लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को भाजपा ने बंधक बना लिया है. ब्लॉक प्रमुख चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा (BJP) नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा अराजकता और हिंसा किया जाना, लोकतंत्र का उपहास है. सत्ताधारी भाजपा के लोग सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं. पुलिस प्रशासन लोकतंत्र की हत्या के समय मूकदर्शक बन तमाशा देखती रही है.
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि सिद्धार्थनगर के इटवा ब्लॉक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ दुर्व्यहार और उनकी गाड़ी को तोड़ा जाना निंदनीय है. हरदोई में साण्डी ब्लॉक में समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राजपाल कश्यप का पर्चा फाड़ दिया गया. सम्भल, बस्ती का गौर, झांसी के बड़ागांव ब्लॉक, सीतापुर में कसमण्डा ब्लॉक, कानपुर के बिल्हौर और शिवराजपुर, बुलन्दशहर, ललितपुर, उन्नाव, गाजीपुर, गोरखपुर, महराजगंज के सिसवा, परतावल, पनियरा, सदर, देवरिया के भटनी, चित्रकूट के मानिकपुर और कर्वी, एटा के मारहरा में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के नामांकन में भाजपाईयों ने अवरोध पैदा किया.
बहराइच में ब्लॉक प्रमुख नामांकन के दौरान पुलिस ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेताओं पर लाठीचार्ज किया. यहां पूर्व विधायक शब्बीर वाल्मीकि और जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव सहित कई कार्यकर्ता चोटिल हो गए. महाराजगंज के घुघली ब्लॉक के समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी का पर्चा भाजपा नेताओं ने छीन लिया. घटना का विरोध करने पर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को पीटा गया. चुनाव कवरेज कर रहे कन्नौज में पत्रकारों को पीटकर बंधक बना लिया गया. भाजपा सरकार में प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के एजेन्ट की भूमिका में हैं. यह लोकतांत्रिक प्रणाली को दूषित करने का कृत्य है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिन ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशियों का नामांकन नहीं हुआ है, उन्हें अवसर देकर नामांकन कराने की व्यवस्था की जाए अथवा पूरी प्रक्रिया फिर से की जाए. लोकतंत्र का भाजपा ने बहुत अहित किया है. उत्तर प्रदेश में संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. प्रत्याशियों को धमकी दी जा रही है. कई जिलों में भाजपा ने पर्चा नहीं लेने दिया. समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के पर्चे छीन लिए गए. उन्होंने कहा कि जनता में भाजपा के खिलाफ भारी जन आक्रोश है. 2022 में विधानसभा के चुनाव में जनता पूरा हिसाब-किताब करेगी.
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2022 यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव अब चुनावी मोड में नजर आने लगे हैं. खास बात यह है कि अखिलेश यादव पार्टी के फ्रंटल संगठनों को भी सक्रिय कर रहे हैं, जो पिछले करीब डेढ़ साल से पूरी तरह से निष्क्रिय थे और उनकी कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी. अब जब चुनाव नजदीक है तो अखिलेश यादव को अपने संगठन याद आ रहे हैं. अखिलेश यादव अपने इन संगठनों में नेताओं को जिम्मेदारी दे रहे हैं, जिससे संगठन को मजबूत करते हुए चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाया जा सके.
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वहीं इसके पहले पीएम मोदी (PM MODI) के कैबिनेट विस्तार (Modi Cabinet Expansion) पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तंज कसा था. अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'जरूरत केवल डिब्बे नहीं पूरी ट्रेन बदलने की है'. इतनी बड़ी संख्या में मंत्री या मंत्रालय बदलने से बीजेपी सरकार ने खुद स्वीकार कर लिया है कि वो हर क्षेत्र में नाकाम रही है. बीजेपी ने सरकार चलाने का नैतिक अधिकार खो दिया है. अब देश-प्रदेश में बदलाव की लहर है.