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उम्भा नरसंहार मामला: एसआईटी को मिली 3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति - लखनऊ खबर

सोनभद्र के उम्भा में हुए नरसंहार मामले में एसआईटी ने जांच कर मार्च महीने में 350 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें 8 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. इनमें 3 पुलिस कर्मचारी और आठ अन्य सरकारी विभाग के अधिकारी शामिल थे, जिनमें से 3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी है.

3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति
3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति
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Published : Sep 18, 2020, 9:12 AM IST

Updated : Sep 18, 2020, 10:09 AM IST

लखनऊ: पिछले वर्ष 17 जुलाई 2019 को सोनभद्र के उम्भा नरसंहार मामले की जांच एसआईटी कर रही थी. इस मामले में सरकार ने एसआईटी को 3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति दी है. जिन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिली है, उसमें इंस्पेक्टर आशीष सिंह, इंस्पेक्टर मूलचंद चौरसिया, इंस्पेक्टर पदम कांत शामिल हैं.

एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस कर्मचारियों को आरोपी बनाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई थी, गुरुवार को शासन ने तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी है.

बता दें कि 17 जुलाई 2020 को जमीन के विवाद को लेकर गोंड जनजाति के 17 सदस्यों को गांव के ग्राम प्रधान यज्ञदत्त और उसके सहयोगियों ने मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए यज्ञ दत्त और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले की जांच के लिए 4 अगस्त को शासन के निर्देशों पर एसआईटी का गठन किया गया था.

एसआईटी ने जांच कर मार्च महीने में 350 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें 8 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. इनमें 3 पुलिस कर्मचारी और आठ अन्य सरकारी विभाग के अधिकारी शामिल थे, जिनमें से 3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार ने अभियोजन स्वीकृति दे दी है.

लखनऊ: पिछले वर्ष 17 जुलाई 2019 को सोनभद्र के उम्भा नरसंहार मामले की जांच एसआईटी कर रही थी. इस मामले में सरकार ने एसआईटी को 3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति दी है. जिन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिली है, उसमें इंस्पेक्टर आशीष सिंह, इंस्पेक्टर मूलचंद चौरसिया, इंस्पेक्टर पदम कांत शामिल हैं.

एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस कर्मचारियों को आरोपी बनाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई थी, गुरुवार को शासन ने तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी है.

बता दें कि 17 जुलाई 2020 को जमीन के विवाद को लेकर गोंड जनजाति के 17 सदस्यों को गांव के ग्राम प्रधान यज्ञदत्त और उसके सहयोगियों ने मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए यज्ञ दत्त और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले की जांच के लिए 4 अगस्त को शासन के निर्देशों पर एसआईटी का गठन किया गया था.

एसआईटी ने जांच कर मार्च महीने में 350 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें 8 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. इनमें 3 पुलिस कर्मचारी और आठ अन्य सरकारी विभाग के अधिकारी शामिल थे, जिनमें से 3 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार ने अभियोजन स्वीकृति दे दी है.

Last Updated : Sep 18, 2020, 10:09 AM IST
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