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Gorakhnath Temple Attack : जानिए कौन है मुर्तजा, जिसके खौफनाक इरादों ने सुरक्षा एजेंसियों की उड़ाई थी नींद

राजधानी में सोमवार को कोर्ट ने गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple Attack) के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुना दी है. आइये जानते हैं कौन है अहमद मुर्तजा...

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Published : Jan 30, 2023, 6:45 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 7:12 PM IST

लखनऊ : 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर पर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले आतंकी मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है. लखनऊ में एनआईए कोर्ट ने मुर्तजा को घटना के 10 महीने बाद सजा सुना दी है. बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने धारदार हथियार से हमला कर उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी, जिसके बाद जांच में सामने आया था कि मुर्तजा आतंकी संगठन के लिए काम करता था और उन्हीं के आदेश पर गोरखनाथ मंदिर में हमला किया था. आइए जानते हैं कौन है आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी?

दरअसल, बीते साल चार अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर मुर्तजा ने अचानक धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, यही नहीं मुर्तजा ने जवान का हथियार भी छीनने का प्रयास किया था. इस दौरान मुर्तजा धारदार हथियार लहराते हुए नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने लगा, हालांकि इस दौरान जवानों ने अहमद मुर्तुजा को गिरफ्तार कर लिया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद इस पूरे मामले को जांच यूपी एटीएस को सौंप दी गई थी.

पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा
पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा

कौन है आतंकी मुर्तजा : अहमद मुर्तजा गोरखपुर शहर के सिविल लाइंस में रहने वाले मुनीर अहमद का बेटा है. मुर्तजा का जन्म 5-1-1992 को गोरखपुर में अब्बासी नर्सिंग होम में हुआ था. मुर्तजा अब्बासी की उम्र 31 साल है. कक्षा एक और दो की पढ़ाई उसने लखनऊ के सेंट जाॅन वास्को स्कूल से की थी. कक्षा तीन से 12 तक की पढ़ाई उसने मुम्बई में सेंट्रल और डीएवी कॉलेज में की थी. बॉम्बे IIT से मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुका अहमद मुर्तजा अपना मुख्य प्रेरक अनवर अल अवलाकी को मानता था, जो यमन-अमेरिकी इमाम है. इस्लामिक अवेकिंग फोरम पर मुर्तजा कट्टर इस्लाम की बातें ऑनलाइन सुनता था. यही नहीं वह उनसे सवाल भी पूछता था. मुर्तजा अब्बासी ने 29 डाॅलर का इंटरनेशनल सिम खरीदा था, जिससे इसने फेसबुक और टेलीग्राफ पर अपनी साइट बनाई और फिर उसी पर सक्रिय होकर देखने लगा. मुर्तजा अपने लैपटॉप व मोबाइल में सीरिया, अरब क्रांति और ISIS से संबंधित वीडियो देखा करता था.


पढ़ाई के दौरान ही सीरिया की तरफ हो गया था झुकाव : पढ़ाई के दौरान साल 2011-12 में जब मुर्तजा सेकेंड ईयर में पहुंचा तो ये पोर्नोग्राफी देखने लगा था. इसी दौरान ये सीरिया में रही वैश्विक घटनाओं को भी देखने लगा और 2011-12 में ही इसका झुकाव सीरिया की तरफ हो गया. मुम्बई IIT में पढ़ाई के दौरान अगर कोई आतंकी पकड़ा या मारा जाता था, उसके मारे जाने पर मुर्तुजा के सहपाठी खुशी जाहिर करते थे तो इसको बहुत गुस्सा आता था. वह अपने सहपाठियों को मारने के बारे में सोचता था. इसी दौरान मुर्तुजा को लगने लगा कि मुसलमानों को पूरी दुनिया परेशान कर रही है. साल 2017 में मुर्तुजा को लगा कि वो बीमार है. मुर्तजा के परिवार वालों ने उसे डॉक्टरों को दिखाया. इसके बाद उसे बताया गया कि उसे हाइपोमेनिया नाम की बीमारी है. साल 2019 में इसकी शादी जौनपुर के मुल्ला टोला निवासी लड़की से हुई थी और 7 महीने बाद जनवरी 2020 में इसका तलाक हो गया था.

पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा
पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा




पैसों का हुआ था लेन देन : ATS की पूछताछ में मुर्तजा अब्बासी ने खुलासा किया था कि 'ISIS कैंप से एक लड़की का उसे मेल आया था. मेल करने वाली लड़की ने अपना फोटो उसे भेजा था. उसने मुर्तजा से आर्थिक मदद मांगी तो मुर्तजा ने उसके एकाउंट में 3 बार में कुल 40 हजार रुपये भेजे थे. जिसके बाद लड़की ने भारत आकर मुर्तजा से मिलने का वादा भी किया था. उसने बताया है कि मेल के जरिए दोनों में बातचीत शुरू हुई और इस तरह मुर्तजा ISIS के लोगों के संपर्क में आया. यही नहीं उसने ISIS कैंप ज्वाइन करने की तैयारी भी कर ली थी.'


