लखनऊ : जिला जज संजय शंकर पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में वांछित सपा प्रवक्ता अनुराग सिंह भदौरिया की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त द्वारा अग्रिम जमानत अर्जी में यह तथ्य छिपा लिया गया कि इस मामले में एफआईआर खारिज करने की उसकी एक याचिका हाईकोर्ट से निरस्त कर चुकी है. कोर्ट ने कहा अग्रिम जमानत का आधार अप्रर्याप्त है लिहाजा अर्जी निरस्त की जाती है.
अनुराग सिंह भदौरिया पर एक टीबी डिबेट में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ व उनके गुरू मंहत अवेद्यनाथ के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. 12 नवंबर को इस मामले की एफआईआर हीरो वाजपेई ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. अनुराग की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत अर्जी में कहा गया था कि वह मुख्यमंत्री पद का बहुत सम्मान करते हैं, वह स्वर्गीय महंत अवेद्यनाथ के अनुयाईयों की भावनाओं की भी कद्र करते हैं. कहा गया कि पुलिस इस मामले में बगैर कोई नोटिस दिए उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है, जबकि वह बेगुनाह हैं और उन्हें फर्जी फंसाया गया है. अभियुक्त की ओर से दावा किया गया कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.
अग्रिम जमानत अर्जी का अभियोजन की ओर से विरोध किया गया. कहा गया कि विवेचना के दौरान अभियुक्त को नोटिस देने की कोशिश की गई, लेकिन उसने प्राप्त नहीं किया, वह कई बार बुलाने के बावजूद विवेचक के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहा है तथा विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है. कहा गया कि अभियुक्त फरार चल रहा है, उसके विरुद्ध सम्बंधित अदालत से एनबीडब्ल्यू जारी है. कहा गया कि उसका एक मुकदमे का आपराधिक इतिहास भी है.
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