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शिया धर्मगुरु ने की मांग, मोहर्रम पर ताजिया निकालने की दी जाए अनुमति

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने मोहर्रम को लेकर जारी गाइ़डलाइन में सरकार से संशोधन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार को ताजिया उठाने की अनुमति देनी चाहिए.

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जानकारी देते ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास.
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Published : Aug 21, 2020, 12:59 AM IST

लखनऊ: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता व शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने सरकार की ओर से मोहर्रम को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में संशोधन की मांग की है. उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना महामारी के चलते बड़े जुलूस निकालने की अनुमित न दी जाए लेकिन सरकार को ताजिया उठाने की अनुमति देनी चाहिए.

जानकारी देते ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास.

ईटीवी भारत से बातचीत में शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मोहर्रम के मद्देनजर सरकार को जारी की हुई गाइडलाइन में संशोधन करने की जरूरत है क्योंकि मोहर्रम कोई पर्व नहीं गम का महीना होता है. उन्होंने कहा सरकार को ताजिया उठाने की अनुमित जरूर देनी चाहिए. मुस्मिल धर्मगुरु ने कहा कि 21 साल अजादारी लखनऊ शहर में बंद रही लेकिन परंपरागत तरीके से ताजिया उठते चले आए हैं. इस पर किसी प्रकार की रोक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ताजिया निकालने की मांग को लेकर मैंने प्रदेश के कई आला अधिकारियों के साथ देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी अपनी बात रखी है.

उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से ताजिया उठाने को लेकर नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, जो चिंता का विषय है. गौरतलब है कि मोहर्रम पर राजधानी लखनऊ में कई ऐतिहासिक बड़े जुलूस निकाले जाते रहे हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकार ने बड़े जुलूसों और धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया है.

लखनऊ: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता व शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने सरकार की ओर से मोहर्रम को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में संशोधन की मांग की है. उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना महामारी के चलते बड़े जुलूस निकालने की अनुमित न दी जाए लेकिन सरकार को ताजिया उठाने की अनुमति देनी चाहिए.

जानकारी देते ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास.

ईटीवी भारत से बातचीत में शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मोहर्रम के मद्देनजर सरकार को जारी की हुई गाइडलाइन में संशोधन करने की जरूरत है क्योंकि मोहर्रम कोई पर्व नहीं गम का महीना होता है. उन्होंने कहा सरकार को ताजिया उठाने की अनुमित जरूर देनी चाहिए. मुस्मिल धर्मगुरु ने कहा कि 21 साल अजादारी लखनऊ शहर में बंद रही लेकिन परंपरागत तरीके से ताजिया उठते चले आए हैं. इस पर किसी प्रकार की रोक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ताजिया निकालने की मांग को लेकर मैंने प्रदेश के कई आला अधिकारियों के साथ देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी अपनी बात रखी है.

उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से ताजिया उठाने को लेकर नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, जो चिंता का विषय है. गौरतलब है कि मोहर्रम पर राजधानी लखनऊ में कई ऐतिहासिक बड़े जुलूस निकाले जाते रहे हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकार ने बड़े जुलूसों और धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया है.

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