लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस (UP Congress Committee) के प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह झूठ बोलकर गुमराह करने पर आमादा है. विज्ञापनों से लेकर सोशल मीडिया तक झूठ चल रहा है. सबसे उभरती अर्थव्यवस्था बताने वाली योगी सरकार राज्य के चार लाख से अधिक शिक्षकों व अन्य कर्मियों के वेतन भुगतान में असमर्थ है. उन्होंने कहा कि धर्म को आगे रखकर अपनी विफलताओं को छिपाने का हर समय जतन करने वाली भाजपा की योगी सरकार बताए कि करवाचौथ व दीपावली जैसे पर्व कैसे मनाएंगे?
उन्होंने कहा कि स्थितियां कितनी विकराल होती जा रहीं हैं कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मी नर्स को सात माह से वेतन न मिलने के कारण आत्महत्या को विवश होना पड़ा है. आखिर सब कुछ अच्छा है तो मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में महिला संविदा कर्मी को क्यों आत्महत्या के लिये मजबूर होना पड़ रहा है? यह दुखद स्थितियां योगी राज में किसके कारण उत्पन्न हो रही हैं? यह सवाल आज उत्तर प्रदेश पूछ रहा है कि आखिर कब तक लोगों को गुमराह करने का काम किया जाएगा और लोग आत्महत्या करते रहेंगे.
उन्होंने योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि शिक्षको व अन्य विभागों के कर्मियों के वेतन का तत्काल भुगतान करने के साथ संविदा नर्स के नाबालिग बच्चे के भरण पोषण व शिक्षा की व्यवस्था के साथ भविष्य के लिए एकमुश्त रकम सहायता के रूप में दी जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की नदी बह रही है, जिन 44 योजनाओं के लाभ सीधे पहुंचाने की बात बताई जा रही है उनका भौतिक सत्यापन व जमीनी हकीकत की तस्वीर भयावह है. सरकार को यह अवश्य बताना चाहिए कि हत्या, अपराध, दुष्कर्म के मामले में उत्तर प्रदेश योगी राज में कैसे पहले स्थान पर पहुंच गया. देश का आधा कुपोषण केवल उत्तर प्रदेश में है.
कृष्णकांत पाण्डेय ने कहा कि किसान को तबाह करने उनके साथ अन्याय पर उतारू भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारों का निर्मम व क्रूर व्यवहार मर्यादा की सीमा लांघ रहा है. किसान आंदोलन के तहत किसानों के रेल रोकने पर मुख्यमंत्री योगी द्वारा कड़ा कदम उठाने की बात तानाशाही का द्योतक है और लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है.
मौत पर जश्न भाजपा सरकार के एजेंडे में शामिल
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जहां लाखों मौतें हुई, प्रदेश की अधिकाशं नदियों में लाशें देखी गईं, तमाम श्मशान घाट अलग से बनाने पड़े, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र जिसे लोग धार्मिक राजधानी के रूप में जानते है उस वाराणसी में दो दर्जन से अधिक श्मशान घाट बनाने पड़े, वही केंद्र एवं राज्य सरकार इस दर्दनाक हादसों के बाद आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है. दीप महोत्सव का आयोजन प्रस्तावित है. मौत पर जश्न भाजपा सरकार के एजेंडे में शामिल लगता है.
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री का दीपावली पर्व पर अयोध्या में नौ लाख दीये और 42 लाख दीये प्रदेश के अन्य भागों में जलाने का लोगों से आह्वान करना निश्चित रूप से मौत का उत्सव मनाना है. इस तरह से भारतीय संस्कृति जो दुनिया में जानी जाती है, का मजाक उड़ाया जा रहा है. निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को यह भी ज्ञान नहीं है कि हमारा धर्म, मर्यादा, सामाजिकता, संस्कार क्या है? किसी के घर मृत्यु होने पर एक वर्ष तक कोई सामाजिक, संस्कारिक कार्य नहीं होते है. अभी लाखों लोगों के मृत्यु को कुछ महीने ही बीतें हैं, इस तरह त्यौहार मनाना कहीं न कहीं त्यौहार के महत्व को प्रभावित करता है.
प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री की वाराणसी में प्रस्तावित रैली के चलते किसानों की हरी फसल बिना उनकी अनुमति के काटी जा रही है, यहां तक की किसानों को मुआवजा भी नहीं मिलने की खबर है. यह है भारतीय जनता पार्टी की सरकार का किसानों के प्रति व्यवहार.