मुर्तजा को तीन शब्द जहन में रखने के दिए थे निर्देश

मुर्तजा ने बताया है कि 'ISIS कैम्प में रहने वाली एक लड़की से बातचीत शुरू होने के बाद जब वो आतंकियों के संपर्क में आया था तब उसे तीन शब्द सिखाये गए थे और उसे कहा गया था कि अब उसकी जिंदगी इन्हीं तीन शब्दों के इर्द गिर्द घुमनी चाहिए.'


तौहीद-अल-हकीमिया : मुर्तजा ने बताया है कि 'उसके आकाओं ने कहा था कि ये जिहाद का पहला चैप्टर है, जिसका मतलब होता है कि अल्लाह ही इकलौता क़ानून बनाने वाला है.' मुर्तजा ने बताया कि 'आतंकियों ने इसी हदीस की दुहाई देते हुए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तबाह करने की बात कही थी.'

कुफ्र बी ताघुत : मुर्तजा ने बताया कि 'उसके आकाओं ने ये अरबी शब्द को उसके जिहाद की लड़ाई के लिए दूसरा पाठ बताया था. इस शब्द का अर्थ है केवल अल्लाह पर भरोसा. इसमें अन्य किसी भी बुतपरस्ती को ख़ारिज किया जाता है.'

अल वाला वल बारा : मुर्तजा ने ATS को बताया है कि 'इस तीसरे शब्द के लिए उसके आकाओं ने जोर देते हुए कहा था कि यही उसकी रूह को ठंडक देगी. इस शब्द का अर्थ है जिहादी आंदोलन का विरोध करने वाले हर सिस्टम को खारिज करना.'


जिहादी ऐप तैयार कर रहा था मुर्तजा : मुर्तजा अब्बासी अपने आतंकी आकाओं के कहने पर JARIMA नाम का जेहादी ऐप डिजाइन कर रहा था. JARIMA का अरबी अनुवाद जुल्म होता है. अरबी भाषा के इस ऐप को डिजाइन करने के लिए वो पीयर-टू-पीयर ऐप के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था. इस ऐप डिजाइन का मकसद इसके जरिए उन लोगों को जोड़ना था, जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है. पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग मुर्तजा आतंकियों से जरिमा ऐप को बनाने में मदद लेने के लिए संदेश लेने में करता था. पहले भी आतंकी पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग अपने संदेशों को भेजने में करते थे.


ATS के सामने मुर्तजा ने कबूल किया था जुर्म : गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले मुर्तजा के घर पर छापेमारी कर मजहबी किताब, धारधार हथियार, उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिले जेहादी वीडियो बरामद किए थे. मुर्तजा ने यूपी एटीएस की पूछताछ में बताया था कि 'देश में चल रहे हिजाब मामले, CAA, NRC और मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर गुस्से में था. उसे लग रहा था कि मुसलमानों के साथ गलत हो रहा है. इसका बदला लेने के लिए उसने हमला कर दिया.' मुर्तजा ने बताया था कि 'वह गोरखनाथ मंदिर पर जाकर मरने के इरादे से हमला किया था. उसे पता था कि यहां अगर उसने पुलिसवालों पर हमला किया तो वह मारा जाएगा, लेकिन वह पकड़ा गया.'

पूरी घटना एक नजर में : दरअसल, 31 मार्च 2022 को केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने यूपी की एजेंसी को 16 संदिग्धों की लिस्ट दी थी, इसमें गोरखपुर के अहमद मुर्तजा अब्बासी का भी नाम था और उस पर नजर रखने के निर्देश जारी हुए थे, जिसके बाद 2 अप्रैल 2022 को एटीएस टीम मुर्तजा की पड़ताल करने उसके गोरखपुर सिविल लाइन स्थित घर गई थी. इसकी जानकारी मुर्तजा को जैसे ही मिली वह भाग कर नेपाल चला गया. 3 अप्रैल 2022 की शाम 7:24 बजे मुर्तजा नेपाल से वापस गोरखपुर आया और 4 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. पुलिस ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट के सामने पेश किया. कोर्ट ने मुर्तजा की एटीएस को रिमांड दे दी. 11 अप्रैल 2022 को कस्टडी रिमांड पूरी हो गई, लेकिन जांच पूरी नहीं होने से एटीएस ने दोबारा कोर्ट में अर्जी देकर उसकी रिमांड बढ़ाने की अपील की. 16 अप्रैल 2022 को एटीएस ने मुर्तजा को आतंकी घोषित कर जेल वापस भेजा था.

