लखनऊ: देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे है. ऐसे में सरकार ने 18 साल से अधिक सभी को प्रिकाशन डोज (बूस्टर डोज) लगवाने की सलाह दी है. इसके चलते रूसी वैक्सीन स्पूतनिक लगवाने वाले अधर में फंसे हैं. इतना ही नहीं बल्कि स्पूतनिक की बूस्टर डोज कौन सी होगी. इसके संबंध में अब तक कोई गाइड लाइन जारी नहीं हुई है.
चार तरह की लग रही वैक्सीन
यूपी में चार तरह की वैक्सीन लगाई जा रही है. इसमें को-वैक्सीन, कोविशील्ड, स्पूतनिक और बच्चों की कोर्बेवैक्स-डी शामिल है. जबकि देश भर में बड़ी तादाद में लोग कोविशील्ड, को-वैक्सीन और स्पूतनिक वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं. इस बीच सरकार ने 18 साल से अधिक आयु के लोगों को प्रिकाशन डोज यानी तीसरी डोज एहतियात के तौर पर लगाने की भी सलाह दे दी है, जो कि सेंटरों पर लगाई जा रही है, जबकि स्पूतनिक लगवाने आ रहे लोगों को वापस किया जा रहा है.
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9 अस्पतालों में 54 हजार को लगी स्पूतनिक
राज्य के नौ अस्पतालों में स्पूतनिक के सेंटर बनाए गए. इसमें 54 हजार 538 लोगों को डोज लगाई गई है. गाजियाबाद के एक अस्पताल में 15,990, दूसरे अस्पताल में 1,575 लोगों को डोज लगी है. मथुरा में 1,449 लोग, प्रयागराज में 4,940, लखनऊ में चार सेंटरों पर क्रमशः 5,502-2,985-14,169-7,240 लोगों ने डोज लगवाई है. ऐसे कानपुर में 688 लोगों ने स्पूतनिक वैक्सीन लगवाई. लेकिन अब इन्हें बूस्टर डोज नहीं लग पा रही है.
विदेश यात्रा में भी अड़चन
दरअसल, को-वैक्सीन-कोविशील्ड की तीसरी डोज वही लग रही है, जो लगी है. मगर, स्पूतनिक में पहली और दूसरी डोज अलग-अलग है. ऐसे में बूस्टर डोज में कौन सी डोज लगाई जाएगी, इसको लेकर अभी कोई गाइडलाइन नहीं आई. लिहाजा, तीसरी डोज न लगने से कई लाभार्थियों को संक्रमण का भय सता रहा है. जबकि उनकी विदेश यात्रा भी फंसी है.
यूपी में वैक्सीनेशन ग्राफ
वैक्सीनेशन बूथ-7,698
कुल डोज -30 करोड़ 97 लाख 25 हजार 817
पहली डोज -16 करोड़ 99 लाख 70 हजार 089
दूसरी डोज -13 करोड़ 71 लाख 02 हजार 484
तीसरी डोज -26 लाख 53 हजार 244
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