लखनऊ : राजधानी लखनऊ की सड़कों पर जाम न लगे, इसके लिए बीते कई वर्षों से ट्रैफिक पुलिस कई तरह के प्रयोग कर रही है. बावजूद इसके अब तक शहर के लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल सकी है. यही वजह है कि सरकार ने कई बार ट्रैफिक विभाग के आलाधिकारियों पर गाज गिराई, लेकिन असल में राजधानी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदार सिर्फ ट्रैफिक विभाग ही नहीं, बल्कि नगर निगम व जिला प्रशासन भी है, जो जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रैफिक विभाग का सहयोग ही नहीं कर रहा है. ऐसे में अब ट्रैफिक विभाग ने लखनऊ डिवीजनल कमिश्नर को दो टूक कह दिया है कि नगर निगम से जो कहा जा रहा है वो कर नहीं रहा है तो कैसे हम ट्रैफिक व्यवस्था संभालें.
अवध चौराहे पर वेंडिंग और पार्किंग जोन घोषित करने में हो रही लापरवाही |
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डीसीपी ट्रैफिक ने कमीश्नर को लिखा पत्र : डीसीपी ट्रैफिक ने डिवीजनल कमिश्नर रोशन जैकब को पत्र लिख कर बताया है कि राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए उन 10 चौराहों पर काम किया जा रहा है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक प्रेसर रहता है. इस कार्य में ट्रैफिक पुलिस को नगर निगम का भी सहयोग चाहिए होता है, लेकिन वो कोई भी रुचि नहीं ले रहा है. ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से उन 10 चौराहों और मार्गों पर वेंडिंग जोन और पार्किंग जोन बनाने के लिए कहा वो नहीं बनाया गया. चौराहों के पास मौजूद अतिक्रमण जिसके कारण सबसे अधिक ट्रैफिक जाम होता है वह हटाने के लिए कहा गया वो भी नहीं हटा. ऐसे में बिना नगर निगम के सहयोग के कैसे राजधानी को जाम मुक्त बनाया जा सकता है.
चिनहट चौराहे का हाल |
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आइए जानते हैं कौन-कौन से चौराहे नहीं हो पा रहे जाम मुक्त : राजधानी के हजरतगंज, गोमतीनगर जैसे पाॅस इलाकों को चमकाने वाला नगर निगम उन मार्गों और चौराहों पर अपनी नजर टेढ़ी रखती है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक प्रेसर रहता है और अतिक्रमण के चलते हर वक्त जाम लगता है. इनमें से एक है चिनहट चौराहा, जहां से होकर फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया समेत पूरे पूर्वांचल से आने वाला ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. इस चौराहे पर राजधानी का 15 प्रतिशत ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. इस चौराहे में रोजाना हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है. लिहाजा ट्रैफिक विभाग इस चौराहे पर प्रमुखता से कार्य कर रहा है. हालांकि ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से भी मदद मांगी, लेकिन विभागीय मदद नहीं मिली. ऐसे में चिनहट में अब भी जाम से निपटने के लिए कोई भी पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकी.
लखनऊ में कितना है गाड़ियों का प्रेसर |
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पुराने लखनऊ में भी नहीं निकल पा रहा हल : न सिर्फ चिनहट और अवध चौराहा बल्कि पुराने लखनऊ के चौक व केजीएमयू चौराहे का भी कमोबेश यही हाल है. यहां भी ट्रैफिक विभाग को नगर निगम का साथ न मिलने पर लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. इन चौराहों पर अलग अलग जिलों और प्रदेशों से लोग मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए आते हैं. इसके अलावा हरदोई, शाहजहांपुर समेत कई जिलों के लोग भी रोजाना लखनऊ आते हैं. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बनाए अपने प्लान में इस चौराहे को प्रमुख माना है.
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