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लखनऊ: भत्तों की समाप्ति को लेकर राज्य कर्मचारियों में आक्रोश - कोरोना वायरस खबर

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने गहरा आक्रोश जाहिर किया है. कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने कहा कि लॉकडाउन की समाप्ति पर कर्मचारी समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा.

भत्तों की समाप्ति को लेकर राज्य कर्मचारियों में आक्रोश.
भत्तों की समाप्ति को लेकर राज्य कर्मचारियों में आक्रोश.
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Published : May 14, 2020, 1:45 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है. इसको लेकर राज कर्मचारियों में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने सरकार के इस निर्णय को अमानवीय बताया है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ़ लाॅकडाउन खत्म के बाद लड़ाई लड़ी जाएगी.

राज्य सरकार द्वारा राज्य के कर्मचारियों एवं शिक्षकों के भत्ते समाप्त किए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने गहरा आक्रोश जाहिर किया है. सरकार के इस निर्णय को अमानवीय बताते हुए संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा दौर में अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी कोविड-19 के खिलाफ जंग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय का उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा.

कोरोना वारियर्स के भत्तों में कटौती सरकार का दोहरा रूप
उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ सांसदों के भत्तों पर बढ़ोतरी की जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना वारियर्स के भत्तों में कटौती करना सरकार का दोहरा मापदंड दिखाई दे रहा है. ऐसे में अगर लॉकडाउन की समाप्ति पर कर्मचारी समाज सड़कों पर उतर आया तो सरकार को बड़ी गंभीर स्थिति से गुजरना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें-सादगी से मनाएं ईद, गरीबों की करें मदद- मुफ़्ती अबुल इरफान मियां

सभी कर्मचारी संगठन साथ मिलकर लड़े लड़ाई
अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी का कहना है कि 4 मई को सीएम योगी ने कलेक्ट्रेट संघ के प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट रूप से बताया था कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के वेतन में किसी भी तरह की कटौती नहीं करेगी. मात्र कुछ समय के लिए भत्तों पर रोक लगाई गई है. लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से इन 6 भत्तों को खत्म किया जा रहा है. जिसके विरोध में इन्होंने सभी कर्मचारी संगठनों से अनुरोध किया है कि वह सभी एक साथ आकर इस निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है. इसको लेकर राज कर्मचारियों में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने सरकार के इस निर्णय को अमानवीय बताया है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ़ लाॅकडाउन खत्म के बाद लड़ाई लड़ी जाएगी.

राज्य सरकार द्वारा राज्य के कर्मचारियों एवं शिक्षकों के भत्ते समाप्त किए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने गहरा आक्रोश जाहिर किया है. सरकार के इस निर्णय को अमानवीय बताते हुए संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा दौर में अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी कोविड-19 के खिलाफ जंग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय का उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा.

कोरोना वारियर्स के भत्तों में कटौती सरकार का दोहरा रूप
उत्तर प्रदेश मिनी कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ सांसदों के भत्तों पर बढ़ोतरी की जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना वारियर्स के भत्तों में कटौती करना सरकार का दोहरा मापदंड दिखाई दे रहा है. ऐसे में अगर लॉकडाउन की समाप्ति पर कर्मचारी समाज सड़कों पर उतर आया तो सरकार को बड़ी गंभीर स्थिति से गुजरना पड़ेगा.

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सभी कर्मचारी संगठन साथ मिलकर लड़े लड़ाई
अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी का कहना है कि 4 मई को सीएम योगी ने कलेक्ट्रेट संघ के प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट रूप से बताया था कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के वेतन में किसी भी तरह की कटौती नहीं करेगी. मात्र कुछ समय के लिए भत्तों पर रोक लगाई गई है. लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से इन 6 भत्तों को खत्म किया जा रहा है. जिसके विरोध में इन्होंने सभी कर्मचारी संगठनों से अनुरोध किया है कि वह सभी एक साथ आकर इस निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें.

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