लखनऊ : यूपी में कोरोना के केस में लगातार गिरावट आ रही हैं. राज्य में 21 दिन में छह फीसदी से ज्यादा संक्रमण दर घट गई है. ऐसे में मरीजों की संख्या में कमी आई है. बुधवार को 2 हजार से ज्यादा नये मरीज पाए गए.
बुधवार को 24 घंटे में 1 लाख 98 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 2,127 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. साथ ही 5,155 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 10 करोड़ 11 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है.
यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी और मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं, 90 फीसदी से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाये गये. तीसरी लहर में 90 फीसदी ओमीक्रोन वैरिएंट पाये जा रहे हैं. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसदी, 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसदी थी, जो अब घटकर 1.29 फीसदी पर आ गई.
कोरोना संक्रमितों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. यूपी की राजधानी लखनऊ में भले ही इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है. लेकिन रोजाना कोरोना के चलते मरीज की सांसें थम रही हैं. बीते मंगलवार को एक मरीज की मौत हुई. वहीं, प्रदेश में कुल 13 मौते हुईं. जबकि सप्ताह के शुरुआत में बीते सोमवार को लखनऊ में तीन संक्रमितों की इलाज के दौरान सांसें थम गईं. इनमें दो दूसरे प्रदेश के मरीज थे. एक मुजफ्फरपुर और दूसरा बलिया का था.
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ के आलमबाग के निजी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित को गुर्दे की गंभीर बीमारी थी. डायलिसिस चल रही थी. इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गयी. पहली जनवरी से अब तक 23 मरीजों की मौत हो चुकी हैं. वहीं, अब तक कुल 2679 मरीज दम तोड़ चुके हैं.
यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जोरों पर है. बुधवार को वैक्सीनेशन का ग्राफ सवा 27 करोड़ पार हो गया. यह देश में सर्वाधिक है. वहीं, बूस्टर (तीसरी) डोज लगाने का काम भी चल रहा है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक 15 से अधिक 18 साल से कम के एक करोड़ 11 लाख किशोरों को पहली डोज लग गयी है. वहीं, 6.50 लाख से अधिक किशोरों को दूसरी डोज लग गयी है.
किशोरों को तीन जनवरी से टीका लगना शुरू हुआ था. इसकी 28 दिन के अंतराल में दूसरी डोज भी लग जाती है. ऐसे में जल्द ही सभी किशोरों का सम्पूर्ण वैक्सीनेशन हो सकेगा. 18 वर्ष से ऊपर की 15 करोड़ के करीब आबादी है. इस 100 फीसदी आबादी को पहली डोज लग गई है. वहीं, अन्य को मिलाकर 16 करोड़ 14 लाख को पहली डोज लग गयी है. पहली डोज वालों की तादाद 104 फीसदी हो गयी है.
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