लखनऊ: पूरे प्रदेश भर में सपा नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही है. धारा 144 लागू होने के बाद भी समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सख्त है. प्रत्येक जिले में समाजवादी पार्टी के दफ्तर पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात हैं.
बुलंदशहर में सपा के प्रदर्शन को लेकर प्रशासन मुस्तैद
बुलंदशहर में समाजवादी पार्टी कार्यालय पर प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ है. जिले की तहसीलों पर भी प्रशासन अलर्ट है. जिला मुख्यालय पर प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद हैं.
समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर प्रशासन यहां पूरी तरह से सख्त है और धारा 144 जिले में पहले से ही लागू है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भी यहां प्रशासन की तरफ से तैयारियां की गई हैं. अस्थाई तौर पर 9 जेल भी जिलेभर में बनाई गई हैं.
मेरठ में सपा कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात
मेरठ: समाजवादी पार्टी कार्यालय पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. दो थानों के सीईओ समेत कई इंस्पेक्टर सिपाही भी तैनात किए गए हैं. इन सभी को अलर्ट पर रहने को कहा गया है. दोपहर 12:00 बजे समाजवादी पार्टी कार्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की आशंका जताई जा रही है. सपा के प्रदर्शन को देखते हुए सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सभी परीक्षाएं भी स्थगित की गईं हैं.
संत कबीर नगर: देश में नागरिकता संशोधन कानून(CAA) लागू होने के बाद देश में इस कानून को वापस लेने के लिए जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. सपा इस कानून के विरोध में पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन कर रही है, जिसको लेकर संत कबीर नगर जिले में भी सैकड़ों कार्यकर्ता आज पुरानी तहसील गेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
आगरा: जनपद में सपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को तहसील परिसर में जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन से पहले ही सपा नेताओं और पदाधिकारियों के घर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया. पुलिस का कहना है कि जिले में धारा 144 लागू है. सपा की पूर्व छावनी विधानसभा प्रत्याशी ममता टप्पू के आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
ललितपुर: शहर में धारा 144 लागू होने के बावजूद भी समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. पुलिस अधीक्षक ने प्रेसनोट जारी करके आगाह किया है कि जिले में किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन बिना अनुमति के अवैधानिक घोषित माना जायेगा और प्रदर्शनकारियों के ऊपर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.