लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एकेडमी ब्लॉक सभागार में रविवार को शोल्डर इमेजिंग विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यशाला में देशभर से कई विशेषज्ञ शामिल हुए. कार्यशाला में कंधे में लगी चोटों के सही इलाज और इलाज की प्रक्रिया के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई.
आयोजन में पीजीआई चंडीगढ़ से आए डॉ. महेश प्रकाश ने कहा कि कंधे की चोट लगने पर लोग एमआरआई जैसी महंगी जांच करवाते हैं, लेकिन यह जांचे अल्ट्रासाउंड से भी हो सकती हैं. साथ ही अल्ट्रासाउंड से चोट के साथ कंधे के अन्य समस्याओं को भी पकड़ा जा सकता है. उन्होंने बताया कि एमआरआई से भी कई सुविधाएं मिलती हैं कंधे के चोट में कार्टिलेज की जांच के लिए एमआरआई से सटीक जानकारी मिल सकती है.
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में रेडियो डायग्नोसिस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. समरेंद्र ने कहा कि कंधे की चोट की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड बेहद सटीक और सुरक्षित उपाय हो सकता है, क्योंकि इसमें रेडिएशन का खतरा नहीं रहता है जबकि एक्स-रे और अन्य जांच में रेडिएशन का खतरा बना रहता है.
उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड की जांच एमआरआई आदि के मुकाबले काफी सस्ता भी है, जहां आप एमआरआई के लिए 5 हजार रुपये तक खर्च करते हैं. वहीं 300 से 500 रुपये में अल्ट्रासाउंड की जांच हो सकती है.