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सोनभद्र नरसंहार पर सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट, 660 करोड़ के जमीन घोटाले का खुलासा - अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र-मिर्जापुर में जमीन विवाद को लेकर जुलाई  2019 में नरसंहार हुआ था. इसमें अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में रसूखदारों द्वारा 660 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जे करने की बात उजागर हुई है.

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सीएम योगी को सौंपी गई रिपोर्ट.
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Published : Jan 2, 2020, 6:18 PM IST

लखनऊ: सोनभद्र-मिर्जापुर में जमीन विवाद को लेकर जुलाई 2019 में नरसंहार हुआ था. इस नरसंहार को लेकर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. योगी सरकार ने अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था. यह कमेटी करीब 11 पेज की इस रिपोर्ट में कई अधिकारियों समेत सहकारी समितियों की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए गए हैं. इसमें रसूखदारों द्वारा 660 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा करने की बात उजागर हुई है.

सीएम योगी को सौंपी गई रिपोर्ट.
12 अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम हुए उजागररेणुका कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि सोनभद्र-मिर्जापुर में 6602 एकड़ सरकारी जमीन पर सहकारी समितियों ने कब्जा कर रखा है. इस रिपोर्ट में तत्कालीन जिम्मेदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है. मिर्जापुर के एक तहसीलदार और नायब तहसीलदार को भी दोषी पाया गया है. राजस्व से जुड़े करीब 12 अधिकारियों और कर्मचारियों का भी नाम इसमें उजागर हुआ है.

सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर पाया गया कब्जा
रेणुका समिति ने दोनों जिलों में सहकारी समितियों को दी गई 12380 एकड़ जमीन की जांच की है. सोनभद्र मेंसवार कृषि सहकारी समिति, पेढ़ कृषि सहकारी समिति, बरौधी कृषि सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है. मिर्जापुर में गोपालपुर कृषि सहकारी समिति, भदोही कृषि सहकारी समिति, मेवाड़ी कृषि सहकारी समिति, पटेहरा कला कृषि सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है.
इसे भी पढ़ें: अयोध्या: नये साल पर करीब 30 हजार श्रद्धालुओं ने किए रामलला के दर्शन

लखनऊ: सोनभद्र-मिर्जापुर में जमीन विवाद को लेकर जुलाई 2019 में नरसंहार हुआ था. इस नरसंहार को लेकर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. योगी सरकार ने अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था. यह कमेटी करीब 11 पेज की इस रिपोर्ट में कई अधिकारियों समेत सहकारी समितियों की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए गए हैं. इसमें रसूखदारों द्वारा 660 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा करने की बात उजागर हुई है.

सीएम योगी को सौंपी गई रिपोर्ट.
12 अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम हुए उजागररेणुका कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि सोनभद्र-मिर्जापुर में 6602 एकड़ सरकारी जमीन पर सहकारी समितियों ने कब्जा कर रखा है. इस रिपोर्ट में तत्कालीन जिम्मेदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है. मिर्जापुर के एक तहसीलदार और नायब तहसीलदार को भी दोषी पाया गया है. राजस्व से जुड़े करीब 12 अधिकारियों और कर्मचारियों का भी नाम इसमें उजागर हुआ है.

सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर पाया गया कब्जा
रेणुका समिति ने दोनों जिलों में सहकारी समितियों को दी गई 12380 एकड़ जमीन की जांच की है. सोनभद्र मेंसवार कृषि सहकारी समिति, पेढ़ कृषि सहकारी समिति, बरौधी कृषि सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है. मिर्जापुर में गोपालपुर कृषि सहकारी समिति, भदोही कृषि सहकारी समिति, मेवाड़ी कृषि सहकारी समिति, पटेहरा कला कृषि सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है.
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Intro:लखनऊ: अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सोनभद्र जमीन कब्जे में हुए नरसंहार पर सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट

लखनऊ। सोनभद्र मिर्जापुर में जमीन विवाद के दौरान को लेकर हुए नरसंहार पर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। गत जुलाई माह में हुए नरसंहार को लेकर योगी सरकार ने अगस्त माह में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था। रेणुका कमेटी की करीब 11 पेज की इस रिपोर्ट में कई अधिकारियों समेत सहकारी समितियों की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए गए हैं। रसूखदारों द्वारा 660 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जे की बात उजागर हुई है।


Body:सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताविक रेणुका कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है सोनभद्र मिर्जापुर में 6602 एकड़ सरकारी जमीन पर सहकारी समितियों ने कब्जा कर रखा है। तत्कालीन जिम्मेदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की है। मिर्जापुर के एक तहसीलदार और नायब तहसीलदार को भी दोषी पाया गया है। राजस्व से जुड़े करीब 12 अधिकारियों और कर्मचारियों का भी नाम इसमें उजागर हुआ है।

कई तत्कालीन जिला अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी कमेटी ने सवाल खड़े किए हैं। जिम्मेदारों पर कार्रवाई कर सरकार उक्त जमीन जल्द वापस ले सकती है। कब्जे वाली जमीन रिपोर्ट के अनुसार सोनभद्र की टीम मिर्जापुर की चार सहकारी समितियों का जमीन पर कब्जा है। जुलाई 2019 में सोनभद्र में जमीन विवाद में नरसंहार हुआ था। सात अगस्त को जांच के लिए रेणुका समिति का गठन किया था। रेणुका समिति समिति ने दोनों जिलों में सहकारी समितियों को दी गई 12380 एकड़ जमीन की जांच की है। सोनभद्र मेंसवार कृषि सहकारी समिति, पेढ़ कृषि सहकारी समिति, बरौधी कृषि सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है। मिर्जापुर में गोपालपुर कृषि सहकारी समिति, भदोही कृषि सहकारी समिति, मेवाड़ी कृषि सहकारी समिति, पटेहरा कला कृषि सहकारी समिति का सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया है।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


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