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एसआईटी ने पूरी की सहकारिता भर्ती घोटाले की जांच

सहकारिता भर्ती घोटाले में एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. एसआईटी ने इस मामले में कई अधिकारियों को दोषी माना है, जिनके खिलाफ एफआईआर के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है.

सहकारिता भर्ती घोटाला.
सहकारिता भर्ती घोटाला.
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Published : Feb 22, 2021, 1:50 AM IST

लखनऊ: सहकारिता भर्ती घोटाले में एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. एसआईटी ने रिपोर्ट शासन को भेजते हुए आगे की कार्रवाई के लिए अनुमोदन मांगा है.

शासन से कार्रवाई के लिए अनुमोदन मांगा

एसआईटी ने इस मामले में कई अधिकारियों को दोषी माना है, जिनके खिलाफ एफआईआर के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है. एसआईटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अप्रैल 2018 में इस भर्ती घोटाले की जांच शुरू की थी. सहकारिता विभाग में 2012 से 2017 के बीच विभिन्न संस्थाओं में 2324 पदों पर नियुक्तियां की गई थीं. एसआईटी ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड में सहायक प्रबंधक के 50 पदों पर हुई भर्तियों की जांच पूरी की थी.

पढ़ें: खनन निदेशक ने फतेहपुर की डीएम अपूर्वा दुबे को दिया प्रशस्ति पत्र

शासन की मंजूरी मिलने के बाद एसआईटी ने उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष राम जतन यादव समेत कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मुख्यमंत्री ने बाकी भर्तियों की जांच एक माह में पूरी करने के निर्देश एसआईटी को दिए थे. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में सहकारी ग्राम विकास बैंक, राज्य भंडारण निगम, पीसीएफ और यूपी कोऑपरेटिव यूनियन जैसी संस्थाओं में हुई भर्तियों में अनियमितता पाई. अब शासन से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है.

लखनऊ: सहकारिता भर्ती घोटाले में एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. एसआईटी ने रिपोर्ट शासन को भेजते हुए आगे की कार्रवाई के लिए अनुमोदन मांगा है.

शासन से कार्रवाई के लिए अनुमोदन मांगा

एसआईटी ने इस मामले में कई अधिकारियों को दोषी माना है, जिनके खिलाफ एफआईआर के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है. एसआईटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अप्रैल 2018 में इस भर्ती घोटाले की जांच शुरू की थी. सहकारिता विभाग में 2012 से 2017 के बीच विभिन्न संस्थाओं में 2324 पदों पर नियुक्तियां की गई थीं. एसआईटी ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड में सहायक प्रबंधक के 50 पदों पर हुई भर्तियों की जांच पूरी की थी.

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शासन की मंजूरी मिलने के बाद एसआईटी ने उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष राम जतन यादव समेत कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मुख्यमंत्री ने बाकी भर्तियों की जांच एक माह में पूरी करने के निर्देश एसआईटी को दिए थे. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में सहकारी ग्राम विकास बैंक, राज्य भंडारण निगम, पीसीएफ और यूपी कोऑपरेटिव यूनियन जैसी संस्थाओं में हुई भर्तियों में अनियमितता पाई. अब शासन से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है.

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