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विधानसभा में बाढ़ पर चर्चा और जलशक्ति मंत्री नदारद, सपा का तंज, मजदूरी करनी थी तो मंत्री क्यों बने

विधानसभा में बाढ़ पर चर्चा के दौरान गायब रहने पर जलशक्ति मंत्री पर सपा ने तंज किया है. सपा ने क्या कुछ कहा है चलिए जानते हैं.

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Published : Aug 10, 2023, 8:11 AM IST

Updated : Aug 10, 2023, 10:11 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बाढ़ और सूखे पर विशेष चर्चा के दौरान महत्वपूर्ण विभाग जल शक्ति के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह नदारद रहे. करीब डेढ़ दर्जन जिलों में बाढ़ पर बात हो रही थी और उसके लिए जिम्मेदार मंत्री सदन में थे ही नहीं. इसको लेकर विपक्षी सदस्यों में जबरदस्त नाराजगी रही. समाजवादी पार्टी की ओर से तंज किया गया कि मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आमतौर से सूखी नहरों में फावड़ा लेकर फोटो खिंचवाते रहते हैं. अगर उनको मजदूरी ही करनी थी तो मंत्री क्यों बने थे.

सदन में बाढ़ व सूखा पर चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री स्वतंत्र देव की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने खूब तंज कसा. जमानिया के विधायक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अक्सर नहरों में फावड़ा लेकर फोटो खिंचवाते तो दिखते हैं,लेकिन बाढ़ जैसे गंभीर मुद्दे पर वह सदन से गायब हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ चौकियों के नाम पर लूट मची हुई है और मंत्री सूखी नहरों में फोटो खिंचा रहे हैं. कितने महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हो रही है और मंत्री गायब हैं.


सरकार की ओर से सदन में कहा गया कि इन स्थितियों पर निरंतर नजर रखे हुए हैं. वहीं, विपक्षी सदस्यों ने सरकारी इंतजाम को नाकाफी बताया. उन्होंने कहा कि किसानों की अधिकांश फसल बर्बाद हो गई है. नहरे और जलाशय सूखें हैं. सरकारी नलकूप बिगड़े पड़े हैं. भरपूर बिजली न मिलने से निजी नलकूप भी पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं. स्थिति यह है कि पश्चिमी यूपी में किसान जहां बाढ़ से परेशान हैं, वहीं पूर्वी यूपी सूखे की मार झेल रहा है.


बसपा के उमाशंकर सिंह, कांग्रेस की अराधना मिश्रा मोना और सपा के लालजी वर्मा की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आज दो घंटे का समय निर्धारित किया था. इस महत्वपूर्ण चर्चा की शुरूआत करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि ये सच है कि इस साल मानसून विलंब से आया है और पहाड़ पर अत्यधिक बारिश होने की वजह से नदियों का जल स्तर अधिक बढ़ा है. इन स्थितियों की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने बेहतर प्रबंध किए थे. इसका ही नतीजा है कि प्रदेश में 98.75 प्रतिशत धान की रोपाई हो चुकी है.


कृषि मंत्री ने बताया कि 93 लाख 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कृषि भूमि में फसलें लगाई जा चुकी है. इस समय सिर्फ 3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलें लगनी बाकी रह गई है इसलिए प्रदेश में सूखा जैसी स्थिति नहीं है. विलंब होने के बाद भी प्रदेश में सामान्य से 150 मिलीमीटर अधिक बरसात हुई है. कृषि मंत्री किसानों के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि सरकार किसानों की पूरी मदद कर रही है.



