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अपर मुख्य सचिव का अधिकारियों को निर्देश, 'फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स' से जुड़े कामों में लाएं तेजी - फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स

अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना से संबंधित कार्य में तेजी लाई जाए. उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार जिलों में काम्पलेक्स बनाने का निर्णय लिया जा चुका है. भारत सरकार की गाइड लाइन्स के अनुसार इनके निर्माण की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल.
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Published : Oct 8, 2020, 6:44 AM IST

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना से संबंधित कार्य में तेजी लाई जाए. साथ ही सभी जिलों में उद्यमियों से फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स में इकाइयां लगाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये जाएं. जिन जनपदों में ज्यादा प्रस्ताव प्राप्त होते हैं, वहां पर काम्पलेक्स बनाने का प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत किया जाए.

उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार जिलों में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स बनाने का निर्णय लिया जा चुका है. भारत सरकार की गाइड लाइन्स के अनुसार इनके निर्माण की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

समीक्षा बैठक में दिए निर्देश, एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित होंगे जिले
डॉ. सहगल ने बुधवार को निर्यात भवन में एमएसएमई विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाना है. प्रथम चरण में प्रदेश के 9 निर्यात प्रधान जनपदों वाराणसी, मुरादाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, गोरखपुर, अलीगढ़, कानपुर, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में जिला निर्यात केन्द्र स्थापित किए जाएंगे.

डॉ. सहगल ने बताया कि वाराणसी में शीघ्र ही पहला निर्यात विकास केंद्र शुरू किया जाएगा. इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति (डीईपीसी) का गठन किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर निर्यात संवर्धन में उपयोगी जिला निर्यात योजना (डीईपी) तैयार कर केन्द्रों के स्थापना का कार्य शीघ्र शुरू कराया जाए.

इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने वाले उद्यमियों को मिलेगी सहायता
अपर मुख्य सचिव डॉ. सहगल ने कहा कि पीपीपी माॅडल पर इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार भरपूर सहयोग देगी. ऐसे उद्यमी जिनके पास 20 एकड़ से अधिक भूमि है और वे उसे औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करना चाहते हैं, तो उनके साथ एमओयू करके औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए विकास कर्ता के रूप में मदद दी जाएगी. इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रदेश में स्थापित होने वाले एमएसएमई पार्क के कार्यो की प्रगति की जानकारी प्राप्त की. साथ ही पार्कों की स्थापना में तेजी लाने के भी निर्देश दिए.

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना से संबंधित कार्य में तेजी लाई जाए. साथ ही सभी जिलों में उद्यमियों से फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स में इकाइयां लगाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये जाएं. जिन जनपदों में ज्यादा प्रस्ताव प्राप्त होते हैं, वहां पर काम्पलेक्स बनाने का प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत किया जाए.

उन्होंने बताया कि प्रदेश के चार जिलों में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स बनाने का निर्णय लिया जा चुका है. भारत सरकार की गाइड लाइन्स के अनुसार इनके निर्माण की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

समीक्षा बैठक में दिए निर्देश, एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित होंगे जिले
डॉ. सहगल ने बुधवार को निर्यात भवन में एमएसएमई विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाना है. प्रथम चरण में प्रदेश के 9 निर्यात प्रधान जनपदों वाराणसी, मुरादाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, गोरखपुर, अलीगढ़, कानपुर, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में जिला निर्यात केन्द्र स्थापित किए जाएंगे.

डॉ. सहगल ने बताया कि वाराणसी में शीघ्र ही पहला निर्यात विकास केंद्र शुरू किया जाएगा. इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति (डीईपीसी) का गठन किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर निर्यात संवर्धन में उपयोगी जिला निर्यात योजना (डीईपी) तैयार कर केन्द्रों के स्थापना का कार्य शीघ्र शुरू कराया जाए.

इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने वाले उद्यमियों को मिलेगी सहायता
अपर मुख्य सचिव डॉ. सहगल ने कहा कि पीपीपी माॅडल पर इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार भरपूर सहयोग देगी. ऐसे उद्यमी जिनके पास 20 एकड़ से अधिक भूमि है और वे उसे औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करना चाहते हैं, तो उनके साथ एमओयू करके औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए विकास कर्ता के रूप में मदद दी जाएगी. इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रदेश में स्थापित होने वाले एमएसएमई पार्क के कार्यो की प्रगति की जानकारी प्राप्त की. साथ ही पार्कों की स्थापना में तेजी लाने के भी निर्देश दिए.

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