लखनऊ. सड़क हादसे में घायल को उचित उपचार न मिलने का वायरल वीडियो का उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने संज्ञान लिया. अधिकारियों को जांच के आदेश दिए. जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हुए. लिहाजा उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर संविदा पर तैनात छह डॉक्टर-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं.
दो नवम्बर रात करीब 12.25 बजे कुशीनगर संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी में पगरा थाना हाटा निवासी धर्मपाल को लाया गया. पुलिस ने धर्मपाल को भर्ती कराया. उस वक्त इमरजेंसी में डॉ. उज्जवल सिंह चिकित्साधिकारी (संविदा), डॉ. नीरज पाण्डेय बालरोग विशेषज्ञ, अरविन्द शर्मा फार्मासिस्ट, सुनील कुशवाहा, राम अशीष संविदा स्टाफ नर्स, विजय बहादुर, मनहरण शुक्ला वार्ड व्वाय, अर्जुन, मुकेश स्वीपर एवं होमगार्ड, बलराम यादव की ड्यूटी पर तैनात थे. डॉक्टरों ने मरीज को देखा. कागजी कार्रवाई पूरी की. प्राथमिक इलाज के बाद मरीज को करीब तीन बजे गोरखपुर स्थित बीआरडी कॉलेज रेफर कर दिया. इमरजेंसी में डॉक्टर व कर्मचारियों ने मरीज के इलाज में कोताही बरती है. इसका वीडियो वायरल हुआ. जिसमें लापरवाही प्रदर्शित हो रही है. इसके आधार पर डिप्टी सीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए. जांच में आरोप सही पाए गए.
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि विभाग की छवि को धूमिल करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. कुशीनगर की घटना बेहद गंभीर है. जांच के बाद उस समय ड्यूटी पर तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी पूर्णतया दोषी हैं. लिहाजा ड्यूटी पर तैनात छह कर्मचारी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किये गए. अन्य दोषी चिकिसाधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध शासन स्तर पर कठोर कार्रवाई की जा रही है. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
वीडियो वायरल में ये तथ्य सामने आए
-घायल व्यक्ति इमरजेंसी कक्ष में अकेला पड़ा है, उसके चेहरे आदि पर गंभीर चोट है, दाहिने हाथ के पंजे पर विगो लगा है.
-कुत्ता इमरजेंसी कक्ष मे घूमता दिखायी पड़ा.
-मरीज के पास ही डस्टबीन कूड़े से भरा दिखा.
-इमरजेंसी में किसी भी टेबल पर कोई दूसरा मरीज नहीं है.
-कोई भी स्टाफ इमरजेंसी में नहीं दिखा.
-घायल जमीन पर लिटाया गया था. उसके नाक एवं मुंह से खून का रिसाव हो रहा है.