ETV Bharat / state

लखनऊ को जाम से छुटकारा नहीं दिलाना चाहते कुछ विभाग, यह है बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जाम लगना और उसमें फंसे रहना शहरवासियों की रोज की मुसीबत है. हालांकि जाम लगता क्यों है, ट्रैफिक विभाग लाचार क्यों है, कौन नहीं चाहता कि लखनऊ जाम मुक्त हो...इसके जवाब हम आपको बता रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 30, 2023, 5:20 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ की सड़कों पर जाम न लगे, इसके लिए बीते कई वर्षों से ट्रैफिक पुलिस कई तरह के प्रयोग कर रही है. बावजूद इसके अब तक शहर के लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल सकी है. यही वजह है कि सरकार ने कई बार ट्रैफिक विभाग के आलाधिकारियों पर गाज गिराई, लेकिन असल में राजधानी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदार सिर्फ ट्रैफिक विभाग ही नहीं, बल्कि नगर निगम व जिला प्रशासन भी है, जो जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रैफिक विभाग का सहयोग ही नहीं कर रहा है. ऐसे में अब ट्रैफिक विभाग ने लखनऊ डिवीजनल कमिश्नर को दो टूक कह दिया है कि नगर निगम से जो कहा जा रहा है वो कर नहीं रहा है तो कैसे हम ट्रैफिक व्यवस्था संभालें.

लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो

अवध चौराहे पर वेंडिंग और पार्किंग जोन घोषित करने में हो रही लापरवाही

  • राजधानी का अवध चौराहा, सबसे व्यस्त चौराहों में से एक है. यहां राजधानी में आने वाले ट्रैफिक की 17 प्रतिशत ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. यहां भी रोजाना भारी संख्या में ट्रैफिक प्रेसर की वजह से घंटों जाम लगता है.
  • ट्रैफिक पुलिस इस चौराहे को ट्रैफिक जाम मुक्त करने के लिए कई कदम उठा रही है. हालांकि नगर निगम से मदद मांगने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस लाचार बनी हुई है.
  • इस चौराहे पर दिल्ली, कानपुर, इटावा, बुंदेलखंड के जिलों की ओर से गाड़ियां आती हैं. इसके अलावा आगरा एक्सप्रेस वे की ओर से भी लखनऊ आने वाला ट्रैफिक इसी चौराहे से गुजर कर जाता है.
  • अवध चौराहे की समस्या का नहीं हो पा रहा निराकरण.
  • अवध चौराहा पर ट्रैफिक पुलिस ने नगर निगम से वेंडिंग व पार्किंग जोन घोषित कर उसका बोर्ड लगाने के लिए कहा, लेकिन नहीं लगाया गया.
  • ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से अधिकृत वेंडर्स की लिस्ट मांगी, लेकिन विभाग की ओर नहीं दी गई.
  • चौराहे पर मौजूद ठेले, खोमचे लगे होने से ट्रैफिक बाधित होता है. इन पर सिर्फ नगर निगम ही यूपी पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) नियमावली 2017 के नियम 20 के तहत कार्रवाई कर सकता है.
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो


डीसीपी ट्रैफिक ने कमीश्नर को लिखा पत्र : डीसीपी ट्रैफिक ने डिवीजनल कमिश्नर रोशन जैकब को पत्र लिख कर बताया है कि राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए उन 10 चौराहों पर काम किया जा रहा है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक प्रेसर रहता है. इस कार्य में ट्रैफिक पुलिस को नगर निगम का भी सहयोग चाहिए होता है, लेकिन वो कोई भी रुचि नहीं ले रहा है. ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से उन 10 चौराहों और मार्गों पर वेंडिंग जोन और पार्किंग जोन बनाने के लिए कहा वो नहीं बनाया गया. चौराहों के पास मौजूद अतिक्रमण जिसके कारण सबसे अधिक ट्रैफिक जाम होता है वह हटाने के लिए कहा गया वो भी नहीं हटा. ऐसे में बिना नगर निगम के सहयोग के कैसे राजधानी को जाम मुक्त बनाया जा सकता है.

लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो

चिनहट चौराहे का हाल

  • चिनहट चौराहे पर वेंडिंग व पार्किंग जोन घोषित करने के लिए नगर निगम से कहा गया, लेकिन अब तक घोषित नहीं हो सके.
  • ट्रैफिक पुलिस ने अधिकृत वेंडर्स की लिस्ट मांगी ताकि अवैध वेंडर्स को हटाया जा सके, वह भी पुलिस को नहीं दी गई.
  • चौराहे पर ई रिक्शा सबसे बड़ी समस्या हैं, इनकी वजह से ट्रैफिक जाम भी लगता है. ऐसे में रिक्शा पार्किंग स्टैंड बनाने के लिए कहा गया, नगर निगम ने नहीं बनाया.
  • चिनहट चौराहे पर बिजली का खंभा हटाने के लिए कई बार कहा ताकि जाम न लगे उसके बाद भी आज तक वह नहीं हट सका.
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो



आइए जानते हैं कौन-कौन से चौराहे नहीं हो पा रहे जाम मुक्त : राजधानी के हजरतगंज, गोमतीनगर जैसे पाॅस इलाकों को चमकाने वाला नगर निगम उन मार्गों और चौराहों पर अपनी नजर टेढ़ी रखती है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक प्रेसर रहता है और अतिक्रमण के चलते हर वक्त जाम लगता है. इनमें से एक है चिनहट चौराहा, जहां से होकर फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया समेत पूरे पूर्वांचल से आने वाला ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. इस चौराहे पर राजधानी का 15 प्रतिशत ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. इस चौराहे में रोजाना हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है. लिहाजा ट्रैफिक विभाग इस चौराहे पर प्रमुखता से कार्य कर रहा है. हालांकि ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से भी मदद मांगी, लेकिन विभागीय मदद नहीं मिली. ऐसे में चिनहट में अब भी जाम से निपटने के लिए कोई भी पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकी.

ट्रैफिक विभाग का दावा.
ट्रैफिक विभाग का दावा.

लखनऊ में कितना है गाड़ियों का प्रेसर

  • वर्ष 2015-16 को लखनऊ की सड़कों पर 18 लाख वाहनों का ट्रैफिक प्रेशर था.
  • वर्ष 2017-18 में यह बढ़कर 20 लाख हो गया.
  • वर्ष 2022 तक यही ट्रैफिक प्रेशर 22 लाख तक पहुंच गया.
  • दो साल के अंदर दो लाख से अधिक गाड़ियां सड़कों पर उतरी हैं. रोज तीन से चार लाख वाहन दूसरे जिलों से आकर लखनऊ होकर गुजरते हैं. इसके अलावा ई रिक्शा-52 हजार, थ्री व्हीलर ऑटो-4343, विक्रम टेंपो-2700, ओला व उबर टैक्सी 7000 और 250 सिटी बसें हैं.







पुराने लखनऊ में भी नहीं निकल पा रहा हल : न सिर्फ चिनहट और अवध चौराहा बल्कि पुराने लखनऊ के चौक व केजीएमयू चौराहे का भी कमोबेश यही हाल है. यहां भी ट्रैफिक विभाग को नगर निगम का साथ न मिलने पर लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. इन चौराहों पर अलग अलग जिलों और प्रदेशों से लोग मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए आते हैं. इसके अलावा हरदोई, शाहजहांपुर समेत कई जिलों के लोग भी रोजाना लखनऊ आते हैं. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बनाए अपने प्लान में इस चौराहे को प्रमुख माना है.





