लखनऊ: आवश्यक वित्तीय सहायता के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की सहायता करने के लिए काम कर रही भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने कोविड महामारी से निपटने में सहयोग के लिए श्वास और आरोग्य नाम से दो नयी योजनाओं की शुरुआत की है.
हेल्थ केयर क्षेत्र में मिलेगी सहायता
श्वास योजना कोविड 19 की दूसरी लहर के खिलाफ हेल्थकेयर क्षेत्र में सिडबी की सहायता से संबंधित है. वहीं आरोग्य को महामारी के दौरान एमएसएमई इकाइयों की रिकवरी और संवृद्धि के लिए तुरंत कर्ज की सहायता उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया है. यह योजना ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति से संबंधित उत्पादन को बढ़ाने और सेवाएं उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करती है.
45 घंटे में मिलेगा लोन
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मोहम्मद मुस्तफा (आइएएस) ने बताया कि इन योजनाओं में सभी दस्तावेजों व सूचनाओं के प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर 4.50 फीसदी से 6 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर एमएसएमई इकाईयों को 2 करोड़ रुपये की राशि तक 100 फीसदी वित्त पोषण की परिकल्पना की गई है. योजनाओं का विवरण सिडबी वेबसाइट पर उपलब्ध है.
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2020 में लाए थे सेफ योजना
मोहम्मद मुस्तफा के मुताबिक बीते साल 25 मार्च को सिडबी ने कोरोना वायरस के खिलाफ आपातकालीन प्रतिक्रिया को सुगम बनाने के लिए सेफ नामक योजना की भी शुरुआत की थी. ये योजना उन सभी एमएसएमई इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए थी, जो कोरोना वायरस से लड़ने से संबंधित किसी भी उत्पाद जैसे हैंड सैनिटाइजर, मास्क, बॉडी सूट, वेंटिलेटर, टेस्टिंग लैब आदि का निर्माण कर रहे हों. वित्तीय वर्ष 2021 में कोविड 19 से लड़ने के लिए उत्पादों का उत्पादन करने वाली 400 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को सेफ के तहत कुल 178 करोड़ रुपये की राशि की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है.
संकट की घड़ी में मदद करना उद्देश्य
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पात्र एमएसएमई इकाइयां जो इस संकट की घड़ी में नागरिकों की मदद के लिये समस्त स्तरों पर स्वास्थ्यपरक सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए अपना परिचालन कर रही हैं, उन्हें ऋण सुविधा उपलब्ध हो.