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लखनऊ: स्ट्रॉबेरी की खेती पर लॉकडाउन की मार, नुकसान से किसान बेहाल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लाॅकडाउन के कारण स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को लाॅकडाउन के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है
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Published : Apr 13, 2020, 8:15 AM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए हुए लाॅकडाउन के कारण सभी बाजार बंद है. इस कारण स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ईटीवी भारत राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित गोपाल खेड़ा गांव में पहुंचा जहां किसान ड्रिप इरिगेशन के जरिए व्यवसायिक खेती करते हैं. यहां के किसानों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण फलों की दुकानें बहुत ही कम लग रहीं हैं. होटल और माॅल भी बंद है और ऐसे में तैयार स्ट्रॉबेरी खेतों में ही पड़ी है.

स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को लाॅकडाउन के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है

गोपाल खेड़ा के रहने वाले राजेश सिंह भंडारी राजधानी के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी. उन्होंने बताया कि बाजार बंद होने की वजह से डिमांड भी पूरी तरह ठप है और इस कारण तैयार फसल खेतों में ही पड़ी है. एक एकड़ में की गई स्ट्रॉबेरी की खेती पूरी तरह से बर्बाद होने के कगार पर है. ऐसे में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. पुणे से लाकर 27000 पौधों को लगाकर खेती की थी.

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए हुए लाॅकडाउन के कारण सभी बाजार बंद है. इस कारण स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ईटीवी भारत राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित गोपाल खेड़ा गांव में पहुंचा जहां किसान ड्रिप इरिगेशन के जरिए व्यवसायिक खेती करते हैं. यहां के किसानों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण फलों की दुकानें बहुत ही कम लग रहीं हैं. होटल और माॅल भी बंद है और ऐसे में तैयार स्ट्रॉबेरी खेतों में ही पड़ी है.

स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को लाॅकडाउन के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है

गोपाल खेड़ा के रहने वाले राजेश सिंह भंडारी राजधानी के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी. उन्होंने बताया कि बाजार बंद होने की वजह से डिमांड भी पूरी तरह ठप है और इस कारण तैयार फसल खेतों में ही पड़ी है. एक एकड़ में की गई स्ट्रॉबेरी की खेती पूरी तरह से बर्बाद होने के कगार पर है. ऐसे में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. पुणे से लाकर 27000 पौधों को लगाकर खेती की थी.

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