लखनऊः एनआईए/एटीएस की विशेष अदालत ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त अजय घिल्डियाल की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. विशेष अदालत ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया और उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कही है.
एटीएस की दलील थी कि इस मामले में कई अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था अभियुक्तों को ये गिरोह बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारत में प्रवेश कराता था. इसके बाद उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में स्थापित करते थे.
एटीएस की दलील थी कि इस मामले में कई अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. अभियुक्तों का ये गिरोह बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारत में प्रवेश कराता था. इसके बाद उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में स्थापित करते थे.
ये गिरोह अवैध धन अर्जित करने के लिए विदेशी व्यक्तियों को मानव तस्करी के जरिये भारत से दूसरे देशों में भी भेजता था. विवेचना के दौरान अभियुक्त अजय घिल्डियाल का नाम भी सामने आया. ये उन व्यक्तियों को जिन्हें फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाकर विदेश भेजा जाता था. उनका दिल्ली एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास बनवाता था. अभियुक्त को सहारनपुर से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.
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26 अक्टूबर 2021 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक भारत भूषण तिवारी ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी. वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वो मामले में नामजद नहीं है और पुलिस ने बिना किसी साक्ष्य संकलन के उसे अभियुक्त बना दिया है. ये भी दलील दी गई कि अभियुक्त इस मामले में लाभार्थी भी नहीं है. हालांकि कोर्ट ने अभियुक्त की दलीलों को खारिज कर दिया.