लखनऊ: राजधानी के लखनऊ मंडल डीआरएम कार्यालय में 120 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र से गुरुवार को बिजली उत्पादन शुरू हो गया. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार के सौर ऊर्जा संयंत्र (100 किलोवाट) ने रायबरेली स्टेशन पर 28 अगस्त से कार्य करना शुरू कर दिया है. पिछले सप्ताह जफराबाद-जंघई रेलखंड के रेलवे क्रॉसिंग संख्या 4,15 व 18 और जौनपुर-जफराबाद रेलखंड के रेलवे क्रासिंग संख्या 7 में विद्युत की आपूर्ति सोलर प्लांट के माध्यम से शुरू की गई है. साथ ही मंडल की पांच अन्य रेलवे क्रासिंग पर भी कार्य चल रहा है.
- मंडल डीआरएम कार्यालय में शुरू हुआ सौर ऊर्जा प्लांट.
- 120 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली उत्पादन शुरू.
उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने बताया कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में काफी विस्तार किया है. साथ ही भारतीय रेलवे यात्री सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी भी कर रहा है. इन सुविधा विस्तारों में स्टेशनों पर लिफ्ट व एस्केलेटर, वातानुकूलित यात्री प्रतीक्षालय, स्टेशन पर सौंदर्यीकरण के लिए लग रही फसाड लाइटों के लिए बिजली की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है.
बिजली आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे ने परंपरागत ऊर्जा स्रोत के स्थान पर गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों की ओर कदम बढ़ाया है. इसी क्रम में लखनऊ मंडल के विभिन्न स्टेशनों व कार्य स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं.
लखनऊ मंडल रेल प्रबंधक बताया कि यह ऊर्जा का एक अतुलनीय स्रोत होने के साथ-साथ भारत की अन्य गैर-परंपरागत ऊर्जाओं में सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है. सौर ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल है और बिजली उत्पादन के लिए एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर माना जाता है.
सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला ने बताया कि सौर ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए आपको बिजली या गैस ग्रिड की आवश्यकता नहीं होती है. एक सौर ऊर्जा निकाय को कहीं भी स्थापित किया जा सकता है. इसलिए ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में ये काफी सस्ता है.