लखनऊ : केजीएमयू में शनिवार को छठा लिवर ट्रांसप्लांट हुआ. केजीएमयू में डॉक्टरों की टीम ने लिवर ट्रांसप्लांट करने में सफलता प्राप्त की है. इंदिरा नगर निवासी मनोज द्विवेदी (42) को लिवर सिरोसिस था. वहीं पति की जिंदगी बचाने के लिए पत्नी सरोज आगे आईं. इसके बाद रविवार को ट्रांसप्लांट प्रक्रिया पूरी की गई. डॉ. अभिजीत चंद्रा के मुताबिक मरीज और डोनर की हालत में सुधार है.
मरीज को 9 साल से थी दिक्कत -
मनोज को नौ साल से लिवर की दिक्कत थी. 2010 में नॉन एलकोहॉलिक फैटीलिवर डायगनॉस हुआ था. 2015 में डॉक्टरों ने लिवर सिरोसिस बताया. केजीएमयू में ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद जुलाई में यहां आए और कई टेस्ट करवाए. ट्रांसप्लांट के लिए उनकी पत्नी का लिवर सबसे उपयुक्त पाया गया. बुधवार को ट्रांसप्लांट के लिए एडमिट करवाया गया और रविवार को सुबह ट्रांसप्लांट हुआ.
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इससे पहले भी केजीएमयू के पांच सफल लिवर ट्रांसप्लांट -
केजीएमयू में पहला लिवर ट्रांसप्लांट 14 मार्च को रायबरेली निवासी अमरेंद्र बहादुर सिंह, दूसरा 9 मई को सरोजनीनगर निवासी नवीन बाजपेई (45), तीसरा 14 जून को मड़ियांव निवासी विजय कुमार सोनी, चौथा 26 जून को मेरठ निवासी एक व्यवसायी और पांचवां 19 अगस्त को सुबोध सिंह का हुआ था. यह छठा लिवर ट्रांसप्लांट था. केजीएमयू के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है.
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद 72 घंटे मरीज और डोनर दोनों के लिए बहुत ही अहम है. मरीज का आब्जर्वेशन चल रहा है.
- डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू