लखनऊ: प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों के पीएफ में हुए घोटाले को लेकर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था. श्रीकांत शर्मा ने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला था. वहीं अब समाजवादी पार्टी ने भी इस मामले पर यूपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सपा ने इस मामले में सीबीआई जांच की जगह सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है.
सपा नेता उदयवीर सिंह ने मौजूदा प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा पर जमकर हमला बोला. उदयवीर सिंह ने कहा कि ऊर्जा मंत्री को तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करना चाहिए. उन्होंने कहा कि तथ्य यह कहते हैं कि यह घोटाला भारतीय जनता पार्टी सरकार में लिए गए निर्णय के हिसाब से हुआ है.
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सपा नेता ने कहा कि बीजेपी पहले से इस दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड से जुड़ी हुई थी. उदयवीर सिंह ने कहा की भारत सरकार की जो पीएसयू ट्रस्ट है, वह ट्रस्ट 2015 के समय से ही लगातार इस कॉरपोरेशन को पैसा दे रहा था. सपा नेता उदयवीर सिंह ने एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के संगठन को चंदे के रूप में 20 करोड़ दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने दिया.
योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लिया गया फैसला
एफआईआर कॉपी का हवाला देते हुए सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी थी. 24 मार्च 2017 को बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि बैंक के अलावा प्राइवेट इंस्टीट्यूशन को पैसा देने के रास्ता साफ किया गया, जिसके चलते इसकी जिम्मेदारी किसी और की नहीं केवल उस समय की सरकार और बोर्ड की बनती है.
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सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग
इस दौरान सपा नेता ने कहा कि अगर कोई इसकी जिम्मेदारी पुरानी सरकार पर मढ़ रहा है तो वह केवल झूठ बोल रहा है. प्रदेश को गुमराह कर रहा है. सपा नेता ने पीएफ घोटाले पर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को भी घोटाले का आरोपी बताया. वहीं उदयवीर सिंह ने इस मामले पर सीबीआई जांच न कराते हुए सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की बड़ी मांग की है.