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लापरवाही पर चला सरकार का चाबुक, पंचायती राज विभाग के छह अफसर निलंबित

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Published : Jul 6, 2021, 12:32 PM IST

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग लापरवाह अफसरों पर नजरें टेढ़ी कर लिया है. विभाग ने ऐसे छह अफसरों पर निलंबन की कार्रवाई की है. इन अफसरों पर ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण में लापरवाही का आरोप है.

पंचायती राज विभाग के छह अफसर निलंबित
पंचायती राज विभाग के छह अफसर निलंबित

लखनऊः विधानसभा चुनाव में आठ महीने बाकी है, ऐसे में सूबे की योगी सरकार पूरी तरह से एक्शन में दिखाई दे रही है. शासन के निर्देशों के विपरीत लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी तेज हो गई है. पंचायती राज विभाग ने लापरवाही बरतने वाले 6 सहायक विकास अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन अधिकारियों पर ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय बनाने में लापरवाही बरतने का आरोप है.

आरोप है कि इन अफसरों ने शासन के निर्देशों के बावजूद सामुदायिक शौचालय के निर्माण में शिथिलता बरती है. सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूह को हैंडओवर करने में देरी की. इन अफसरों पर सामुदायिक शौचालय की देखरेख के लिए नियुक्त स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भुगतान न करने जैसी लापरवाही के आरोप हैं.


ये हुए निलंबित

पंचायती राज विभाग की निदेशक किंजल सिंह ने 6 सहायक विकास अधिकारियों को निलंबित किया है. इनमें श्रीकांत मिश्रा सहायक विकास अधिकारी मऊ, शशि भूषण मिश्रा सहायक विकास अधिकारी सोनभद्र, वीरेंद्र पाल सहायक विकास अधिकारी कानपुर देहात, राम शिरोमणि पाल सहायक विकास अधिकारी सोनभद्र, नंद कुमार राय सहायक विकास अधिकारी मऊ व ओंकार सिंह सहायक विकास अधिकारी फर्रुखाबाद शामिल हैं.

पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश
पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश

पढ़ें- पंचायती राज विभाग में आधी रात 8 अफसरों के ट्रांसफर


इन्हें मिली नोटिस, ACS की मीटिंग में दी थी गलत जानकारी


वहीं अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह की उच्च स्तरीय बैठक में गलत और भ्रामक जानकारी देने के आरोप में बरेली के प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार को नोटिस दी गई है. पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने अपर मुख्य सचिव की बैठक में विकास योजनाओं से संबंधित कई तरह की प्रगति रिपोर्ट में भ्रामक जानकारी दी थी, जिसके चलते उन्हें नोटिस देते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.


सीएम की बैठक में हुई थी शिकायत, ये थे आरोप


पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित वरिष्ठ अफसरों की टीम ने की बैठक में सामुदायिक शौचालय के निर्माण में लापरवाही की शिकायत की गई थी. यह बात भी सामने आई थी कि स्वयं सहायता समूह की महिला कर्मियों को भी कई जिलों में भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे.


अपर मुख्य सचिव ने दिए कार्रवाई के निर्देश
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह की तरफ से निदेशक पंचायती राज किंजल सिंह को ऐसे ग्राम सभाओं को चिन्हित करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद प्रदेश के जिन जिलों में सहायक विकास अधिकारियों के स्तर पर लापरवाही और शिथिलता बरती जा रही थी उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया गया. अभी शासन ने 6 सहायक विकास अधिकारियों को निलंबित किया है, वहीं दो सहायक विकास अधिकारियों को पहले ही लापरवाही में निलंबित किया जा चुका है. इन अफसरों पर आरोप था सामुदायिक शौचालय के रखरखाव के लिए महिला कर्मचारियों को स्वीकृत धनराशि ट्रांसफर नहीं की गई और ना ही स्वयं सहायता समूह की महिला कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा था. इसके बाद इस प्रकार की कार्रवाई की गई है.

