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Swabhiman Bachao Rally : कड़ाके की सर्दी में हुई शिक्षामित्र स्वाभिमान बचाओ रैली

उत्तर प्रदेश में सैकड़ों शिक्षामित्रों ने कड़ाके की सर्दी के बीच सैकड़ों की संख्या में लखनऊ के ईको गार्डन पार्क में पहुंचकर शिक्षामित्र स्वाभिमान बचाओ रैली (Swabhiman Bachao Rally) में भाग लिया.

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Published : Jan 13, 2023, 10:01 AM IST

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लखनऊ : शिक्षामित्रों ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को इको गार्डन में प्रदर्शन किया. करीब 5 हजार शिक्षा मित्रों ने अपनी मांगों को लेकर स्वाभिमान बचाओ रैली की. इस दौरान शिक्षामित्रों ने कड़ाके की सर्दी में एकजुटता दिखाते हुए जोरदार नारेबाजी कर अपनी मांगें रखीं. शिक्षामित्र मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़े थे, हालांकि पुलिस ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद से कराई. महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री के समक्ष मानदेय बढ़ाने समय दूसरी मांगों को रखेंगे.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि 'पिछले कई सालों से शिक्षा मित्र खुद को असहज और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बार-बार उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा देने के बावजूद कोई फैसला नहीं लिया गया.' उन्होंने कहा कि 'आज हमारे पास करीब 60 हजार टीईटी पास शिक्षा मित्र मौजूद हैं, लेकिन फिर भी शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं हो सका है.' शिक्षामित्रों ने कहा कि 'हमारी सैलरी इतनी कम है कि आज हम अपने मां-बाप तक का ढंग से इलाज नहीं करा पा रहे हैं. बच्चों को अच्छी शिक्षा तक नहीं दिला पा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षामित्रों का समायोजन करें. टीईटी पास लोगों को सही समय पर टीचर बनाएं.




सभी शिक्षामित्रों ने कहा कि 'हम सीएम योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा करते हैं वो हमारी मांग सुनेंगे.' बदायूं के सत्येंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि 'बनारस में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की रक्षा की जिम्मेदारी ली थी. अब समय आ गया है कि वह अपना वादा पूरा करें. सभी शिक्षा मित्रों का समायोजन करके उन्हें स्थायी शिक्षक बनाएं.' जौनपुर के राधेश्याम ने कहा कि 'बहुत सारे साथी आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर रहे हैं, उनकी सैलरी बढ़ाएं.' उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला व महामंत्री सुनील यादव ने कहा कि 'शिक्षामित्र महज 10 हजार के मानदेय में ग्रामीण व शहरी स्कूलों में गरीब बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर विचार कर इसका तुरंत निस्तारण करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें : Fake Appointment In Health Department : स्वास्थ्य विभाग के 143 कर्मचारी जल्द होंगे बर्खास्त

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लखनऊ : शिक्षामित्रों ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को इको गार्डन में प्रदर्शन किया. करीब 5 हजार शिक्षा मित्रों ने अपनी मांगों को लेकर स्वाभिमान बचाओ रैली की. इस दौरान शिक्षामित्रों ने कड़ाके की सर्दी में एकजुटता दिखाते हुए जोरदार नारेबाजी कर अपनी मांगें रखीं. शिक्षामित्र मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़े थे, हालांकि पुलिस ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद से कराई. महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री के समक्ष मानदेय बढ़ाने समय दूसरी मांगों को रखेंगे.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि 'पिछले कई सालों से शिक्षा मित्र खुद को असहज और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बार-बार उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा देने के बावजूद कोई फैसला नहीं लिया गया.' उन्होंने कहा कि 'आज हमारे पास करीब 60 हजार टीईटी पास शिक्षा मित्र मौजूद हैं, लेकिन फिर भी शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं हो सका है.' शिक्षामित्रों ने कहा कि 'हमारी सैलरी इतनी कम है कि आज हम अपने मां-बाप तक का ढंग से इलाज नहीं करा पा रहे हैं. बच्चों को अच्छी शिक्षा तक नहीं दिला पा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षामित्रों का समायोजन करें. टीईटी पास लोगों को सही समय पर टीचर बनाएं.




सभी शिक्षामित्रों ने कहा कि 'हम सीएम योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा करते हैं वो हमारी मांग सुनेंगे.' बदायूं के सत्येंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि 'बनारस में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों की रक्षा की जिम्मेदारी ली थी. अब समय आ गया है कि वह अपना वादा पूरा करें. सभी शिक्षा मित्रों का समायोजन करके उन्हें स्थायी शिक्षक बनाएं.' जौनपुर के राधेश्याम ने कहा कि 'बहुत सारे साथी आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर रहे हैं, उनकी सैलरी बढ़ाएं.' उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला व महामंत्री सुनील यादव ने कहा कि 'शिक्षामित्र महज 10 हजार के मानदेय में ग्रामीण व शहरी स्कूलों में गरीब बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर विचार कर इसका तुरंत निस्तारण करना चाहिए.'

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