यह भी पढ़ें : राजधानी लखनऊ में जाम की समस्या से निपटने में क्यों कामयाब नहीं हो पा रहा जिला प्रशासन

वेंडिंग जोन बनाकर फेरी वालों को शिफ्ट करेगा नगर निगम

लखनऊ : राजधानी लखनऊ की सड़कों पर जाम न लगे, इसके लिए बीते कई वर्षों से ट्रैफिक पुलिस कई तरह के प्रयोग कर रही है. बावजूद इसके अब तक शहर के लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल सकी है. यही वजह है कि सरकार ने कई बार ट्रैफिक विभाग के आलाधिकारियों पर गाज गिराई, लेकिन असल में राजधानी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदार सिर्फ ट्रैफिक विभाग ही नहीं, बल्कि नगर निगम व जिला प्रशासन भी है, जो जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रैफिक विभाग का सहयोग ही नहीं कर रहा है. ऐसे में अब ट्रैफिक विभाग ने लखनऊ डिवीजनल कमिश्नर को दो टूक कह दिया है कि नगर निगम से जो कहा जा रहा है वो कर नहीं रहा है तो कैसे हम ट्रैफिक व्यवस्था संभालें.

लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो

अवध चौराहे पर वेंडिंग और पार्किंग जोन घोषित करने में हो रही लापरवाही

  • राजधानी का अवध चौराहा, सबसे व्यस्त चौराहों में से एक है. यहां राजधानी में आने वाले ट्रैफिक की 17 प्रतिशत ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. यहां भी रोजाना भारी संख्या में ट्रैफिक प्रेसर की वजह से घंटों जाम लगता है.
  • ट्रैफिक पुलिस इस चौराहे को ट्रैफिक जाम मुक्त करने के लिए कई कदम उठा रही है. हालांकि नगर निगम से मदद मांगने के बाद भी ट्रैफिक पुलिस लाचार बनी हुई है.
  • इस चौराहे पर दिल्ली, कानपुर, इटावा, बुंदेलखंड के जिलों की ओर से गाड़ियां आती हैं. इसके अलावा आगरा एक्सप्रेस वे की ओर से भी लखनऊ आने वाला ट्रैफिक इसी चौराहे से गुजर कर जाता है.
  • अवध चौराहे की समस्या का नहीं हो पा रहा निराकरण.
  • अवध चौराहा पर ट्रैफिक पुलिस ने नगर निगम से वेंडिंग व पार्किंग जोन घोषित कर उसका बोर्ड लगाने के लिए कहा, लेकिन नहीं लगाया गया.
  • ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से अधिकृत वेंडर्स की लिस्ट मांगी, लेकिन विभाग की ओर नहीं दी गई.
  • चौराहे पर मौजूद ठेले, खोमचे लगे होने से ट्रैफिक बाधित होता है. इन पर सिर्फ नगर निगम ही यूपी पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) नियमावली 2017 के नियम 20 के तहत कार्रवाई कर सकता है.
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो


डीसीपी ट्रैफिक ने कमीश्नर को लिखा पत्र : डीसीपी ट्रैफिक ने डिवीजनल कमिश्नर रोशन जैकब को पत्र लिख कर बताया है कि राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए उन 10 चौराहों पर काम किया जा रहा है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक प्रेसर रहता है. इस कार्य में ट्रैफिक पुलिस को नगर निगम का भी सहयोग चाहिए होता है, लेकिन वो कोई भी रुचि नहीं ले रहा है. ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से उन 10 चौराहों और मार्गों पर वेंडिंग जोन और पार्किंग जोन बनाने के लिए कहा वो नहीं बनाया गया. चौराहों के पास मौजूद अतिक्रमण जिसके कारण सबसे अधिक ट्रैफिक जाम होता है वह हटाने के लिए कहा गया वो भी नहीं हटा. ऐसे में बिना नगर निगम के सहयोग के कैसे राजधानी को जाम मुक्त बनाया जा सकता है.

लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो

चिनहट चौराहे का हाल

  • चिनहट चौराहे पर वेंडिंग व पार्किंग जोन घोषित करने के लिए नगर निगम से कहा गया, लेकिन अब तक घोषित नहीं हो सके.
  • ट्रैफिक पुलिस ने अधिकृत वेंडर्स की लिस्ट मांगी ताकि अवैध वेंडर्स को हटाया जा सके, वह भी पुलिस को नहीं दी गई.
  • चौराहे पर ई रिक्शा सबसे बड़ी समस्या हैं, इनकी वजह से ट्रैफिक जाम भी लगता है. ऐसे में रिक्शा पार्किंग स्टैंड बनाने के लिए कहा गया, नगर निगम ने नहीं बनाया.
  • चिनहट चौराहे पर बिजली का खंभा हटाने के लिए कई बार कहा ताकि जाम न लगे उसके बाद भी आज तक वह नहीं हट सका.
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो
लखनऊ में जाम. फाइल फोटो



आइए जानते हैं कौन-कौन से चौराहे नहीं हो पा रहे जाम मुक्त : राजधानी के हजरतगंज, गोमतीनगर जैसे पाॅस इलाकों को चमकाने वाला नगर निगम उन मार्गों और चौराहों पर अपनी नजर टेढ़ी रखती है, जहां सबसे अधिक ट्रैफिक प्रेसर रहता है और अतिक्रमण के चलते हर वक्त जाम लगता है. इनमें से एक है चिनहट चौराहा, जहां से होकर फैजाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया समेत पूरे पूर्वांचल से आने वाला ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. इस चौराहे पर राजधानी का 15 प्रतिशत ट्रैफिक रोजाना गुजरता है. इस चौराहे में रोजाना हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है. लिहाजा ट्रैफिक विभाग इस चौराहे पर प्रमुखता से कार्य कर रहा है. हालांकि ट्रैफिक विभाग ने नगर निगम से भी मदद मांगी, लेकिन विभागीय मदद नहीं मिली. ऐसे में चिनहट में अब भी जाम से निपटने के लिए कोई भी पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकी.

ट्रैफिक विभाग का दावा.
ट्रैफिक विभाग का दावा.

लखनऊ में कितना है गाड़ियों का प्रेसर

  • वर्ष 2015-16 को लखनऊ की सड़कों पर 18 लाख वाहनों का ट्रैफिक प्रेशर था.
  • वर्ष 2017-18 में यह बढ़कर 20 लाख हो गया.
  • वर्ष 2022 तक यही ट्रैफिक प्रेशर 22 लाख तक पहुंच गया.
  • दो साल के अंदर दो लाख से अधिक गाड़ियां सड़कों पर उतरी हैं. रोज तीन से चार लाख वाहन दूसरे जिलों से आकर लखनऊ होकर गुजरते हैं. इसके अलावा ई रिक्शा-52 हजार, थ्री व्हीलर ऑटो-4343, विक्रम टेंपो-2700, ओला व उबर टैक्सी 7000 और 250 सिटी बसें हैं.







पुराने लखनऊ में भी नहीं निकल पा रहा हल : न सिर्फ चिनहट और अवध चौराहा बल्कि पुराने लखनऊ के चौक व केजीएमयू चौराहे का भी कमोबेश यही हाल है. यहां भी ट्रैफिक विभाग को नगर निगम का साथ न मिलने पर लोगों को जाम से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. इन चौराहों पर अलग अलग जिलों और प्रदेशों से लोग मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए आते हैं. इसके अलावा हरदोई, शाहजहांपुर समेत कई जिलों के लोग भी रोजाना लखनऊ आते हैं. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए बनाए अपने प्लान में इस चौराहे को प्रमुख माना है.





यह भी पढ़ें : राजधानी लखनऊ में जाम की समस्या से निपटने में क्यों कामयाब नहीं हो पा रहा जिला प्रशासन

वेंडिंग जोन बनाकर फेरी वालों को शिफ्ट करेगा नगर निगम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.