रायपुर: 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा’...शहीदों की यही निशानियां राजधानी में शहीद वाटिका में सांस ले रही हैं. वाटिका में एक शिला पर छत्तीसगढ़ में नक्लसियों से लोहा लेकर अपनी जान गंवाने वाले जवानों का नाम इस पर उकेर दिया जाता है. दुख इस बात का है कि कोई साल ऐसा नहीं बीतता, जब इस लिस्ट में नया नाम न जुड़ता हो. आज से ठीक 10 साल पहले हुए नक्सली हमले में जहां 76 जवानों ने भारत मां के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी. उन सभी जवानों के नाम वाटिका में एक शिला पर लिखा गया है तो वहीं 76 शहीद जवानों में उत्तर प्रदेश के 42 जवानों का नाम भी इस शिला पर शोभा बढ़ा रहा है.
शिला पर शहीदों का नाम बढ़ाए देश की शान
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेते सैकड़ों जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी. इनमें से कई जवान देश के अलग-अलग राज्यों से थे. कोई उत्तर प्रदेश का था तो कोई बिहार का. कोई महाराष्ट्र का था तो कोई तमिलनाडु का. इन सभी जवानों के नाम देश के सम्मान में शहीद वाटिका में लगे शिला पर उकेरे गए हैं. दिल को झकझोर देने वाली ये घटना भले छत्तीसगढ़ की धरती पर हुई थी, लेकिन नक्सलियों की इस दरिंदगी से पूरा उत्तर प्रदेश कराह उठा था. क्योंकि शहीद होने वाले 76 जवानों में 42 जवान उत्तर प्रदेश के थे.
शहीद वाटिका पहुंचा ईटीवी भारत
ताड़मेटला नक्सली हमले के 10 साल पूरे होने पर ईटीवी की टीम शहीद वाटिका पहुंची. शिला पर उकेरे शहीदों का नाम देखकर सच मानो रूह कांप गई. वहीं इस हमले में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के 42 जवानों के नाम शुशोभित हो रहे थे. इन जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की. वहीं शहीदों के नाम पढ़ते आप की ऊंगलियां कई शिलाओं से गुजरेंगी. जवानों का नाम पढ़ने के दौरान आपको उनके परिवारों वालों का दर्द महसूस हो जाएगा. एक साथ 76 अर्थियों के बोझ से आपके कंधे झूकने लगेंगे.