लखनऊ: पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए कई नेताओं, पत्रकारों की जासूसी कराने को लेकर अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आम जनता की जासूसी कराने के कारण भाजपा ने अब अपने नाम में 'जनता' शब्द लगाने का नैतिक अधिकार खो दिया है.
'भाजपा को नए नाम की करनी चाहिए व्याख्या'
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि 'आम जनता की जासूसी कराने के कारण भाजपा ने अब अपने नाम में 'जनता' शब्द लगाने का नैतिक अधिकार खो दिया है. भाजपा को अब अपने नाम की नयी व्याख्या करनी चाहिए'.
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आम जनता की जासूसी कराने के कारण भाजपा ने अब अपने नाम में ‘जनता’ शब्द लगाने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
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भाजपा को अब अपने नाम की नयी व्याख्या करनी चाहिए।
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 27, 2021
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भाजपा को अब अपने नाम की नयी व्याख्या करनी चाहिए।
बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं. सपा ने केंद्र सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कथित जासूसी कांड में जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) जांच की मांग कर डाली है. साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना भी साधा.
अखिलेश ने सोमवार को कहा था कि सपा जासूसी के सख्त खिलाफ है. यह जानना जरूरी है कि बीजेपी को लोगों का भारी समर्थन हासिल है, उसके बाद भी जासूसी कराने की बीजेपी को क्यों जरूरत पड़ी. हम इस जासूसी के लिए जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) की मांग करते हैं.
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बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन (international media organization) ने खुलासा किया है कि इजराइल के खुफिया साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश समेत 300 लोगों की जासूसी की गई. पेगासस स्पाइवेयर डिवेलप करने वाली कंपनी एनएसओ ( NSO) इजराइल की है.