी उजागर की गई. यदि अन्य जिलों की बात करें, तो फर्रुखाबाद में 23 किलोवाट, एटा में 17 किलोवाट और रामपुर में 15 किलोवाट के बड़े बिजली चोरी के मामले सामने आए हैं. बिजली चोरी करने वालों पर केस दर्ज किए जाने के साथ ही राजस्व वसूली भी की जा रही है.

बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)
बकायेदारों के काटे गये कनेक्शन (फाइल फोटो)

जानकार मानते हैं कि इतने बड़े बीस करोड़ से ज्यादा आबादी वाले प्रदेश में तीन हजार चोरी के मामले समंदर में एक बूंद की तरह है. यदि ईमानदारी से प्रयास किए जाएं, तो बड़े पैमाने पर हो रहे बिजली चोरी के तमाम मामले भी सामने आ सकते हैं. कुछ फैक्ट्रियों और बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी बिजली चोरी की जाती रही है और ऐसे मामलों में विभागीय कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आती रही है. यदि प्रदेश स्तर पर इसके लिए कोई अलग से टीम गठित कर छापेमारी की जाए, तो न सिर्फ बड़ी चोरियां पकड़ी जाएंगी, बल्कि सरकार को राजस्व का लाभ भी होगा. इसके अलावा बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी नियमों को धता बताकर बिजली की बर्बादी करते हैं. ऐसे लोगों पर भी नकेल कसने की जरूरत है. बिजली चोरी और बर्बादी रुके तो इसका सीधा फायदा ईमानदार उपभोक्ताओं को भी मिलेगा.



उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने जनता से अपील की है कि बिजली चोरी रोक कर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कारपोरेशन के प्रयास में सहयोग करें. उन्होंने बताया कि बिजली चोरी की शिकायत अपना नाम-पता छिपाकर विभाग की वेबसाइट पर की जा सकती है. शिकायतकर्ता अब बिजली चोर का पता बताने के लिए कारपोरेशन की वेबसाइट www.upenergy.in के होमपेज पर जाकर बिजली मित्र लिंक bijlimitra.uppcl.org का प्रयोग कर अपनी सूचना दे सकते हैं. शिकायतकर्ता को अपना नाम, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर और पता बताने की जरूरत नहीं होती है. शिकायतकर्ता यह सूचना घर बैठे मोबाइल फोन या कंप्यूटर के माध्यम से दे सकते हैं.

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