लखनऊः प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुधवार को प्रसपा प्रदेश मुख्यालय में हुई. बैठक में राज्य व केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में अभियान चलाने की रणनीति बनी. इसके साथ ही वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने के लिए आह्वान भी किया गया. बैठक में प्रसपा सुप्रीमो ने शिवपाल यादव ने 21 दिसम्बर को मेरठ में 'किसान-नौजवान महासम्मेलन' करने का ऐलान किया. इसके अलावा शिवपाल ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से जुटने और प्रसपा के प्रभावी नेतृत्व वाली सरकार बनाने का आह्वान किया.
केंद्र की नीतियों के विरोध में करेंगे लोगों को जागरूक
शिवपाल ने कहा कि नए कानूनों के तहत सरकार मंडियों को छीनकर कॉरपोरेट कंपनियों को देना चाहती है. अधिकांश छोटे जोत के किसानों के पास न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए लड़ने की ताकत है और न ही वह इंटरनेट पर अपने उत्पाद का सौदा कर सकते हैं. इससे तो किसान बस अपनी जमीन पर मजदूर बन के रह जाएगा. शिवपाल यादव ने कहा कि इन्हीं तथ्यों की ओर केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य से प्रसपा (लोहिया) 21 दिसम्बर को मेरठ में 'किसान नौजवान महासम्मेलन' का आयोजन कर रही है. इसका उद्देश्य अन्नदाताओं के पक्ष में स्वर मुखर करना है. इसी क्रम में प्रसपा 23 दिसम्बर को चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान संघर्ष दिवस के रूप में मनाएगी.
गैर भाजपा दलों की एकजुटता का आह्वान
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने गैर भाजपा दलों की एकजुटता का आह्वान किया. कहा, गैर भाजपावाद समय की मांग है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गांव, गरीब, किसान, पिछड़े, दलित, व्यवसायी, मध्यवर्ग और युवाओं को सिर्फ छला है. सरकार शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और इलाज उपलब्ध करा पाने में पूर्णतया नाकामयाब रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में सबसे परेशान किसान हैं. पिछले साल जो धान 2400 रुपये क्विंटल बिका था वह इस बार 1100 से 1300 रुपये के बीच बिक रहा है. गन्ने का समर्थन मूल्य पिछले कुछ सालों से एक रुपया भी नहीं बढ़ा है और अभी तक पिछले साल के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हुआ है.
24 दिसंबर को पदयात्रा निकालने का आह्वान
शिवपाल ने कहा कि 24 दिसम्बर से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में गांव-गांव पद यात्रा अभियान चलाएगी. इस पद यात्रा का उद्देश्य प्रदेश के हर गांव में पहुंचना और पार्टी व राष्ट्रीय अध्यक्ष के विचारों को जनता तक पहुंचाना है. पार्टी इस संकल्प को 'गांव-गांव पहुंचे प्रसपा जन के पांव' के नारे के साथ आगे बढ़ाएगी. शिवपाल यादव ने कहा कि किसानों और विपक्ष की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार पुनर्विचार करे.