लखनऊ: विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और उन्होंने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से इस महामारी से लड़ रही है. जनप्रतिनिधि भी अपने अपने स्तर से अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए हम सब लोग इस महामारी से लड़ रहे हैं और जल्द ही कोरोना हारेगा और भारत जीतेगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते मैं कहीं पर जाऊंगा तो अनुशासन टूटेगा ऐसी स्थिति में मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं अनुशासन में हूं और मेरी सबसे अपील है कि अनुशासन में रहकर इस लड़ाई में हर कोई अपना योगदान दें.
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि वह क्षेत्र के लोगों की लगातार चिंता कर रहे हैं. प्रशासन से लगातार संपर्क करके और जो जरूरतमंद, गरीब लोग हैं उनके भोजन व अन्य सभी तरह की जरूरतों को इस समय संकटकाल में पूरा किया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदस्यों के जो पत्र आ रहे हैं, उसके निस्तारण का काम हो रहा, एक विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को इस काम में लगाया गया है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है यहां कठिनाइयां भी ज्यादा होना स्वाभाविक ही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरा प्रशासनिक तंत्र, सरकारी तंत्र और सारे जनप्रतिनिधि, सभी इस महामारी से लड़ने में जुटे हुए हैं. इसकी कोई दवा नहीं है, इसलिए इसका यही उपाय है कि हम शारीरिक दूरी बनाए रखें. लॉकडाउन के जो नियम हैं उन्हें तोड़ने का प्रयास ना करें और अनुशासन में रहें.
उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के जो योद्धा पैरामेडिकल स्टाफ, डॉक्टर हैं उनके प्रति आदर भाव सबको रखना चाहिए. उन्होंने कहा विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते वह सीधे भीड़ भाड़ में नहीं जा सकते. उन्होंने कहा कि वह कहीं जाएंगे तो अनुशासन टूटेगा इस नाते वह कहीं पर भी नहीं गए हैं. उनका क्षेत्र उन्नाव पड़ोस में ही है, वहां के लोगों का आना-जाना बना रहता है और वह लगातार जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार लाए या राज्य सरकार, तत्कालिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अध्यादेश लाए जाते हैं और जब आगामी विधानसभा सदन आता है तो उसे पटल पर रखा जाता है, फिर उसे पास किया जाता है. जहां तक उत्तर प्रदेश का प्रश्न है विधानसभा के सभी सदस्य इस अध्यादेश की भावना से जुड़े हुए हैं. जब विधानसभा का सत्र होगा तो इसे मूल रूप में यह संशोधित करते हुए सरकार पेश करेगी फिर या विधानसभा से पास कराएगी.
सत्र बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र अभी प्रस्तावित नहीं है. अभी डेढ़ महीने पहले विधानसभा सत्र समाप्त हुआ था, जब सत्र बुलाने की जरूरत होगी तब उस पर फैसला किया जाएगा.अभी जो व्यावहारिक कठिनाइयां हैं, विधानसभा के 403 सदस्य हैं और सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के उद्देश्य से अभी सत्र नहीं शुरू होगा. अभी प्रतिपक्ष ने सत्र की मांग की थी तो हमने यह कहा था कि कोरोना महामारी के समय लोकसभा चल रही थी, फिर उसे स्थगित किया गया ऐसी स्थिति में अभी विधानसभा सत्र चलाए जाने का बिल्कुल भी औचित्य नहीं है.
उत्तर प्रदेश में सभी लोग महामारी से लड़ने के लिए एकमत हैं और लगातार इसको लेकर काम किया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि शराब बिक्री के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन की शिकायतें मिलीं, लेकिन पुलिस ने तत्परता से इस पर रोक लगाई. अचानक से दुकानें खुली तो भीड़ आना स्वभाविक था, और इस समय यह चर्चा करना बिल्कुल ठीक नहीं है कि कोरोना के समय शराब पीना चाहिए या नहीं. इस पर कोई नई बहस ना शुरू हो इस संबंध में मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं. प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाने को लेकर काम भी किया है, अब पहले जैसी स्थिति नहीं है.