लखनऊ : 23 जनवरी को सड़क सुरक्षा माह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में ह्यूमन चेन बनाई गई थी. उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में से बेहतरीन मानव श्रृंखला श्रावस्ती जिले में बनाई गई. जिलाधिकारी नेहा प्रकाश के नेतृत्व में यह ह्यूमन चेन तैयार हुई. बेहतरीन ह्यूमन चेन बनाने के लिए शनिवार को सड़क सुरक्षा माह के समापन अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद और परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने श्रावस्ती की जिलाधिकारी नेहा प्रकाश को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया. श्रावस्ती की डीएम नेहा प्रकाश ने "ईटीवी भारत" से विशेष बातचीत की.
सवाल : सड़क हादसे में जानें जा रही हैं कोरोना से ज्यादा सड़क सुरक्षा में लोग मर रहे हैं आपने हुमन चैन बनाई?
जवाब : 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर श्रावस्ती में ह्यूमन चेन बनाई गई जिसमें 5,10000 लोगों ने प्रतिभाग किया. इसमें स्कूली बच्चों के अलावा सामान्य नागरिकों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. मानव श्रृंखला बनाने का उद्देश्य था जो ट्रैफिक रूल्स है उसको लेकर जन जागरूकता का वृहद कार्यक्रम हो. लोगों में एक जागरूकता आए कि कैसे ट्रैफिक रूल्स का पालन करना है जिससे दुर्घटना में कमी आ सके.'
सवाल : आपकी नजर में कहां कमी रह जाती है कि सड़क हादसे नहीं रुक पा रहे हैं?
जवाब : 'नागरिकों का यह कर्तव्य होता है कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करें. अगर उसमें थोड़ी सी भी शिथिलता होगी तो बहुत ही भयानक एक्सीडेंट हो जाते हैं. हमारे भी प्रयास रहते हैं कि एक्सीडेंट के बाद तुरंत मेडिकल हेल्प पहुंचाई जाए. इसमें सबसे ज्यादा रोल है कि अगर सिटीजंस ट्रैफिक नियमों का पालन करें तो वह सुरक्षित रहेंगे. इसके अलावा जनपद में हर माह सड़क सुरक्षा समिति के बैठक भी होती है, जिसमें हम ब्लैक स्पॉट का चिन्हीकरण और उसके सुधार की व्यवस्था करते हैं और बाकी अन्य पहलुओं पर भी विचार करते हैं. कमियों को दूर कराया जाता है. इंफ्रास्ट्रक्चर की चीजें प्रोवाइड करते हैं. हम सभी से अपील करते हैं कि ट्रैफिक नियमों का पालन जरूर करें.'
सवाल : क्या आप सड़क दुर्घटना के लिए खराब सड़क या फिर ब्लैक स्पॉट को बड़ी वजह मानती हैं?
जवाब : 'सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती है. इसमें नियमित अनुश्रवण हो रहा है और ब्लैक स्पॉट पर कार्रवाई भी की जा रही है. विभागीय स्तर पर भी इनका चिन्हीकरण हुआ है और बहुत सारे सुधार शीघ्र गति से किए गए हैं.'
सवाल : युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी क्योंकि सबसे ज्यादा युवा ही हादसे का शिकार हो रहे हैं?
जवाब : 'मैं सभी युवाओं को यह संदेश देना चाहूंगी कि आपका जीवन अमूल्य है और आपके जीवन की सुरक्षा आपके हाथ में है. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है. ट्रैफिक के नियमों का पालन करना है. नियमों की जानकारी रखनी है. हेलमेट पहनकर ही बाइक या फिर स्कूटर चलाना है. ड्रंकन ड्राइविंग बिल्कुल नहीं करना है. अगर आप किसी पार्टी में जाते हैं तो कोई आपके घर का मेंबर हो जिसने ड्रिंक न किया हो, वही गाड़ी चलाए. इन सब बातों से आप अपनी सेफ्टी और सिक्योरिटी सुनिश्चित कर सकते हैं.'
