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समाज कल्याण निदेशालय के कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, प्रमुख सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग

यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा द्वारा समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से बदसलूकी करने के मामले में समाज कल्याण निदेशालय के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारी नेता ने प्रमुख सचिव बीएल मीणा के खिलाफ 307 का हो मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की.

कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार
कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार
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Published : Mar 7, 2021, 2:16 PM IST

लखनऊ: राजधानी के प्राग नारायण रोड स्थित समाज कल्याण निदेशालय में गुरुवार को निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी की तबीयत खराब और उनसे बदसलूकी के मामले को लेकर कार्य बहिष्कार किया गया. इस दौरान अधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने निदेशालय के परिसर में प्रदर्शन किया. आंदोलन में समाज कल्याण अधिकारियों के साथ-साथ अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, बीके मिश्रा, आकिल सईद बबलू, जफर सईद किदवई, शफीक उर रहमान अंसारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे.

पूरे प्रदेश में होगा बड़ा आंदोलन
समाज कल्याण निदेशालय में चल रहे आंदोलनात्मक कार्यक्रम को जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडे और महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने समर्थन दिया. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से बीएल मीणा के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा पंजीकृत कराने तथा उनको प्रदेश के बाहर किए जाने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो यह आंदोलन पूरे प्रदेश में एक बड़े आंदोलन का स्वरूप लेगा.



नाराज अफसरों ने खोला था मोर्चा
जनवरी माह में प्रदेश प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक के खिलाफ अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया था. प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक बीएल मीणा पर अधिकारियों ने गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें राज्य हज समिति के दफ्तर से खदेड़ दिया था. अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव पर गाली-गलौज और महिला कर्मचारियों से आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.

प्रमुख सचिव पर लगा था बदसलूकी का आरोप
जनवरी माह में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा पर समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से बदसलूकी करने का आरोप लगा था. बताया गया था कि शासन स्तर पर एक मीटिंग के दौरान निदेशक से बदसलूकी की गई थी. इस मीटिंग में विभाग के निदेशक समेत कई ऑफिसर पहुंचे थे, जहां किसी बात को लेकर प्रमुख सचिव मीणा नाराज हो गए थे. विभागीय अधिकारियों ने इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री और मुख्य सचिव आरके तिवारी से की थी.

दोनों आईएएस अधिकारियों के बीच हुआ था 'लेटर वार'
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और प्रमुख सचिव के बीच विवाद काफी समय से चला आ रहा है. फरवरी माह में शासन से जारी पत्र में प्रमुख सचिव समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से जवाब तलब किया था. प्रमुख सचिव ने निदेशक पर वित्तीय अनियमितताओं लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था. इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा ने निदेशक से 16 गंभीर आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था. प्रमुख सचिव ने 10 पन्नों का पत्र भेजकर निदेशक को स्पष्टीकरण के लिए कहा था.

लखनऊ: राजधानी के प्राग नारायण रोड स्थित समाज कल्याण निदेशालय में गुरुवार को निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी की तबीयत खराब और उनसे बदसलूकी के मामले को लेकर कार्य बहिष्कार किया गया. इस दौरान अधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने निदेशालय के परिसर में प्रदर्शन किया. आंदोलन में समाज कल्याण अधिकारियों के साथ-साथ अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, बीके मिश्रा, आकिल सईद बबलू, जफर सईद किदवई, शफीक उर रहमान अंसारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे.

पूरे प्रदेश में होगा बड़ा आंदोलन
समाज कल्याण निदेशालय में चल रहे आंदोलनात्मक कार्यक्रम को जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडे और महामंत्री सुशील कुमार बच्चा ने समर्थन दिया. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से बीएल मीणा के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा पंजीकृत कराने तथा उनको प्रदेश के बाहर किए जाने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो यह आंदोलन पूरे प्रदेश में एक बड़े आंदोलन का स्वरूप लेगा.



नाराज अफसरों ने खोला था मोर्चा
जनवरी माह में प्रदेश प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक के खिलाफ अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया था. प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक बीएल मीणा पर अधिकारियों ने गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें राज्य हज समिति के दफ्तर से खदेड़ दिया था. अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव पर गाली-गलौज और महिला कर्मचारियों से आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.

प्रमुख सचिव पर लगा था बदसलूकी का आरोप
जनवरी माह में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा पर समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से बदसलूकी करने का आरोप लगा था. बताया गया था कि शासन स्तर पर एक मीटिंग के दौरान निदेशक से बदसलूकी की गई थी. इस मीटिंग में विभाग के निदेशक समेत कई ऑफिसर पहुंचे थे, जहां किसी बात को लेकर प्रमुख सचिव मीणा नाराज हो गए थे. विभागीय अधिकारियों ने इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री और मुख्य सचिव आरके तिवारी से की थी.

दोनों आईएएस अधिकारियों के बीच हुआ था 'लेटर वार'
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और प्रमुख सचिव के बीच विवाद काफी समय से चला आ रहा है. फरवरी माह में शासन से जारी पत्र में प्रमुख सचिव समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी से जवाब तलब किया था. प्रमुख सचिव ने निदेशक पर वित्तीय अनियमितताओं लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया था. इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा ने निदेशक से 16 गंभीर आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था. प्रमुख सचिव ने 10 पन्नों का पत्र भेजकर निदेशक को स्पष्टीकरण के लिए कहा था.

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