लखनऊ: एक बार फिर उन्नाव रेप कांड सुर्खियों में आ गया है. पीड़िता रविवार को अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी. रास्ते में उल्टी दिशा से आ रहे एक ट्रक ने पीड़िता की कार में जोरदार टक्कर मार दी. इसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर बनी हुई है.
फिलहाल उनका इलाज केजीएयू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है. इस घटना की चर्चाएं इसलिए भी हैं क्योंकि यह मामला भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ा है. वहीं अगर इस दुष्कर्म कांड की अब तक की कहानी को देखा जाए तो यह किसी दिलचस्प फिल्मी कहानी से किसी मायने में कम नहीं है.
7 जून 2017 को लगाया दुष्कर्म का आरोप
7 जून 2017 से नाबालिग लड़की ने कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया. पीड़िता का आरोप था कि पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने के बाद भी FIR नहीं लिखी गई.
सीएम आवास के सामने किया आत्मदाह का प्रयास
करीब एक वर्ष तक अधिकारियों के चक्कर लगाने के बाद जब पीड़िता को कहीं से न्याय नहीं मिला तो पीड़िता ने अप्रैल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा.
पिता की पुलिस कस्टडी में मौत
पीड़ित लड़की को भले ही आत्मदाह से बचा लिया गया, लेकिन इस घटना के ठीक दूसरे दिन पीड़ित लड़की के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. इसके बाद पुलिस पर चौतरफा दबाव पड़ा. बावजूद इसके भी कुलदीप सिंह सेंगर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई और कुलदीप सिंह सेंगर की 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तारी हुई, लेकिन कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी के बाद भी मौत का सिलसिला नहीं रुका.
पिता की मौत के चश्मदीद की मौत
4 महीने बाद पीड़ित के पिता की पुलिस कस्टडी में पिटाई के चश्मदीद गवाह की रहस्यमई परिस्थितियों में मौत हो गई. वहीं अब 28 जुलाई को रायबरेली में दुष्कर्म की एक और गवाह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है. ये सड़क हादसा तब हुआ जब पीड़िता अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी. जहां इस दुर्घटना में मुख्य गवाह महिला की मौत हो गई है. वही मामले की पैरवी कर रहे वकील और पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में संघर्ष कर रहे हैं.
चाचा ने किया 10 लोगों को नामजद
घटना के बाद पीड़िता के चाचा जो एक मामले में उन्नाव जेल में बंद हैं, उन्होंने तहरीर देकर कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर समेत 10 लोगों को नामजद किया है. वहीं 20 लोगों को अज्ञात बताते हुए आरोप लगाए हैं. यह सभी लोग लंबे समय से परिवार के ऊपर समझौता करने का दबाव बना रहे थे और समझौता न करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे.
दुर्घटना में हत्या का प्रयास
तहरीर में पीड़ित के चाचा ने भी कहा है कि पिछले दिनों सेंगर और उनकी सहयोगी शशि की जमानत खारिज होने के बाद धमकियों का सिलसिला और बढ़ गया था. चाचा ने यहां तक कहा है कि लखनऊ से उनका ट्रांसफर रायबरेली जेल इसीलिए किया गया था, जिससे कि रास्ते में दुर्घटना का सहारा लेकर परिवार वालों की हत्या कराई जा सके.
एडीजी राजीव कृष्णा ने कही फॉरेंसिक जांच की बात
फिलहाल इस मामले में सीबीआई सहित उत्तर प्रदेश की पुलिस सक्रिय नजर आ रही है, लेकिन घटना की शुरुआत में पुलिस का रवैया इस घटना को दुर्घटना साबित करते हुए नजर आ रहा था. घटना के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने बयान देते हुए कहा था कि प्रथमदृष्टया मामला दुर्घटना का लग रहा है. हालांकि बाद में जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो एडीजी राजीव कृष्णा ने सीन रिकंस्ट्रक्शन व फॉरेंसिक जांच कराने की बात कहते हुए विभिन्न पहलुओं पर जांच करने की बात कही. एफआईआर दर्ज होने के बाद अब आईजी रेंज एस के भगत उन्नाव पहुंच चुके हैं और पुलिस नामजद आरोपियों की धरपकड़ कर रही है.
पीड़िता से मिलने पहुंचीं महिला आयोग अध्यक्ष
एक तरफ यह मामला तमाम उतार-चढ़ाव के चलते चर्चा में बना हुआ है वहीं दूसरी ओर दुर्घटना की घटना के बाद से प्रदेश सरकार भी घिरती नजर आ रही है. एक ओर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार को घेर रही हैं तो वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल में पीड़िता का इलाज दिल्ली में कराने की बात कही है.
पीड़िता का हो मुफ्त इलाज
अपने बयान में उन्होंने कहा कि एक महिला को धीरे-धीरे मारा जा रहा है. पहले उसके पिता फिर उसके गवाह और अब उसकी चाची की हत्या कर दी गई है. इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ से पीड़िता को दिल्ली भेजकर इलाज कराने की बात कही. स्वाति मालीवाल ने बताया कि उन्होंने एक निजी अस्पताल से पीड़िता का मुफ्त इलाज कराने की बात कर रखी है.
उन्नाव दुष्कर्म कांड में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के फंसने के बाद आरोप लगाने वाले पक्ष की और से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं खुद पीड़िता और वकील केजीएमयू में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. कानूनी प्रक्रिया पर नजर दौड़ाई तो सेंगर के आरोपों का मामला सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चल रहा है, जहां से पिछले दिनों सेंगर और उसकी सहयोगी शशि की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है.
गवाहों की कमी के चलते बरी हो जाते हैं अपराधी
भले ही सीबीआई इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही हो, लेकिन इससे गुरेज नहीं किया जा सकता कि अगर कोर्ट के सामने गवाही नहीं पड़ी तो कुलदीप सिंह सेंगर को बरी किया जा सकता है. गवाहों की कमीं के चलते आरोपियों के बरी हो जाने का ताजा मामला कृष्णानंद राय हत्याकांड ने सीबीआई के फैसले में देखा जा सकता है. पिछले दिनों सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड के सभी आरोपियों को गवाहों के अभाव में बरी कर दिया.
कुलदीप सिंह सिंगर पर लगे हैं यह आरोप
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म के आरोप हैं. पीड़िता का आरोप है कि वह नौकरी मांगने कुलदीप सिंह सेंगर के पास गई थी इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं कुलदीप सिंह की सहयोगी शशी सिंह के ऊपर आरोप है कि वह पीड़िता को कुलदीप सिंह सेंगर के पास लेकर गई. साथ ही कुलदीप सिंह सेंगर पीड़िता के पिता की हत्या कराने के आरोप भी हैं.
पीड़िता के चाचा महेश सिंह ने कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. हालांकि कई बार कुलदीप सिंह सेंगर ने मीडिया से बातचीत में तर्कों के आधार पर खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास किया. कुलदीप सिंह का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप एक षड्यंत्र का हिस्सा हैं.