लखनऊ: हिंदू धर्म में सावन महीने (Month Of Sawan) का खास महत्व होता है. भगवान शिव की पूजा (Shiva Puja In Sawan) में फल-फूल, बेलपत्र आदि कई सामग्रियां चढ़ाई जाती हैं. सावन के सोमवार (Sawan Somwar) पर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं. कुंवारी लड़कियां मनचाहे वर के लिए और सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. अगर आप भी सावन में व्रत (Sawan Somvar Vrat) रखने जा रहे हैं तो ऐसे में आपको कुछ नियमों का पालन करना जरुरी है अन्यथा शिव रुष्ट हो जाएंगे.
शिव पूजा के दौरान महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान
कहते हैं कि शिवलिंग को छूने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं, इसलिए महिलाओं को शिवलिंग छूने की मनाही होती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि महिलाएं शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती हैं. महिलाओं को बाल खुले नहीं रखने चाहिए क्योंकि इससे घर में नाकारात्मक ऊर्जा आती है. शास्त्रों में भी कहा गया है कि विवाह के समय माता सीता की मां ने उन्हें हमेशा बालों को बांधकर रखने के लिए कहा था. कहते हैं कि बंधे हुए बाल रिश्तों को भी बांधकर रखते हैं. साथ ही मासिक धर्म के दौरान महिलाएं शिवलिंग की पूजा न करें, ऐसा करना वर्जित माना गया है. सावन के महीने में हरी चूड़ियां पहनने वाली महिलाओं से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. विवाहित महिलाओं की मांग में सिंदूर लगा रहना चाहिए, ऐसी करने से भोलेनाथ अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देते हैं. सावन में विवाहित महिलाएं गरीब महिलाओं को श्रृंगार का सामान दान करें तो परिवार में खुशियां आएंगी.
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गलती से भी न पहने इस रंग के कपड़े
इसके अलावा बाबा भोले को हल्दी लगाना अशुभ माना जाता है. शिव की पूजा में फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, गन्ना, गेंहू की बालियां आदि चढ़ाएं. सावन के महीने में भूलकर भी शराब, मांस-मछली और तामसिक भोजन ग्रहण न करें. इस दौरान बैंगन, अदरक, लहसुन, कढ़ी, गन्ने का जूस, काली मिर्च, मूली और प्याज का सेवन करना मना है. व्रत रखने वाले और पूजा करने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए, इससे नाकारात्मकता आती है. यदि संभव हो तो सावन के महीने में दाढ़ी न बनाएं.
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108 बार करें इस मंत्र का जाप
पुराणों के अनुसार सावन के महीने में स्त्री और पुरुष को प्रसंग से बचना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत में दिन के समय सोना नहीं चाहिए , इसकी जगह भजन-कीर्तन कर सकते हैं. व्रत के दौरान अगर शिव कवच या शिव चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो बीच में किसी शख्स से बात न करें. ऐसा करने से पूजा का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं. पुराणों के अनुसार व्रत रखने वाले लोगों को कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. बाबा शिव की पूजा के समय या जलाभिषेक के वक्त ऊँ नम: शिवाय का जाप जरुर करें.
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