नहरों में पानी का मुद्दा उठा
लालजी वर्मा ने अपने जिले अंबेडकर नगर की माइनरों का हवाला देते हुए कहा कि मुख्य नहरों में ही पानी नहीं हैं. इस वजह से अधिकांश माइनरों में पानी नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में नलकूप लगाने के लिए धनराशि जमा करने के बाद भी काम आगे नहीं बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः 11 हजार से ज्यादा निजी वाहनों को किया गया स्क्रैप, सबसे ज्याद यूपी से: नितिन गडकरी

ये भी पढ़ेंः UPSRTC पायलट प्रोजेक्ट के तहत चलाएगा 100 इलेक्ट्रिक बसें, 10 शहरों में स्थापित होंगे चार्जिंग स्टेशन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बाढ़ और सूखे पर विशेष चर्चा के दौरान महत्वपूर्ण विभाग जल शक्ति के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह नदारद रहे. करीब डेढ़ दर्जन जिलों में बाढ़ पर बात हो रही थी और उसके लिए जिम्मेदार मंत्री सदन में थे ही नहीं. इसको लेकर विपक्षी सदस्यों में जबरदस्त नाराजगी रही. समाजवादी पार्टी की ओर से तंज किया गया कि मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आमतौर से सूखी नहरों में फावड़ा लेकर फोटो खिंचवाते रहते हैं. अगर उनको मजदूरी ही करनी थी तो मंत्री क्यों बने थे.

सदन में बाढ़ व सूखा पर चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री स्वतंत्र देव की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने खूब तंज कसा. जमानिया के विधायक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अक्सर नहरों में फावड़ा लेकर फोटो खिंचवाते तो दिखते हैं,लेकिन बाढ़ जैसे गंभीर मुद्दे पर वह सदन से गायब हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ चौकियों के नाम पर लूट मची हुई है और मंत्री सूखी नहरों में फोटो खिंचा रहे हैं. कितने महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हो रही है और मंत्री गायब हैं.


सरकार की ओर से सदन में कहा गया कि इन स्थितियों पर निरंतर नजर रखे हुए हैं. वहीं, विपक्षी सदस्यों ने सरकारी इंतजाम को नाकाफी बताया. उन्होंने कहा कि किसानों की अधिकांश फसल बर्बाद हो गई है. नहरे और जलाशय सूखें हैं. सरकारी नलकूप बिगड़े पड़े हैं. भरपूर बिजली न मिलने से निजी नलकूप भी पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं. स्थिति यह है कि पश्चिमी यूपी में किसान जहां बाढ़ से परेशान हैं, वहीं पूर्वी यूपी सूखे की मार झेल रहा है.


बसपा के उमाशंकर सिंह, कांग्रेस की अराधना मिश्रा मोना और सपा के लालजी वर्मा की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आज दो घंटे का समय निर्धारित किया था. इस महत्वपूर्ण चर्चा की शुरूआत करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि ये सच है कि इस साल मानसून विलंब से आया है और पहाड़ पर अत्यधिक बारिश होने की वजह से नदियों का जल स्तर अधिक बढ़ा है. इन स्थितियों की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने बेहतर प्रबंध किए थे. इसका ही नतीजा है कि प्रदेश में 98.75 प्रतिशत धान की रोपाई हो चुकी है.


कृषि मंत्री ने बताया कि 93 लाख 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कृषि भूमि में फसलें लगाई जा चुकी है. इस समय सिर्फ 3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलें लगनी बाकी रह गई है इसलिए प्रदेश में सूखा जैसी स्थिति नहीं है. विलंब होने के बाद भी प्रदेश में सामान्य से 150 मिलीमीटर अधिक बरसात हुई है. कृषि मंत्री किसानों के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि सरकार किसानों की पूरी मदद कर रही है.



नहरों में पानी का मुद्दा उठा
लालजी वर्मा ने अपने जिले अंबेडकर नगर की माइनरों का हवाला देते हुए कहा कि मुख्य नहरों में ही पानी नहीं हैं. इस वजह से अधिकांश माइनरों में पानी नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में नलकूप लगाने के लिए धनराशि जमा करने के बाद भी काम आगे नहीं बढ़ रहा है.

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Last Updated : Aug 10, 2023, 10:11 AM IST
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