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समाज कल्याण विभाग में योजनाओं की रकम, फर्जीवाड़े से कर रहे हजम!

समाज कल्याण विभाग, लोगों की मदद करने के दावे तो खूब करता मगर विभाग के अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं. अधिकारी विभाग में फर्जीवाड़ा कर योजना में दी जाने वाली रकम हजम करने में लगे हैं. बीते दिनों राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में एक बड़ा घपला सामने आया था. वहीं, अब शादी अनुदान योजना में किए गए खेल का खुलासा हुआ है. इस मामले पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं.

समाज कल्याण विभाग में योजनाओं की रकम
समाज कल्याण विभाग में योजनाओं की रकम
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Published : Aug 4, 2021, 8:42 AM IST

लखनऊ: समाज कल्याण विभाग उम्र के पहले पायदान से लेकर अंतिम पायदान तक के लोगों की मदद करने के दावे करता है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जरूरतमंदों के लिए कई योजनाएं भी चला रही है. लेकिन, विभाग के अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं. अधिकारी विभाग में फर्जीवाड़ा कर योजना में दी जाने वाली रकम हजम करने में लगे हैं. बीते दिनों राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में एक बड़ा घपला सामने आया था. वहीं, अब शादी अनुदान योजना में किए गए खेल का खुलासा हुआ है. इस मामले पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं. इस मामले में समाज कल्याण विभाग के निदेशक राकेश कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं, जिला समाज कल्याण अधिकारी कानपुर नगर अमर जीत सिंह को निलंबित भी किया गया है.


राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में लखनऊ के दो गांव में खेल किया गया. इस योजना के तहत गरीब परिवार के कमाऊ मुखिया की 60 वर्ष की उम्र से पहले मौत होने पर एक मुश्त 30 हजार रुपये दिए जाते हैं. राजधानी के इन दो गांव में 29 फर्जी लाभार्थी मिले थे, इनमें 21 महिलाओं के पति जीवित हैं. 30 हजार रुपये के बंदरबांट के लिए इन महिलाओं के पति को मृत दिखा दिया गया. लखनऊ की तहसील सरोजनी नगर के ग्राम बंथरा और चंद्रावल में 88 लोगों को योजना का लाभ दिया गया था. बंथरा में पिछले दो साल में मिलन देवी, रेखा, सोनी, शशि, सुनीता, रामा, संगीता शर्मा, रघुराई, रुचि सविता, राम रानी, सन्नो, राजकुमारी, स्नीला देवी, मुन्नी, किरण, वंदना, ज्योति, काजल देवी, लीला, रंजना और बजिया को उनके पति की कथित मृत्यु पर इस योजना का लाभ दिया गया था. पड़ताल में सामने आया है कि इन 21 महिलाओं के पति क्रमश: रामप्रकाश, बराती, धर्मवीर, राजोल, शंकर, राम कुमार, सत्य प्रकाश, रज्जन लाल, विनोद कुमार, भाई लाल, अमृतलाल, भगवती छंगा, मोहम्मद इदरीश, रामचंद्र, मन्नू, संगीता, विवेक कुमार, राजेंद्र कुमार, सुजीत और राजू अभी भी जीवित हैं. इन महिलाओं को फर्जी तरीके से भुगतान किया गया है.

वहीं, समाज कल्याण विभाग में शादी अनुदान योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस योजना के तहत गरीब कन्याओं की शादी के लिए 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. योजना में अभिभावकों के खाते में राशि भेजे जाने का प्रावधान है. कानपुर नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में नमूना जांच में इस योजना के तहत 92 फीसदी लाभार्थी फर्जी मिले हैं. इन दोनों क्षेत्रों में 2 वर्षों में 13 परिवारों को इस योजना का लाभ दिया गया था. ग्राम बगदोधी बांगर के शिवेंद्र सिंह व कपिल मिश्रा ग्राम ईश्वरी गंज के सतीश कुमार गौड़, कुसुम सिंह, पूजा झा व उषा देवी, ग्राम हृदयपुर की संगीता और ग्राम दूल के विवेक कुमार के खाते में भी राशि भेजी गई है.

लखनऊ: समाज कल्याण विभाग उम्र के पहले पायदान से लेकर अंतिम पायदान तक के लोगों की मदद करने के दावे करता है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जरूरतमंदों के लिए कई योजनाएं भी चला रही है. लेकिन, विभाग के अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं. अधिकारी विभाग में फर्जीवाड़ा कर योजना में दी जाने वाली रकम हजम करने में लगे हैं. बीते दिनों राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में एक बड़ा घपला सामने आया था. वहीं, अब शादी अनुदान योजना में किए गए खेल का खुलासा हुआ है. इस मामले पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं. इस मामले में समाज कल्याण विभाग के निदेशक राकेश कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं, जिला समाज कल्याण अधिकारी कानपुर नगर अमर जीत सिंह को निलंबित भी किया गया है.


राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में लखनऊ के दो गांव में खेल किया गया. इस योजना के तहत गरीब परिवार के कमाऊ मुखिया की 60 वर्ष की उम्र से पहले मौत होने पर एक मुश्त 30 हजार रुपये दिए जाते हैं. राजधानी के इन दो गांव में 29 फर्जी लाभार्थी मिले थे, इनमें 21 महिलाओं के पति जीवित हैं. 30 हजार रुपये के बंदरबांट के लिए इन महिलाओं के पति को मृत दिखा दिया गया. लखनऊ की तहसील सरोजनी नगर के ग्राम बंथरा और चंद्रावल में 88 लोगों को योजना का लाभ दिया गया था. बंथरा में पिछले दो साल में मिलन देवी, रेखा, सोनी, शशि, सुनीता, रामा, संगीता शर्मा, रघुराई, रुचि सविता, राम रानी, सन्नो, राजकुमारी, स्नीला देवी, मुन्नी, किरण, वंदना, ज्योति, काजल देवी, लीला, रंजना और बजिया को उनके पति की कथित मृत्यु पर इस योजना का लाभ दिया गया था. पड़ताल में सामने आया है कि इन 21 महिलाओं के पति क्रमश: रामप्रकाश, बराती, धर्मवीर, राजोल, शंकर, राम कुमार, सत्य प्रकाश, रज्जन लाल, विनोद कुमार, भाई लाल, अमृतलाल, भगवती छंगा, मोहम्मद इदरीश, रामचंद्र, मन्नू, संगीता, विवेक कुमार, राजेंद्र कुमार, सुजीत और राजू अभी भी जीवित हैं. इन महिलाओं को फर्जी तरीके से भुगतान किया गया है.

वहीं, समाज कल्याण विभाग में शादी अनुदान योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस योजना के तहत गरीब कन्याओं की शादी के लिए 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. योजना में अभिभावकों के खाते में राशि भेजे जाने का प्रावधान है. कानपुर नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में नमूना जांच में इस योजना के तहत 92 फीसदी लाभार्थी फर्जी मिले हैं. इन दोनों क्षेत्रों में 2 वर्षों में 13 परिवारों को इस योजना का लाभ दिया गया था. ग्राम बगदोधी बांगर के शिवेंद्र सिंह व कपिल मिश्रा ग्राम ईश्वरी गंज के सतीश कुमार गौड़, कुसुम सिंह, पूजा झा व उषा देवी, ग्राम हृदयपुर की संगीता और ग्राम दूल के विवेक कुमार के खाते में भी राशि भेजी गई है.

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