लखनऊ : समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों (SPs preparations for Lok Sabha elections) को धार देने के लिए जिलों में आंदोलन और नेताओं को सक्रिय करने की रणनीति तैयार की है. हर छोटी बड़ी घटनाओं के खिलाफ सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) अब खुद मोर्चा सम्भालेंगे. अखिलेश यादव जिलों के दौरे पर जाएंगे और स्थानीय नेताओं को सक्रिय करते हुए निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर जोश में भरने का काम करेंगे. अखिलेश आने वाले दिनों में एक दर्जन नेताओं की एक कमेटी भी बनाएंगे. जिसके माध्यम से जिलों में होने वाली घटनाओं की जांच के लिए प्रतिनिधिमंडल भी भेजा जाएगा.
दरअसल समाजवादी पार्टी पिछले काफी समय से आंदोलन और धरना प्रदर्शन जैसे अभियानों से दूर रही है. अपवाद स्वरूप कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर अखिलेश यादव सड़क पर उतरे थे. विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने पार्टी के विधायकों के साथ पैदल मार्च करते हुए विधान भवन जाने का फैसला किया था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी. फिर अचानक उन्होंने विधानसभा सत्र में शामिल होने के बाद चुपचाप सड़क पर निकले और पैदल मार्च करते हुए समाजवादी पार्टी मुख्यालय तक पहुंचे. जब अखिलेश यादव सड़क पर उतरे तो उन्हें यह एहसास हुआ कि सड़क पर उतरकर संघर्ष करने का मजा ही कुछ और होता है.
पिछले दिनों लगातार महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी और अमर्यादित टिप्पणी के मामले में लखनऊ पुलिस प्रशासन ने समाजवादी पार्टी सोशल मीडिया हेड मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया तो उसकी रिहाई की मांग को लेकर अखिलेश यादव बिना किसी को बताए डीजीपी हेड क्वार्टर पहुंच गए और पुलिस पर दबाव बनाने लगे. इसके अलावा उन्होंने बकायदा एक ज्ञापन दिया और पुलिस पर पूरा दबाव बनाया. आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन समाजवादी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं पर साजिशन कार्रवाई कर रही है उनकी गिरफ्तारी हो रही है. जबकि वैसे ही मामलों में बीजेपी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही.
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला समाजवादी पार्टी पूरी तरह से आंदोलन की रणनीति तैयार कर रही है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि अखिलेश यादव ने पार्टी की कोर कमेटी के साथ एक बैठक की है और यह तय किया है कि जिलों में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं के विरोध में समाजवादी पार्टी धरना प्रदर्शन करेगी, आंदोलन करेगी. सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने का काम समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता करेंगे. पार्टी कोर ग्रुप में जिलों में होने वाली घटनाओं के संबंध में साप्ताहिक बैठक होगी और जो घटनाएं ज्यादा बड़ी होंगी या किसी बड़े समाज या बड़े वोट बैंक को ज्यादा प्रभावित करेंगी, जो समाजवादी पार्टी का वोट बैंक माना जाता है. इन घटनाओं के विरोध में अखिलेश यादव संबंधित जिलों का दौरा करेंगे और पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाएंगे.
घटना की जांच के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भी भेजा जाएगा और उसकी पूरी जांच रिपोर्ट राज्यपाल तक भी भेजे जाने की रणनीति तैयार की गई है. समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से वार्मअप किया जा सके. जिलों में समाजवादी पार्टी को मजबूत और लड़ाई के लिए तैयार किया जा सके. जिससे भारतीय जनता पार्टी से सीधी लड़ाई सिर्फ समाजवादी पार्टी लड़ सकेगी और इसका लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को फायदा मिल सकेगा. अखिलेश यादव इस पूरे आंदोलन की रणनीति की कमान अपने हाथ में रखेंगे जिलों में खुद मोर्चा संभालेंगे और बीजेपी के खिलाफ आक्रामक तरीके से लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए नजर आएंगे.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता वह विधायक रविदास मेहरोत्रा (MLA Ravidas Mehrotra) ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश भर में घटनाएं हो रही हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार जुर्म ढा रही है. प्रदेश की कानून व्यवस्था अस्तव्यस्त हो चुकी है. रोज घटनाएं हो रही हैं समाजवादी पार्टी ने तय किया है कि सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन धरना प्रदर्शन करने का काम किया जाएगा और भारतीय जनता पार्टी सरकार को घेरने का काम पूरी ताकत के साथ किया जाएगा. अखिलेश यादव के नेतृत्व में हम जिलों जाएंगे और सपा कार्यकर्ताओं नेताओं को उत्साहित करेंगे, सरकार पर दबाव बनाएंगे. प्रतिनिधिमंडल भेजे जाएंगे उसकी जांच रिपोर्ट राज्यपाल तक भेजी जाएगी और यह बताया जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह से फ्लॉप हो चुकी है. जानबूझकर समाजवादी पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है. कानून व्यवस्था ध्वस्त है, महंगाई बेरोजगारी चरम पर है. इन मुद्दों को लेकर हम लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगे और लोकसभा चुनाव में 40 सीट जीतने का उत्तर प्रदेश से काम करेंगे.