लखनऊ: लंबे समय से देश में अयोध्या विवाद सुर्खियों का सबब बना हुआ है, जिसकी सुनवाई रोजाना सुप्रीम कोर्ट में जारी है. वहीं सभी पक्षों से सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर तक दलीलें पूरी करने की मियाद तय की है, जिस बीच सुप्रीम कोर्ट के बाहर इस मामले की मध्यस्थता की कोशिशें भी जारी है. ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड ने किसी भी मध्यस्थता की बैठक में शरीक नहीं होने का फैसला किया है.
मध्यस्थता की बैठक में शामिल नहीं होगा शिया वक्फ बोर्ड
बुधवार को बयान जारी कर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह से सुलह समझौता नहीं किया जाएगा. रिजवी ने अपने जारी किए हुए बयान में कहा कि राम मंदिर विवाद के सम्बंध में आज हो रही मिडिएशन कमेटी की मीटिंग में शिया वक्फ बोर्ड शामिल नहीं हो रहा है. रिजवी ने कहा कि मिडीएशन कमेटी की तरफ से 9 अक्टूबर की बैठक के सम्बंध में उन्हें मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें आज की बैठक में उन्हें आमंत्रित किया गया था.
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कोर्ट के फैसले के इंतजार करेगा शिया वक्फ बोर्ड
रिजवी ने कहा कि राम मंदिर प्रकरण माननीय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के आखिरी दौर में है. मुस्लिम पक्षकार आज भी राम जन्म स्थान पर बाबरी मस्जिद बनाए जाने पर अड़े हैं. वसीम रिजवी ने कहा कि समझौते की बात तब तक नहीं हो सकती जब तक कि सुन्नी पक्षकार लिखित रूप से राम मंदिर बनाए जाने की अपनी सहमति न दे दें. रिजवी ने अपने बयान में साफ किया कि शिया वक्फ बोर्ड अब कोर्ट के फैसले के इंतजार में है.