लखनऊ: राजधानी में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में काम करने वाली स्टाफ नर्स का एक वायरल वीडियो चर्चा में है. जिसमें कहा जा रहा है कि नर्स को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में इलाज नहीं मिला. इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई मामला नहीं आया है. वायरल वीडियो में भी ट्रामा सेंटर या उसके आसपास की जगह की तस्वीरें नहीं दिख रही हैं.
जानें पूरा मामला
सोशल मीडिया पर 2 वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें एक नर्स बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़ी है, वहीं उसे एक दूसरी नर्स संभाल रही है. बताया जा रहा है कि क्वीन मैरी हॉस्पिटल में काम करने वाले स्टाफ नर्स की अचानक तबीयत खराब होने पर उन्हें केजीएमयू के इमरजेंसी में लाया गया था, लेकिन उन्हें इलाज नहीं दिया गया. वायरल वीडियो में भी कहा जा रहा है कि जब नर्स का इलाज नहीं हो रहा है तो बाकी जनता का क्या होगा.
जानकारी के अनुसार क्वीन मैरी हॉस्पिटल के नियोनेटल विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग स्टाफ नर्स को मंगलवार को ड्यूटी करते समय अचानक पेट दर्द होने लगा, जब तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो उसे मानसिक रोग विभाग स्थित ट्रामा सेंटर में लेकर आया गया, लेकिन यहां पर नर्स को इलाज देने के बजाय कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने के लिए कहा गया. बीमार नर्स के साथ ही अन्य नर्सें उसको लेकर कोरोना टेस्ट के लिए गईं तो कथित तौर पर उनसे जांच के लिए पंद्रह सौ रुपये मांगने की बात भी बताई जा रही है.
केजीएमयू प्रवक्ता ने दी जानकारी
इस पूरे मामले पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने कहा है कि मीडिया ग्रुप में शेयर किया गया वीडियो ट्रामा सेंटर का नहीं है. इसके अलावा ट्रामा प्रभारी को भी इस संदर्भ में किसी भी तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक को इस पूरे मामले के बारे में जानकारी दे दी गई है. मीडिया प्रवक्ता के अनुसार रोगियों और कर्मचारियों के हित में केजीएमयू हमेशा से ही आगे रहा है. इलाज में लापरवाही या कर्मचारियों की उपेक्षा संभव नहीं है. इसके बावजूद यदि किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
लखनऊ: स्टाफ नर्स को नहीं मिला केजीएमयू में इलाज - treatment in kgmu lucknow
यूपी की राजधानी लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के में काम करने वाली स्टाफ नर्स का एक वीडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि उसे ट्रामा सेंटर में इलाज नहीं मिला. इस मामले पर केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई मामला नहीं आया है.
लखनऊ: राजधानी में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में काम करने वाली स्टाफ नर्स का एक वायरल वीडियो चर्चा में है. जिसमें कहा जा रहा है कि नर्स को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में इलाज नहीं मिला. इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई मामला नहीं आया है. वायरल वीडियो में भी ट्रामा सेंटर या उसके आसपास की जगह की तस्वीरें नहीं दिख रही हैं.
जानें पूरा मामला
सोशल मीडिया पर 2 वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें एक नर्स बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़ी है, वहीं उसे एक दूसरी नर्स संभाल रही है. बताया जा रहा है कि क्वीन मैरी हॉस्पिटल में काम करने वाले स्टाफ नर्स की अचानक तबीयत खराब होने पर उन्हें केजीएमयू के इमरजेंसी में लाया गया था, लेकिन उन्हें इलाज नहीं दिया गया. वायरल वीडियो में भी कहा जा रहा है कि जब नर्स का इलाज नहीं हो रहा है तो बाकी जनता का क्या होगा.
जानकारी के अनुसार क्वीन मैरी हॉस्पिटल के नियोनेटल विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग स्टाफ नर्स को मंगलवार को ड्यूटी करते समय अचानक पेट दर्द होने लगा, जब तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो उसे मानसिक रोग विभाग स्थित ट्रामा सेंटर में लेकर आया गया, लेकिन यहां पर नर्स को इलाज देने के बजाय कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने के लिए कहा गया. बीमार नर्स के साथ ही अन्य नर्सें उसको लेकर कोरोना टेस्ट के लिए गईं तो कथित तौर पर उनसे जांच के लिए पंद्रह सौ रुपये मांगने की बात भी बताई जा रही है.
केजीएमयू प्रवक्ता ने दी जानकारी
इस पूरे मामले पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने कहा है कि मीडिया ग्रुप में शेयर किया गया वीडियो ट्रामा सेंटर का नहीं है. इसके अलावा ट्रामा प्रभारी को भी इस संदर्भ में किसी भी तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक को इस पूरे मामले के बारे में जानकारी दे दी गई है. मीडिया प्रवक्ता के अनुसार रोगियों और कर्मचारियों के हित में केजीएमयू हमेशा से ही आगे रहा है. इलाज में लापरवाही या कर्मचारियों की उपेक्षा संभव नहीं है. इसके बावजूद यदि किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.