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जन्माष्टमी पर इन मंत्रों के जाप से होगी धनवर्षा, पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

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Published : Aug 29, 2021, 8:08 AM IST

भगवान कृष्ण को विष्णु जी का पूर्णावतार माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधि पूर्वक पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है.

Shree Krishna Janmashtami 2021
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि

लखनऊ : shri krishna janmashtami 30 august 2021- भगवान श्रीकृष्ण ने भादौ माह में ही रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था. 30 अगस्त को रोहणी नक्षत्र व हर्षण योग रहेगा. देश भर के सभी कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी विशेष धूमधाम के साथ मनाई जाती है. जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग मानते हैं. द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब भी जयंती योग पड़ा था.

भगवान कृष्ण को विष्णु जी का पूर्णावतार माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधि पूर्वक पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है.

कृष्ण जन्माष्टमी पर करना चाहिए इन मंत्रों का जाप

‘गोवल्लभाय स्वाहा'

इसे भगवान कृष्ण का सप्ताक्षर मंत्र कहा जाता है, इस मंत्र का जाप करने से संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है. पूर्ण सिद्धि प्राप्ति के लिए इस मंत्र का सवा लाख बार जाप करना चाहिए.

‘कृं कृष्णाय नमः'

ये भगवान कृष्ण का मूल मंत्र है, जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करने से कृष्ण की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है. भगवान कृष्ण का यह मंत्र सभी कष्ट और संकट दूर करने वाला है. इस मंत्र के जाप से रुका हुआ धन भी प्राप्त होता है.

'क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः'

भगवान कृष्ण का यह मंत्र धन-धान्य में वृद्धि करने वाला माना जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करने तथा बाद में पूर्ण आहूति का हवन करना चाहिए.

'ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय'

इस मंत्र के जाप से वैवाहिक जीवन में आने वाले सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं.

‘ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा'

इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोवाछिंत फल की प्राप्ति होती है.

लखनऊ : shri krishna janmashtami 30 august 2021- भगवान श्रीकृष्ण ने भादौ माह में ही रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था. 30 अगस्त को रोहणी नक्षत्र व हर्षण योग रहेगा. देश भर के सभी कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी विशेष धूमधाम के साथ मनाई जाती है. जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग मानते हैं. द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब भी जयंती योग पड़ा था.

भगवान कृष्ण को विष्णु जी का पूर्णावतार माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधि पूर्वक पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सिद्धियों की भी प्राप्ति होती है.

कृष्ण जन्माष्टमी पर करना चाहिए इन मंत्रों का जाप

‘गोवल्लभाय स्वाहा'

इसे भगवान कृष्ण का सप्ताक्षर मंत्र कहा जाता है, इस मंत्र का जाप करने से संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है. पूर्ण सिद्धि प्राप्ति के लिए इस मंत्र का सवा लाख बार जाप करना चाहिए.

‘कृं कृष्णाय नमः'

ये भगवान कृष्ण का मूल मंत्र है, जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करने से कृष्ण की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है. भगवान कृष्ण का यह मंत्र सभी कष्ट और संकट दूर करने वाला है. इस मंत्र के जाप से रुका हुआ धन भी प्राप्त होता है.

'क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः'

भगवान कृष्ण का यह मंत्र धन-धान्य में वृद्धि करने वाला माना जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करने तथा बाद में पूर्ण आहूति का हवन करना चाहिए.

'ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय'

इस मंत्र के जाप से वैवाहिक जीवन में आने वाले सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं.

‘ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा'

इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोवाछिंत फल की प्राप्ति होती है.

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