यह भी पढ़ें : Prisoner In Up Jail : किसी को नहीं मिला जमानतदार तो किसी के पास जुर्माना भरने को पैसे नहीं, जेल में ऐसे कैदियों की भरमार
Human Chain बनाकर प्रदेश में इस जिले की डीएम ने पाया पहला स्थान, जानें कौन हैं ये जिलाधिकारी
श्रावस्ती जिले में 23 जनवरी को 5 किमी की मानव श्रृंखला (Human Chain) बनाई गई थी. इसमें 5 लाख 10 हजार लोगों ने भाग लिया था. यह मानव श्रृंखला जिलाधिकारी नेहा प्रकाश के नेतृत्व में तैयार हुई थी. डीएम नेहा प्रकाश ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
लखनऊ : 23 जनवरी को सड़क सुरक्षा माह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में ह्यूमन चेन बनाई गई थी. उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में से बेहतरीन मानव श्रृंखला श्रावस्ती जिले में बनाई गई. जिलाधिकारी नेहा प्रकाश के नेतृत्व में यह ह्यूमन चेन तैयार हुई. बेहतरीन ह्यूमन चेन बनाने के लिए शनिवार को सड़क सुरक्षा माह के समापन अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद और परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने श्रावस्ती की जिलाधिकारी नेहा प्रकाश को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया. श्रावस्ती की डीएम नेहा प्रकाश ने "ईटीवी भारत" से विशेष बातचीत की.
सवाल : सड़क हादसे में जानें जा रही हैं कोरोना से ज्यादा सड़क सुरक्षा में लोग मर रहे हैं आपने हुमन चैन बनाई?
जवाब : 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर श्रावस्ती में ह्यूमन चेन बनाई गई जिसमें 5,10000 लोगों ने प्रतिभाग किया. इसमें स्कूली बच्चों के अलावा सामान्य नागरिकों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. मानव श्रृंखला बनाने का उद्देश्य था जो ट्रैफिक रूल्स है उसको लेकर जन जागरूकता का वृहद कार्यक्रम हो. लोगों में एक जागरूकता आए कि कैसे ट्रैफिक रूल्स का पालन करना है जिससे दुर्घटना में कमी आ सके.'
सवाल : आपकी नजर में कहां कमी रह जाती है कि सड़क हादसे नहीं रुक पा रहे हैं?
जवाब : 'नागरिकों का यह कर्तव्य होता है कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करें. अगर उसमें थोड़ी सी भी शिथिलता होगी तो बहुत ही भयानक एक्सीडेंट हो जाते हैं. हमारे भी प्रयास रहते हैं कि एक्सीडेंट के बाद तुरंत मेडिकल हेल्प पहुंचाई जाए. इसमें सबसे ज्यादा रोल है कि अगर सिटीजंस ट्रैफिक नियमों का पालन करें तो वह सुरक्षित रहेंगे. इसके अलावा जनपद में हर माह सड़क सुरक्षा समिति के बैठक भी होती है, जिसमें हम ब्लैक स्पॉट का चिन्हीकरण और उसके सुधार की व्यवस्था करते हैं और बाकी अन्य पहलुओं पर भी विचार करते हैं. कमियों को दूर कराया जाता है. इंफ्रास्ट्रक्चर की चीजें प्रोवाइड करते हैं. हम सभी से अपील करते हैं कि ट्रैफिक नियमों का पालन जरूर करें.'
सवाल : क्या आप सड़क दुर्घटना के लिए खराब सड़क या फिर ब्लैक स्पॉट को बड़ी वजह मानती हैं?
जवाब : 'सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती है. इसमें नियमित अनुश्रवण हो रहा है और ब्लैक स्पॉट पर कार्रवाई भी की जा रही है. विभागीय स्तर पर भी इनका चिन्हीकरण हुआ है और बहुत सारे सुधार शीघ्र गति से किए गए हैं.'
सवाल : युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी क्योंकि सबसे ज्यादा युवा ही हादसे का शिकार हो रहे हैं?
जवाब : 'मैं सभी युवाओं को यह संदेश देना चाहूंगी कि आपका जीवन अमूल्य है और आपके जीवन की सुरक्षा आपके हाथ में है. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है. ट्रैफिक के नियमों का पालन करना है. नियमों की जानकारी रखनी है. हेलमेट पहनकर ही बाइक या फिर स्कूटर चलाना है. ड्रंकन ड्राइविंग बिल्कुल नहीं करना है. अगर आप किसी पार्टी में जाते हैं तो कोई आपके घर का मेंबर हो जिसने ड्रिंक न किया हो, वही गाड़ी चलाए. इन सब बातों से आप अपनी सेफ्टी और सिक्योरिटी सुनिश्चित कर सकते हैं.'
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