लखनऊः मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नकवी ने कर्नाटक राज्य में हिजाब विवाद में अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है. कल्बे जवाद ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि 'वह अदालत का बेहद सम्मान करते हैं लेकिन ऐसा महसूस होता है कि हिजाब के मसले को सही तरीके से समझने की कोशिश नहीं की गयी.
जारी बयान में इमामे जुमा मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि 'मुसलमान पूरे हिंदुस्तान में जहां भी संभव हो अपने शिक्षण संस्थानों का निर्माण करें.' उन्होंने कहा कि 'यह जरूरी नहीं है कि हम पहले पहल बड़े बड़े स्कूलों और कॉलेजों को स्थापित करने का प्रयास करें. बल्कि पहले छोटे स्कूलों से ही इस दिशा में प्रयास किया जा सकता है. मौलाना ने कहा कि 'ज्यादा से ज़्यादा स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना मिल्लत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ताकि हम किसी दूसरे के मोहताज न रहें. हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना है ताकि हमारी पहचान को कोई ख़त्म करने का प्रयास न करें.'
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मौलाना ने अपने बयान में आगे कहा कि 'हिजाब शिक्षा हासिल करने में बाधा नहीं है, यह गलतफहमी और इस्लामोफोबिया की बदतरीन शक्ल हैं. हिंदुस्तान में दीगर कौमे अपनी धार्मिक और सामाजिक पहचान के साथ ज़िन्दगी गुज़ार सकती हैं तो फिर मुसलमानों की पहचान खत्म करने की कोशिश क्यों हो रही हैं? इसलिए हम मांग करते हैं कि छात्राओं को हिजाब पहनकर स्कूलों में प्रवेश की अनुमति दी जाए और इस तरह के अनावश्यक मुद्दों को उठाने के बजाय देश में विकास, समृद्धि और अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए काम किया जाना चाहिए.' मौलाना ने आख़िर में एक बार फिर मुसलमानों से अपने स्कूलों और कॉलेजों का निर्माण करने का आग्रह किया ताकि दूसरों की मोहताजी का सिलसिला खत्म हो सके.