लखनऊः लघु वन उत्पादों के समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जनजाति आर्थिक सशक्त योजना को लागू किया है. इस योजना से अनुसूचित जनजाति को आर्थिक मजबूती मिलेगी. वहीं इस योजना के कार्य भार की जिम्मेदारी उठाने के लिए उत्तर प्रदेश वन निगम को नामित किया गया है. इस योजना में प्रदेश सरकार ने 320 लाख रुपये उपलब्ध कराए हैं.
जनजातियों को मिलेगी आर्थिक मजबूती
वन निगम कार्यदायी संस्था प्रदेश भर में अनुसूचित जनजातियों के लिए स्वयं सहायता समूह बनाएगी. इसके तहत समूह द्वारा संचालित किये गये लघु वन उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी. इस योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश की जनजातियों के आर्थिक मजबूती को नया आयाम मिलेगा.
योजना में 87 लघु वन उत्पाद
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जनजातियों के आर्थिक विकास के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय बनाया है. इसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चिन्हित 87 लघु वन उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए उत्तर प्रदेश वन निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है.
योजना के लिए मिले 320 लाख रुपये
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनजाति विकास निदेशक और प्रबंध निदेशक को वन निगम के मध्य अनुबंध करते हुए कार्यदायी संस्था को 320 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं. समूह द्वारा संकलित किये गये लघु वन उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा तथा उसको ट्राइफेड के माध्यम से उत्पादों की पैकेजिंग तथा मार्केटिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड के एफपीओ के माध्यम से क्षेत्र में योजना के क्रियान्वयन के लिए तकनीकी सहयोग लिया जायेगा.