लखनऊ : उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने की योजना बनाने वाले हों या नशे के कारोबार का जाल फैला कर काली कमाई कर रहे बदमाश. इन सबसे निपटने के लिए अब यूपी पुलिस की स्पेशल टीम उतारी जाएगी. हालांकी शुरुआती दौर में ट्रायल के तौर पर यह काम पुलिस कमिश्नरेट में शुरू होगा. परिणाम अच्छे आने पर पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से अपराध और अपराधियों को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने स्पेशल पुलिस टीम तैयार की है. जिसे गुप्त रूप से शुरुआत में राज्य के चारों पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुधनगर, लखनऊ, कानपुर व वाराणसी में तैनात किया जाएगा. ये टीम थानों व क्राइम ब्रांच की टीम से इतर स्वायत्त रूप से अपराधियों की सुरागरसी, उनकी धड़पकड़ व आपराधिक योजनाओं का पता लगाएगी.
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि मुख्यालय से बनाई गई टीम संबंधित जिले के पुलिस कमिश्नर व ज्वाइंट कमिश्नर (Police Commissioner and Joint Commissioner) अपराध के अलावा पुलिस मुख्यालय को ही रिपोर्ट करेंगे. इन सभी पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक बॉडी वॉर्न कैमरे व मोबाइल दिए जाएंगे. जिनकी मदद से पर्याप्त साक्ष्य संकलित कर उसे वरिष्ठ अधिकारियों तक दिया जा सके. चारों पुलिस कमिश्नरेट में हर जोन के लिए अलग-अलग टीम कार्यरत होंगी. हर टीम में दो इंस्पेक्टर,आठ सब इंस्पेक्टर, 16 सिपाही रहेंगे. वहीं आठ महिला पुलिसकर्मी जिसमें सब इंस्पेक्टर व सिपाही रहेंगी.
स्पेशल सेल की होगी यह जिम्मेदारी : चरस, अफीम, स्मैक व अवैध शराब का कारोबार करने वाले अपराधियों की धडपकड़ करने, लंबे समय से पुलिस की नजरों से छुप कर मौज काट रहे वांछितों की गिरफ़्तारी करना, जिन इलाकों में महिलाओं से सबसे अधिक छेड़छाड़ होती है, उन इलाकों पर रेड करना, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का उन्माद फैलाने की योजना बनाने वाले बमामाशों की गिरफ्तारी करने समेत आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले संगठित गिरोह पर नजर रखना यूपी पुलिस की स्पेशल टीम के मुख्य टास्क होंगे.
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उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने (Uttar Pradesh Additional Director General of Police Law and Order Prashant Kumar) बताया कि यूपी से अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार काम कर रही है. किसी भी हाल में राज्य के अन्दर संगठित अपराध नहीं होने दिया जाएगा. इसी के चलते यूपी में पुलिस कमिश्नरेट वाले जिलों में स्पेशल सेल का ट्रायल किया जा रहा है. अगर इसके परिणाम सफलतापूर्वक होते हैं तो उन्हे पूरे राज्य में लागू कराया जाएगा.
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