सिंगर, कंपोजर और सॉन्ग राइटर अमाल मलिक लखनऊ में थे. वह जल्द ही एक नए सिंगिंग रियलिटी शो में जज की भूमिका में नजर आने वाले हैं. उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों को जज करना और उन्हें सही गलत का फर्क बताना बाकी दो जजों के लिए अपेक्षाकृत आसान है, क्योंकि वह पहले भी यह काम कर चुके हैं, लेकिन मेरे लिए यह बिल्कुल नया है. देखिए ईटीवी भारत से उनकी खास बातचीत
संगीत की दुनिया के उभरते हुए सितारे अमाल मलिक बहुत कम उम्र में एक म्यूजिक कंपोजर के रूप में फेमस हुए हैं, लेकिन अपनी इस प्रसिद्धि को वह बेहद चुनौतीपूर्ण मानते हैं. कमाल के अनुसार बहुत छोटी उम्र में म्यूजिक कंपोजर का टाइम मिल जाने की वजह से लोगों की उम्मीदें मुझसे जुड़ गई हैं. ऐसे में अपने काम में परफेक्शन लाने का प्रेशर हमेशा मुझ पर बना रहता है. एक नेम टैग के साथ इंडस्ट्री में आने के सवाल पर वह कहते हैं कि मेरे लिए यह वरदान से ज्यादा मुश्किल का सबब रहा है. भले ही इंडस्ट्री में एंट्री आसान हो जाए, लेकिन खुद को साबित करना बेहद मुश्किल होता है. क्योंकि मेरे पिता या दादा ने जिस तरह के गाने बनाए. वह तब के जमाने में बेहद चले और लोगों को लगा था कि मैं भी उनके जैसा ही गाना बनाऊंगा या वैसा ही काम करूंगा जो कि मेरे लिए बिल्कुल अलग है.
23 की उम्र में म्यूजिक कंपोजर बन जाने के बाद काम का प्रेशर अधिक बढ़ गया. इसकी वजह से मैंने 2 साल का ब्रेक लिया. लखनऊ आने के सवाल पर अमाल कहते हैं कि मैं 11 साल बाद लखनऊ आया हूं, लेकिन मुझे इस बात का बहुत दुख है कि मैं पहले क्यों नहीं आया. सबसे बड़ी बात है कि यहां बड़ी-बड़ी बिल्डिंग के बजाय छोटे- छोटे घर देखते हैं, जो देखने में बेहद खूबसूरत होते हैं. मैं यहां कुछ दिन रहा भी हूं मुझे यहां का मौसम भी काफी पसंद है. मैं लखनऊ दोबारा जरूर आना चाहूंगा.