यह भी पढ़ें : Gorakhnath Temple Attack : अहमद मुर्तजा अब्बासी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

लखनऊ : 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर पर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले आतंकी मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है. लखनऊ में एनआईए कोर्ट ने मुर्तजा को घटना के 10 महीने बाद सजा सुना दी है. बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने धारदार हथियार से हमला कर उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी, जिसके बाद जांच में सामने आया था कि मुर्तजा आतंकी संगठन के लिए काम करता था और उन्हीं के आदेश पर गोरखनाथ मंदिर में हमला किया था. आइए जानते हैं कौन है आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी?

दरअसल, बीते साल चार अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर मुर्तजा ने अचानक धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, यही नहीं मुर्तजा ने जवान का हथियार भी छीनने का प्रयास किया था. इस दौरान मुर्तजा धारदार हथियार लहराते हुए नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने लगा, हालांकि इस दौरान जवानों ने अहमद मुर्तुजा को गिरफ्तार कर लिया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद इस पूरे मामले को जांच यूपी एटीएस को सौंप दी गई थी.

पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा
पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा

कौन है आतंकी मुर्तजा : अहमद मुर्तजा गोरखपुर शहर के सिविल लाइंस में रहने वाले मुनीर अहमद का बेटा है. मुर्तजा का जन्म 5-1-1992 को गोरखपुर में अब्बासी नर्सिंग होम में हुआ था. मुर्तजा अब्बासी की उम्र 31 साल है. कक्षा एक और दो की पढ़ाई उसने लखनऊ के सेंट जाॅन वास्को स्कूल से की थी. कक्षा तीन से 12 तक की पढ़ाई उसने मुम्बई में सेंट्रल और डीएवी कॉलेज में की थी. बॉम्बे IIT से मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुका अहमद मुर्तजा अपना मुख्य प्रेरक अनवर अल अवलाकी को मानता था, जो यमन-अमेरिकी इमाम है. इस्लामिक अवेकिंग फोरम पर मुर्तजा कट्टर इस्लाम की बातें ऑनलाइन सुनता था. यही नहीं वह उनसे सवाल भी पूछता था. मुर्तजा अब्बासी ने 29 डाॅलर का इंटरनेशनल सिम खरीदा था, जिससे इसने फेसबुक और टेलीग्राफ पर अपनी साइट बनाई और फिर उसी पर सक्रिय होकर देखने लगा. मुर्तजा अपने लैपटॉप व मोबाइल में सीरिया, अरब क्रांति और ISIS से संबंधित वीडियो देखा करता था.


पढ़ाई के दौरान ही सीरिया की तरफ हो गया था झुकाव : पढ़ाई के दौरान साल 2011-12 में जब मुर्तजा सेकेंड ईयर में पहुंचा तो ये पोर्नोग्राफी देखने लगा था. इसी दौरान ये सीरिया में रही वैश्विक घटनाओं को भी देखने लगा और 2011-12 में ही इसका झुकाव सीरिया की तरफ हो गया. मुम्बई IIT में पढ़ाई के दौरान अगर कोई आतंकी पकड़ा या मारा जाता था, उसके मारे जाने पर मुर्तुजा के सहपाठी खुशी जाहिर करते थे तो इसको बहुत गुस्सा आता था. वह अपने सहपाठियों को मारने के बारे में सोचता था. इसी दौरान मुर्तुजा को लगने लगा कि मुसलमानों को पूरी दुनिया परेशान कर रही है. साल 2017 में मुर्तुजा को लगा कि वो बीमार है. मुर्तजा के परिवार वालों ने उसे डॉक्टरों को दिखाया. इसके बाद उसे बताया गया कि उसे हाइपोमेनिया नाम की बीमारी है. साल 2019 में इसकी शादी जौनपुर के मुल्ला टोला निवासी लड़की से हुई थी और 7 महीने बाद जनवरी 2020 में इसका तलाक हो गया था.

पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा
पुलिस गिरफ्त में अहमद मुर्तजा




पैसों का हुआ था लेन देन : ATS की पूछताछ में मुर्तजा अब्बासी ने खुलासा किया था कि 'ISIS कैंप से एक लड़की का उसे मेल आया था. मेल करने वाली लड़की ने अपना फोटो उसे भेजा था. उसने मुर्तजा से आर्थिक मदद मांगी तो मुर्तजा ने उसके एकाउंट में 3 बार में कुल 40 हजार रुपये भेजे थे. जिसके बाद लड़की ने भारत आकर मुर्तजा से मिलने का वादा भी किया था. उसने बताया है कि मेल के जरिए दोनों में बातचीत शुरू हुई और इस तरह मुर्तजा ISIS के लोगों के संपर्क में आया. यही नहीं उसने ISIS कैंप ज्वाइन करने की तैयारी भी कर ली थी.'


