लखनऊ : मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग के तहत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग के लिए इस बार बीते साल की तुलना में डेढ़ गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कुल 2956 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे, जबकि पिछली बार 2048 में आवेदन प्राप्त हुए थे. इसमें से सबसे अधिक 850 ऑनलाइन आवेदन सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के लिए आए थे. जुलाई के प्रथम सप्ताह से कोचिंग की क्लासेस शुरू हो जाएंगी. जिसमें सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा के लिए समाज कल्याण विभाग विशेष सत्र आयोजित करेगा. ज्ञात हो कि यूपीएससी एवं यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2023 में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में 120 से अधिक अभ्यर्थी हुए सफल हुए थे.
कोचिंग के प्रभारी आरबी सिंह के अनुसार, अभ्युदय योजना में इस बार 3 नई प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम को जोड़ा गया है. इसके तहत एसएससी, बैंकिंग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत होने वाले भर्ती परीक्षा के लिए 633 आवेदन आए हैं. इसमें से सबसे अधिक 388 आवेदन स्टॉप सर्विस कमीशन की कोचिंग के लिए जमा हुए हैं, वहीं बैंकिंग के लिए 142 और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए 103 आवेदन आए हैं, जबकि नीट के लिए 245, ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम के लिए 60, एनडीए-सीडीएस के लिए 92, टीजीटी-पीजीटी के लिए 54 या 22 अभ्यर्थियों ने दूसरे कोर्सों के लिए आवेदन किया है.
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8 जुलाई से संचालित होगा विशेष सत्र : समाज कल्याण विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि 'अभ्युदय केन्द्रों तथा अन्य परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों से उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा 2023 में 120 से भी अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की है. इस बार भी इन अभ्यर्थियों के लिए विभाग द्वारा मुख्य परीक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारी छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान भागीदारी भवन (बालकों के लिए) गोमतीनगर लखनऊ, आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र (बालिकाओं के लिए), अलीगंज, राजकीय आईएएस व पीसीएस कोचिंग केन्द्र (बालक और बालिकाओं के लिए) निजामपुर, हापुड़ में कराया जाना तय हुआ है. उन्होंने बताया कि इन केन्द्रों पर मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए सत्र 8 जुलाई से प्रारम्भ होगा. इन केन्द्रों पर अभ्यर्थियों को छात्रावास, मेस, ई-लाइब्रेरी, वाई-फाई, मॉक टेस्ट सीरीज, पाठ्यक्रम सामग्री, उच्चस्तरीय प्रशिक्षकों से हाईब्रिड मोड पर प्रशिक्षण कार्यक्रम कराये जायेंगे.