लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बीती 21 अप्रैल को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव अरमान को उसके 4 साथियों के साथ बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पूछताछ में सामने आया है कि अरमान मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के सचिवालय स्थित कमरे में युवकों से डील करता था और वहीं इंटरव्यू भी लेता था. इसके चलते अब जांच के दायरे में स्वामी प्रसाद मौर्य भी आ गए हैं. यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के जल्द ही स्वामी प्रसाद मौर्य से भी पूछताछ की जाएगी.
स्वामी प्रसाद मौर्य के कमरे में ठग लेते थे इंटरव्यू : सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये लूटने वाला पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव अरमान एसटीएफ की पूछताछ में कई खुलासे कर रहा है. एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार ने बताया कि अरमान बेरोजगार नौजवानों को सचिवालय में पूर्व मंत्री के लिए सरकार द्वारा आवंटित कमरे में बुलाकर उनका इंटरव्यू लेता था. इसके लिए पहले अरमान के 3 सहयोगी विशाल, फैजी व सैफी सचिवालयकर्मी बन कर नौजवानों से मिलते थे. फिर उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर सचिवालय में अरमान के पास आते थे जहां वो उनका इंटरव्यू लेता था.
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एसटीएफ के डिप्टी एसपी ने बताया कि ठगी के शिकार जितेश कुमार सिंह, अंकित यादव, राजप्रकाश, अमृतलाल ने इस मामले में शिकायत की थी कि जलील और असगर खान खुद को अरमान का करीबी और सचिवालय कर्मचारी बताकर सचिवालय में ले गए थे जहां पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के कार्यालय में निजी सचिव की केबिन में अरमान से मिलवाया गया. यहां अरमान ने उनका इंटरव्यू लिया था. इंटरव्यू के बाद नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये की मांग की गई. इसमें कुछ रकम असगर के खाते में जमा कराई गई. बाकी रकम नकद में मांगी गई. पैसे मिलने के बाद पीड़ितों को ब्लैंक चेक और शैक्षिक योग्यता प्रमाण लेकर नियुक्ति पत्र दे दिया गया.
स्वामी प्रसाद मौर्य से एसटीएफ करेगी पूछताछ : दीपक कुमार ने बताया कि बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला अरमान स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव तक था. ऐसे में यह संभव नहीं है कि ये बिना पूर्व मंत्री की जानकारी के हो रहा हो. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य से जल्द पूछताछ की जाएगी. दीपक सिंह ने बताया कि उनके पास कई ऐसे सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि ठगों के तार बहुत दूर तक फैले थे.
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के मुताबिक, अरमान और उसके जालसाज साथियों ने बापू भवन के एक कमरे में ट्रेनिंग सेंटर बना कर रखा था. इसी कमरे में रेलवे, परिवहन, समाज कल्याण, डिफेंस, एसबीआई और अन्य विभागों की फर्जी ट्रेनिंग करा दी जाती थी. यही नहीं, किसी सरकारी विभाग में नौकरी निकलती थी तो ये लोग उसी विभाग से मिलती जुलती एक वेबसाइट बना लेते थे. उस वेबसाइट में ये नौकरी का विज्ञापन पोस्ट करते थे. उसी में आवेदन मांगे जाते थे.
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