लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने स्मार्ट मीटर को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर कितना घोटाला हुआ है, इसकी पोल-पट्टी सार्वजिनक होनी चाहिए. इतने बड़े कांड के लिए कौन जिम्मेदार है. अब तक तो कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई है. यह भाजपा राज में घोटाले का नया मामला तो नहीं है? उन्होंने कहा है कि शिकायत के बाद भी मुख्यमंत्री स्मार्ट मीटर घोटाले की जांच नहीं करा रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का नारा देने वाली भाजपा ने खुद ही इस नारे को बेमानी बना दिया है.
जन्माष्टमी पर सरकार ने लाखों घरों में अंधेरा कर दिया
सपा सुप्रीमो ने कहा कि जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भाजपा सरकार ने लाखों उपभोक्ताओं के घरों में अंधेरा कर दिया. श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की खुशियों पर पानी डालने का काम पहली बार हुआ है. जनता की श्रद्धा और आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ इससे पहले कभी नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश में त्योहारों पर पर्याप्त बिजली आपूर्ति के बड़े-बड़े दावों का झूठ सामने आ गया है. सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने बिजली की खस्ता हालत में सुधार के लिए कोई रुचि नहीं ली.
स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता पर संदेह
आगे सपा सुप्रीमो ने कहा कि जो स्मार्ट मीटर लगे हैं, उनकी गुणवत्ता पर संदेह है. जांच होने पर सच्चाई का पता चल जाएगा. समाजवादी पार्टी की मांग है कि स्मार्ट मीटर तत्काल हटवाए जाएं और तेजी से दौड़ रहे इन मीटरों के जरिए उपभोक्ताओं की हुई लूट की सरकार भरपाई करे. उपभोक्ताओं के छह महीनों के बिजली के बिल माफ किए जाएं. किसानों के ट्यूबवेलों से सभी प्रकार के मीटर हटाकर पहले की तरह ही व्यवस्था बहाल की जाए.
स्मार्ट मीटर पर पहले भी हुए थे कई सवाल खड़े
बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी प्रदेश की योगी सरकार पर स्मार्ट मीटर के मामले को लेकर कई सवाल खड़े किए थे. इनमें मीटरों की गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान लगाए गए. हालांकि इस मामले पर योगी सरकार ने गम्भीरता दिखाते हुए एसटीएफ से जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके अलावा पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है.