लखनऊः हाथरस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से गठित की गई एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी को 7 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. बुधवार को यह समय पूरा हो रहा है. लिहाजा बुधवार को एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप सकती है. मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी ने केस से जुड़े अधिकारी और 100 अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं.
हाथरस कांड में एसआईटी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद की जा रही है. पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी कानून व्यवस्था हाथरस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट व फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दुष्कर्म की बात से इनकार कर चुके हैं. अगर एसआईटी अपनी रिपोर्ट में भी दुष्कर्म न होने की बात करते हुए सबूत उपलब्ध कराती है तो हाथरस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था की दलील को बल मिलेगा. अगर SIT अपनी रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात मानती है तो पुलिस की जांच, दुष्कर्म को लेकर आगे बढ़ेगी. बीते दिनों मुख्यमंत्री ने एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर ही हाथरस के पूर्व एसपी विक्रांत वीर सहित पांच पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की थी.
अब तक क्या-क्या हुआ
- 4 सितंबर को पीड़िता के साथ कथित गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था.
- 19 सितंबर को पुलिस ने FIR में छेड़छाड़ की धाराएं लगाई.
- 22 तारीख को पीड़िता के बयान के आधार पर FIR में दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई.
- 29 सितंबर को दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई.
30 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले की जांच के लिए गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया. डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम को इसका सदस्य बनाया गया. भगवान स्वरूप की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने हाथरस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है.