लखनऊ : प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शिशुओं को और बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में अहम कदम उठाया गया. सात मेडिकल कॉलेजों में सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) स्थापित की जाएगी. यूनिट खुलने से शिशुओं को उनके जिले में ही उपचार मिल सकेगा. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की तरफ से बजट आवंटित कर दिया गया है. वहीं नौ जिलों में एसएनसीयू को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को जल्द से जल्द यूनिट के संचालन के निर्देश दिए हैं.
सात जिलों में खुलेंगी यूनिट : अयोध्या, हापुड़, लखनऊ के आरएसएम, बस्ती, बांदा, आजमगढ़ और बदांयू मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू खुलेगा. इसके लिए भवन की मरम्मत चार लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया. स्टेब्लेसमेंट के लिए एकमुश्त 12 लाख रुपये प्रदान किया गया हैं. लखनऊ और हापुड के लिए उपकरणों की खरीद के लिए 25 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है.
नौ जिलों में आधुनिक उपकरण लगेंगे : नौ जिलों में एसएनसीयू को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा. बरेली, कानपुर देहात, बुलंदशहर, जालौन, सीतापुर, कानुपर, नगर, इटावा, लखनऊ के वीरांगन आवंती बाई और केजीएमयू के क्वीनमेरी की एसएनसीयू को फोटोथेरेपी, वार्मर समेत दूसरे उपकरणों से लैस किया जाएगा. इसमें बेड भी बढ़ाए जाएंगे. 66 बेड की वृद्धि होगी. इसमें चार से लेकर 12 बेड तक की बढ़ोतरी की जा रही है. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि शिशुओं को बेहतर उपचार मुहैया कराने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है. टेक्नीकल स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. मरीजों को मुफ्त डॉक्टरों की सलाह उपलब्ध कराई जा रही है. दवा व जांच की सुविधा भी फ्री मिल रही है.
ब्लड कैंसर से जुड़ी सभी जांचें केजीएमयू में होंगी : केजीएमयू में अब ब्लड कैंसर से जुड़ी जांच भी होंगी. इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जरूरी संसाधन जुटा लिए गए हैं. 24 घंटे जांच की सुविधा मरीजों को मुहैया कराई जाएगी. केजीएमयू पैथोलॉजी विभाग की डॉ. रश्मि कुशवाहा ने बताया कि हीमैटोलॉजी विभाग के तहत ब्लड कैंसर के मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. काफी तरह की जांचें केजीएमयू में हो रही हैं. सीएमएल व दूसरे तरह के ब्लड कैंसर की जांच की सुविधा नहीं है. जल्द ही ब्लड कैंसर की जांच की सुविधा अस्पताल में शुरू होगी.
क्वीनमेरी की डॉ. निशा सिंह ने बताया कि महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह के कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. समय पर जांच से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. महिलाएं सामान्य जीवन भी जी सकती है. उन्होंने बताया कि अत्याधिक रक्तस्राव होने पर महिलाओं को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. यह एक प्रकार का कैंसर भी हो सकता है. जिनके परिवार के बच्चेदानी समेत दूसरे कैंसर का इतिहास हो उनको अधिक संजीदा रहने की जरूरत है. फैकल्टी इंचार्ज सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च डॉ. अमिता जैन ने कहा कि डाउन सिंड्रोम और थैलीसीमिया समेत दूसरी जांच केजीएमयू में हो रही हैं. बच्चे में खून की कमी होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. लोहिया संस्थान में पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. नुजहत हुसैन ने कहा कि रेडियोलॉजी संबंधी जांच जैसे सीटी व एक्सरे आदि को बार-बार कराने से बचना चाहिए. इससे कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. डॉक्टर की सलाह पर जांच करानी चाहिए. रजिस्ट्रार रेखा एस. चौहान ने कहाकि इस तरह की कार्यशाला से इलाज की तकनीक का आदान प्रदान होता है. इसका सीधा फायदा मरीजों को होता है. केजीएमयू सीएफआर की डॉ. नीतू निगम ने अनुवंशिक बीमारियों का पता लगाना अब और भी आसान हो गया है. गर्भ में पल रहे शिशु की भी जांच कर बीमारी का पता लगा सकते हैं.
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