मुर्तजा को तीन शब्द जहन में रखने के दिए थे निर्देश

मुर्तजा ने बताया है कि 'ISIS कैम्प में रहने वाली एक लड़की से बातचीत शुरू होने के बाद जब वो आतंकियों के संपर्क में आया था तब उसे तीन शब्द सिखाये गए थे और उसे कहा गया था कि अब उसकी जिंदगी इन्हीं तीन शब्दों के इर्द गिर्द घुमनी चाहिए.'


तौहीद-अल-हकीमिया : मुर्तजा ने बताया है कि 'उसके आकाओं ने कहा था कि ये जिहाद का पहला चैप्टर है, जिसका मतलब होता है कि अल्लाह ही इकलौता क़ानून बनाने वाला है.' मुर्तजा ने बताया कि 'आतंकियों ने इसी हदीस की दुहाई देते हुए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तबाह करने की बात कही थी.'

कुफ्र बी ताघुत : मुर्तजा ने बताया कि 'उसके आकाओं ने ये अरबी शब्द को उसके जिहाद की लड़ाई के लिए दूसरा पाठ बताया था. इस शब्द का अर्थ है केवल अल्लाह पर भरोसा. इसमें अन्य किसी भी बुतपरस्ती को ख़ारिज किया जाता है.'

अल वाला वल बारा : मुर्तजा ने ATS को बताया है कि 'इस तीसरे शब्द के लिए उसके आकाओं ने जोर देते हुए कहा था कि यही उसकी रूह को ठंडक देगी. इस शब्द का अर्थ है जिहादी आंदोलन का विरोध करने वाले हर सिस्टम को खारिज करना.'


जिहादी ऐप तैयार कर रहा था मुर्तजा : मुर्तजा अब्बासी अपने आतंकी आकाओं के कहने पर JARIMA नाम का जेहादी ऐप डिजाइन कर रहा था. JARIMA का अरबी अनुवाद जुल्म होता है. अरबी भाषा के इस ऐप को डिजाइन करने के लिए वो पीयर-टू-पीयर ऐप के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था. इस ऐप डिजाइन का मकसद इसके जरिए उन लोगों को जोड़ना था, जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है. पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग मुर्तजा आतंकियों से जरिमा ऐप को बनाने में मदद लेने के लिए संदेश लेने में करता था. पहले भी आतंकी पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग अपने संदेशों को भेजने में करते थे.


ATS के सामने मुर्तजा ने कबूल किया था जुर्म : गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले मुर्तजा के घर पर छापेमारी कर मजहबी किताब, धारधार हथियार, उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिले जेहादी वीडियो बरामद किए थे. मुर्तजा ने यूपी एटीएस की पूछताछ में बताया था कि 'देश में चल रहे हिजाब मामले, CAA, NRC और मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर गुस्से में था. उसे लग रहा था कि मुसलमानों के साथ गलत हो रहा है. इसका बदला लेने के लिए उसने हमला कर दिया.' मुर्तजा ने बताया था कि 'वह गोरखनाथ मंदिर पर जाकर मरने के इरादे से हमला किया था. उसे पता था कि यहां अगर उसने पुलिसवालों पर हमला किया तो वह मारा जाएगा, लेकिन वह पकड़ा गया.'

पूरी घटना एक नजर में : दरअसल, 31 मार्च 2022 को केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने यूपी की एजेंसी को 16 संदिग्धों की लिस्ट दी थी, इसमें गोरखपुर के अहमद मुर्तजा अब्बासी का भी नाम था और उस पर नजर रखने के निर्देश जारी हुए थे, जिसके बाद 2 अप्रैल 2022 को एटीएस टीम मुर्तजा की पड़ताल करने उसके गोरखपुर सिविल लाइन स्थित घर गई थी. इसकी जानकारी मुर्तजा को जैसे ही मिली वह भाग कर नेपाल चला गया. 3 अप्रैल 2022 की शाम 7:24 बजे मुर्तजा नेपाल से वापस गोरखपुर आया और 4 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. पुलिस ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट के सामने पेश किया. कोर्ट ने मुर्तजा की एटीएस को रिमांड दे दी. 11 अप्रैल 2022 को कस्टडी रिमांड पूरी हो गई, लेकिन जांच पूरी नहीं होने से एटीएस ने दोबारा कोर्ट में अर्जी देकर उसकी रिमांड बढ़ाने की अपील की. 16 अप्रैल 2022 को एटीएस ने मुर्तजा को आतंकी घोषित कर जेल वापस भेजा था.

यह भी पढ़ें : Gorakhnath Temple Attack : अहमद मुर्तजा अब्बासी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

Last Updated : Jan 30, 2023, 7:12 PM IST
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