लखनऊ: सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले भारतीय सेना में नियुक्त सिपाही व भूतपुर्व सैनिक सहित गिरोह के चार सदस्यों को एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स की संयुक्त टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना के भूर्तपूर्व सैनिक अमित कुमार सिंह निवासी गाजीपुर, फर्जी भारतीय सेना का कमाण्डों शुभम पेटल उर्फ कुनाल निवासी उन्नाव, भारतीय सेना नागालैण्ड में तैनात सिपाही रामबरन सिंह उर्फ राहुल निवासी फिरोजाबाद सहित दिनेश कुमार निवासी जसवन्तनगर, इटावा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से कूटरचित स्टैम्प, हाईस्कूल व इण्टरमीडियट के शैक्षिक प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, अस्सिटेन्ट प्रश्न पत्र, कूटरचित सचिवालय कार्ड, भारतीय सेना का आईडी कार्ड बरामद किया गया है.
एसटीएफ को भारतीय सेना में सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी. सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम को लगाया गया. एसटीएफ को पता चला कि भारतीय सेना में सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी तरीके से धन उगाही करने वाले गिरोह का एक सदस्य लखनऊ के गोवर्धन इन्कलेव, थाना पीजीआई आने वाला है. इस पर आरोपी शुभम पेटल को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसने पूछताछ में बताया कि बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने के नाम पर प्रत्येक युवक से आठ से दस लाख रुपये लिए जाते थे. साथ ही उनसे उनके शैक्षिक, जाति, निवास प्रमाण-पत्रों आदि की मूल कॉपी ले ली जाती थी. इन युवकों को दिलीप अपने सम्पर्कों के माध्यम से हमारे पास फर्जी भर्ती प्रक्रिया के लिए भेजता था. हमारे पास आए हुए युवकों को मेरे द्वारा खुद को आर्मी का कमाण्डो, अमित सिंह को लेफ्टीनेंट कर्नल की यूनीफार्म में व रामबरन यादव को मेजर, डिप्टी कामाण्डेन्ट बता कर युवकों को भरोसे में लेकर उनकी फर्जी भर्ती प्रक्रिया की जाती थी.
आपस में बांट लेते थे उगाही का धन
भर्ती प्रक्रिया से प्राप्त धन आपस में बांट लेते थे. आज भी हम लोग तैयार होकर अपनी गाड़ी से फर्जी प्रपत्र तैयार कर पैसे की लालच में अमित सिंह के साथ अपने गोवर्धन इन्कलेव स्थित आवास से आर्मी के अधिकारी की वर्दी धारण कर बच्चों की फर्जी भर्ती प्रक्रिया कराने व मेडिकल आदि कराने जा रहे थे कि गिरफ्तार कर लिए गए. गिरफ्तार दिनेश ने बताया कि दिलीप नामक व्यक्ति जो कि रिश्ते में मेरा मामा लगता है, उसने ही शुभम पटेल व रामबरन सिंह से मेरी बातचीत मुलाकात कराई थी. इन लोगों के साथ मिलकर बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती करवाने के नाम पर धन उगाही कर युवकों को फर्जी प्रपत्र देकर गुमराह किया जाता था. इस काम के एवज में ये लोग मुझे प्रति युवक 15 से 20 हजार रुपये देते थे. आर्मी के फर्जी दस्तावेज हम लोगों को दिलीप व राम बरन सिंह उपलब्ध कराता था.
गिरफ्तार रामबरन सिंह ने पूछताछ में बताया कि मैं सेना में 2015 से भर्ती हूं. वर्तमान में नागालैण्ड में सिपाही के पद पर कार्यरत हूं. 45 दिन की छुट्टी पर आया था. मेरे मित्र दिलीप यादव पुत्र रौजीराम निवासी सहायपुर, जनपद फिरोजाबाद ने आगरा में मेरी मुलाकात शुभम पटेल से करवाई थी और बताया था कि एसएससी-जीडी, पुलिस, रेलवे, सेना में बेरोजगार युवकों को भर्ती के नाम पर धोखा देकर मोटा पैसा कमाते हैं, तुम अपने पद व वर्दी का फायदा उठाकर हमारा साथ देकर अच्छा पैसा कमा सकते हो. इसके पश्चात हम लोग शुभम पटेल के लखनऊ स्थित आवास पर फर्जी भर्ती प्रक्रिया को संचालित करते थे.