लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब अखिलेश यादव राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी. इससे अखिलेश यादव को काफी झटका लगा था. अब अखिलेश ने एक बार फिर मोर्चे पर डटने का फैसला लिया है. केंद्र की राजनीति से दूर रह कर पहले राज्य में अपनी पकड़ मजबूत बनाएंगे. इसलिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद से इस्तीफा दे दिया.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीते हैं. अखिलेश अब भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे. अब वह विपक्ष के नेता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे.
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आजम खान ने भी दिया इस्तीफा
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने भी रामपुर से संसद की सदस्यता से त्यागपत्र भेज दिया है. आजम खान ने भी विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट से निर्वाचित हुए हैं. संवैधानिक परंपराओं के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही सदन का सदस्य रह सकता है. ऐसी परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक की शपथ लेने से पहले आज अखिलेश यादव और आजम खान ने अपने-अपने संसद सदस्य के पद से त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष को भेज दिया.
समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक 26 मार्च को बुलाई गई है, जिसमें विधानसभा में समाजवादी पार्टी का नेता प्रतिपक्ष का भी चयन होना है. अखिलेश के इस्तीफे के बाद ये भी साफ हो गया है कि विधानसभा में वे ही विधायक दल के नेता चुने जाएंगे.
पहले संभावना थी कि करहल से देगें इस्तीफा
पहले कहा जा रहा था कि अखिलेश यादव लोकसभा की सदस्यता बरकरार रखेंगे और करहल से विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देंगे, लेकिन आज अचानक अखिलेश यादव ने अपनी आजमगढ़ लोकसभा की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे दिया है. खास बात यह भी है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक दिन पहले ही आजमगढ़ दौरे पर गए थे और समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी और आज उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया.
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