मुख्यालय से संबद्ध हुए अधिकारी
पंचायती राज विभाग के निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि सभी छह निलंबित अधिकारियों को पंचायती राज निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है. इनके खिलाफ उपनिदेशक पंचायत स्तर के अधिकारियों से जांच कराई जा रही है. विभागीय कार्रवाई आगे भी होती रहेगी.

लखनऊः विधानसभा चुनाव में आठ महीने बाकी है, ऐसे में सूबे की योगी सरकार पूरी तरह से एक्शन में दिखाई दे रही है. शासन के निर्देशों के विपरीत लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी तेज हो गई है. पंचायती राज विभाग ने लापरवाही बरतने वाले 6 सहायक विकास अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन अधिकारियों पर ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय बनाने में लापरवाही बरतने का आरोप है.

आरोप है कि इन अफसरों ने शासन के निर्देशों के बावजूद सामुदायिक शौचालय के निर्माण में शिथिलता बरती है. सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूह को हैंडओवर करने में देरी की. इन अफसरों पर सामुदायिक शौचालय की देखरेख के लिए नियुक्त स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भुगतान न करने जैसी लापरवाही के आरोप हैं.


ये हुए निलंबित

पंचायती राज विभाग की निदेशक किंजल सिंह ने 6 सहायक विकास अधिकारियों को निलंबित किया है. इनमें श्रीकांत मिश्रा सहायक विकास अधिकारी मऊ, शशि भूषण मिश्रा सहायक विकास अधिकारी सोनभद्र, वीरेंद्र पाल सहायक विकास अधिकारी कानपुर देहात, राम शिरोमणि पाल सहायक विकास अधिकारी सोनभद्र, नंद कुमार राय सहायक विकास अधिकारी मऊ व ओंकार सिंह सहायक विकास अधिकारी फर्रुखाबाद शामिल हैं.

पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश
पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश

पढ़ें- पंचायती राज विभाग में आधी रात 8 अफसरों के ट्रांसफर


इन्हें मिली नोटिस, ACS की मीटिंग में दी थी गलत जानकारी


वहीं अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह की उच्च स्तरीय बैठक में गलत और भ्रामक जानकारी देने के आरोप में बरेली के प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार को नोटिस दी गई है. पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने अपर मुख्य सचिव की बैठक में विकास योजनाओं से संबंधित कई तरह की प्रगति रिपोर्ट में भ्रामक जानकारी दी थी, जिसके चलते उन्हें नोटिस देते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.


सीएम की बैठक में हुई थी शिकायत, ये थे आरोप


पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित वरिष्ठ अफसरों की टीम ने की बैठक में सामुदायिक शौचालय के निर्माण में लापरवाही की शिकायत की गई थी. यह बात भी सामने आई थी कि स्वयं सहायता समूह की महिला कर्मियों को भी कई जिलों में भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे.


अपर मुख्य सचिव ने दिए कार्रवाई के निर्देश
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह की तरफ से निदेशक पंचायती राज किंजल सिंह को ऐसे ग्राम सभाओं को चिन्हित करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद प्रदेश के जिन जिलों में सहायक विकास अधिकारियों के स्तर पर लापरवाही और शिथिलता बरती जा रही थी उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया गया. अभी शासन ने 6 सहायक विकास अधिकारियों को निलंबित किया है, वहीं दो सहायक विकास अधिकारियों को पहले ही लापरवाही में निलंबित किया जा चुका है. इन अफसरों पर आरोप था सामुदायिक शौचालय के रखरखाव के लिए महिला कर्मचारियों को स्वीकृत धनराशि ट्रांसफर नहीं की गई और ना ही स्वयं सहायता समूह की महिला कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा था. इसके बाद इस प्रकार की कार्रवाई की गई है.

मुख्यालय से संबद्ध हुए अधिकारी
पंचायती राज विभाग के निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि सभी छह निलंबित अधिकारियों को पंचायती राज निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है. इनके खिलाफ उपनिदेशक पंचायत स्तर के अधिकारियों से जांच कराई जा रही है. विभागीय कार्रवाई आगे भी होती रहेगी.

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